आजतक फैक्ट चेक न्यूज़ (Fact Check News) में किसी भी तरह का राजनीतिक या परिस्थितिजन्य भेदभाव न करते हुए किसी ख़बर को फैक्ट चेक के लिए चुनने में पूरी तरह से निष्पक्ष रहते हैं. फैक्ट चेक प्रक्रिया शुरू करने के लिए किसी दावे के चयन में पहला कदम दर्शकों से मिले अनुरोध को देखना होता है. संभावित सूचनाओं, दुष्प्रचार, संदिग्ध वायरल पोस्ट और गलत सूचनाओं, जैसे किसी सार्वजनिक हस्ती के विवादास्पद बयान आदि के लिए लगातार मेनस्ट्रीम और सोशल मीडिया पर नजर रखा जाता है. कीस भी तरह के उकसाने वाले हैशटैग या वायरल वीडियो, मीम्स, फेसबुक पेज और वॉट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप के द्वारा पहुंच सकते हैं.
एक बार जब फैक्ट चेक के लिए सामग्री तय हो जाती है, तो रिसर्च और जांच के लिए मौके पर जाकर क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाता है. फिर ख़बर तैयार करना और उसकी समीक्षा के लिए हम सत्यापित तथ्यों को देखते हैं और प्रासंगिक दृष्टिकोण के साथ ही सरल, सटीक और पारदर्शी तरीके से पेश करते हैं. फैक्ट चेक की ख़बर के प्रकाशन के बाद पाठकों और दर्शकों द्वारा स्टोरी पर या सोशल मीडिया के द्वारा की गई टिप्पणियों के रूप में मिले फीडबैक पर गहरी नजर रखी जाती है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यूनिफॉर्म पहने हुए कुछ लोग कई तरह के फलों और सब्जियों पर आर्टिफिशियल रंग छिड़ता हुआ दिख रहा है. वीडियो को शेयर कर रहे लोगों का दावा है कि ये वीडियो चीन की एक कंपनी का है जो लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है. आजतक ने इस वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया है.
सोशल मीडिया पर AIMIM नेता और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में ओवैसी किसी मंदिर में हनुमान जी की आरती करते हुए दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो का आजतक की टीम ने फैक्ट चेक किया है.
हमने डेटा खरीदने के बहाने 'proxyearth.org' वेबसाइट चलाने वाले शख्स राकेश से बात की. उसने न सिर्फ इसमें दिलचस्पी दिखाई बल्कि ये भी बताया कि वो बिहार का रहने वाला है और इस वेबसाइट को बनाने के पीछे उसका मकसद क्या है.
इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी और सुरक्षाबल के लोग मिलकर दो युवकों को पकड़कर डंडे से पीटते हुए नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो यूपी का है और पुलिस सीएम योगी को काले झंडे दिखाने वाले व्यक्ति को पीट रही है. आजतक की टीम ने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया है.
वीडियो के साथ कुछ लोगों का कहना है कि एक अमेरिकी महिला टूरिस्ट ने उदयपुर की एक पवित्र झील में खुलेआम शौच कर दिया और इसे गंदा किया. हालांकि आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो भारत नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया का है.
इथियोपिया के हायली गुब्बी ज्वालामुखी विस्फोट से जोड़कर वायरल हो रहा सड़क पर बहते लावा वाला वीडियो असली नहीं, बल्कि AI से बनाया गया है. गूगल लेंस और Hive Moderation जांच में इसकी 99% AI जनरेटेड होने की पुष्टि हुई.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह पोस्ट फर्जी है और एडिट करके बनाई गई है. असली एक्स पोस्ट में योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को संविधान निर्माता कहा था.
यह वायरल वीडियो असली ज्वालामुखी विस्फोट का नहीं, बल्कि AI से बनाया गया सिमुलेशन है. जांच में पता चला कि यह वीडियो अगस्त 2025 में Laughasores नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था, जहां केवल AI-जेनरेटेड कंटेंट मिलता है.
सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है जिसमें वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नजर आ रहे हैं. इसमें शाहरुख, जिहाद के बारे में बात करते दिखाई दे रहे हैं और पीएम मोदी को भी सिर हिलाते हुए देखा जा सकता है. आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो एडिटेड है. शाहरुख ने जिहाद के बारे में अपना नजरिया जरूर बताया था लेकिन पीएम मोदी के सामने नहीं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का धर्मेंद्र के निधन से कोई संबंध नहीं है. ये गायक जुबिन गर्ग की अंतिम यात्रा का वीडियो है.
सोशल मीडिया पर वायरल बाइक स्टंट हादसे के वीडियो को कई लोग दिल्ली या हैदराबाद का बता रहे थे, लेकिन आजतक फैक्ट चेक में पता चला कि यह भारत का नहीं, पाकिस्तान के लाहौर स्थित सीबीडी रूट 47 का है. हाईवे पर स्टंट करते वक्त बाइक का बैलेंस बिगड़ा और कई बाइकर्स सड़क पर गिर पड़े.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि टाइगर अटैक का ये वीडियो असली नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मदद से बनाया गया है.
सोशल मीडिया पर वायरल कथित सैनिक वाला वीडियो असली नहीं बल्कि AI से बनाया गया है. जांच में वर्दी, झंडे, रोशनी और बैकग्राउंड की कई गड़बड़ियां मिलीं. हालांकि, पढ़ाई के बहाने रूस गए कई भारतीय युवा वाकई फंसे हुए हैं.
वीडियो के साथ लिखा है कि SIR की वजह से बंगाल खाली हो रहा है यानि अवैध तरीके से रह रहे लोग भाग रहे हैं. लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो है तो बंगाल का ही लेकिन लगभग एक साल पुराना है और इसका SIR से कोई संबंध नहीं है.
वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि यूपी में हाईवे पर कैश से भरा एक ट्रक पलट गया और इसमें रखे ढेर सारे नोट सड़क पर बिखर गए. इसके बाद वहां लोग जमा हो गए और नोटों को लूटने लगे. वायरल वीडियो में भी यही नजर आता है - एक दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी, सड़क पर बिखरे नोट और फिर लूटपाट.
लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो गांधी मैदान का है और न ही इसका बिहार से कोई संबंध है. ये राजस्थान के पाली जिले का वीडियो है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये निर्दलीय प्रत्याशी नहीं, लालगंज से आरजेडी उम्मीदवार रहीं शिवानी शुक्ला हैं जिन्हें 90 हजार से ज्यादा वोट मिले थे.
सोशल मीडिया पर वायरल मैथिली ठाकुर का लंदन वाला वीडियो भ्रामक है. कई लोग दावा कर रहे थे कि चुनाव जीतते ही वे लंदन घूमने चली गईं, लेकिन फैक्ट-चेक में पता चला कि यह वीडियो सितंबर का है, यानी चुनाव से पहले का वीडियो है. मैथिली इन दिनों पटना में मौजूद हैं और पार्टी बैठकों में हिस्सा ले रही हैं.
वायरल वीडियो जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अमित शाह के पैर छूते दिखते हैं, जो झूठा निकला. असल में 8 नवंबर 2023 के कार्यक्रम में ज्ञानेश कुमार ने अमित शाह को शॉल पहनाकर सम्मानित किया था, लेकिन वायरल क्लिप को AI से मेनिपुलेट करके बनाया गया.
चुनाव परिणाम के बाद से ही खेसारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसके आधार पर लोग उन्हें अहंकारी बताते हुए उनपर तंज कस रहे हैं. हालांकि आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि खेसारी ने खुद के लिए ऐसा नहीं कहा था.
सोशल मीडिया पर एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि न्यूयॉर्क में जोहरान ममदानी के मेयर बनने के बाद वहां के मुस्लिमों का हौसला इतना बढ़ गया कि वे सड़क पर उतरकर अरबी को शहर की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग कर रहे हैं. आजतक की टीम ने इस वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया है.