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सिंध की वापसी, हमास पर सख्ती... योगी आदित्‍यनाथ के इंटरनेशनल होने का संकेत समझिये

योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं पर जब वो सिंधु देश या इजरायल और हमास की बात करते हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी उनके आगे 'सॉफ्ट' नजर आते हैं.  नरेंद्र मोदी इजरायल के साथ समर्थनभरा ट्वीट करते हैं, लेकिन योगी एक कदम आगे बढ़कर इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले, फिलिस्तीन के पक्ष में नारे लगाने वालों के खिलाफ एफआईआर कराते हैं.

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उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के अंतरराष्ट्रीय बयानों की हो रही चर्चा
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के अंतरराष्ट्रीय बयानों की हो रही चर्चा

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि इजरायल-हमास युद्ध में भारत सरकार के स्टैंड के खिलाफ किसी भी बयान या गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अभी इसी हफ्ते योगी ने सिंधी समाज के सम्मेलन में कहा था कि 'जब 500 साल बाद रामजन्मभूमि को वापस लिया जा सकता है तो कोई कारण नहीं है कि सिंध को वापस न लिया जा सके.' उनके इस बयान पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भी आई. पाक विदेश मंत्रालय ने उनके बयान को विस्‍तारवादी कहा.

आमतौर पर बीजेपी में ऐसे अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर टिप्‍पणी करने का विशेषाधिकार केवल पीएम मोदी के ही पास रहा है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ के बयान उनकी सियासी छलांग में खास तड़का लगाते हैं. रोहतक के एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख के साथ दिखाई देना उनके भविष्‍य की संभावनाओं पर मुहर लगता है. हो सकता है कि संघ भी योगी आदित्यनाथ को केंद्र में लाने के प्रोजेक्‍ट पर काम कर रहा हो. अब आइये, योगी के बयानों के राजनीतिक विस्‍तार पर एक नजर डालते हैं: 

1-सिंध प्रांत को वापस लाएंगे पाकिस्तान से 

सिंधी लोगों की सभा में इस तरह की बात नेताओं के लिए बहुत सामान्य बात है. पर जब वो यूपी का सीएम बोलता है और योगी जैसा कद्दावर शख्सियत वाला नेता बोलता है तो जाहिर है चर्चा बढ़ ही जाती है. अखंड भारत आरएसएस का सपना रहा है. योगी हालांकि कभी भी आरएसएस से जुड़े नहीं रहे और न ही बीजेपी से पर विचार बहुत हद तक इन संगठनों से मेल खाते रहे हैं. सिंध का सनातन से अटूट रिश्ता रहा है. कहा जाता है कि हिंदू शब्द ही सिंधु से ही निकला है.सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष भी यहीं सिंध प्रांत में हैं. हिंदुओं की आराध्य देवी हिंगलाज देवी का मंदिर भी सिंधु में है. पाकिस्तान में सिंधु ही ऐसी जगह आज बची है जहां सबसे अधिक हिंदू हैं.और सिंधु में ही सबसे अधिक हिंदू लड़कियों का अपहरण की खबरें आती हैं. जाहिर है कि हिंदू हृदय सम्राट बनने के लिए सिंधु का कितना बड़ा महत्व है. 

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2-फिलिस्तीन के मुद्दे पर देश के स्टैंड के खिलाफ बोलने वालों पर सख्ती

इजरायल पर हमास के अटैक के बाद देश की राजनीति ने भी नया मोड़ लिया है. यह मान लिया गया है कि जो लोग इजरायल का फेवर कर रहे हैं वो बीजेपी समर्थक हैं . फिलिस्तीन का समर्थन करने वाला मोदी विरोधी हो गया है. मोदी के इजरायल के पक्ष में ट्वीट करने के बाद से ही देश में कई जगहों पर फिलिस्तीन और हमास के पक्ष में नारेबाजी और जुलूस निकाले जाने की खबरें आई हैं. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन में जुलूस निकाला तो तुरंत 4 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई. तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह के जुलूस निकाले गए हैं पर इस तरह का एक्शन नहीं हुआ.यूपी में पुलिस ने एक्शन लिया ही प्रदेश के सीएम ने बयान जारी कर कहा कि इजरायल -हमास युद्ध के मुद्दे पर भारत के स्टैंड के खिलाफ बोलने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. मतलब कुल यह है पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया तो योगी आदित्यनाथ ने एक कदम आगे बढ़कर एक्शन भी ले लिया.

3-योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी के पदचिह्नों पर

योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी दोनों के मुख्यमंत्रि‍त्व काल की तुलना की जाए तो काफी कुछ ऐसा लगेगा जैसे पीएम मोदी की तरह धीरे-धीरे योगी आदित्यनाथ की भी इमेज मेकिंग हो रही है. याद करिए आज से 10 साल पहले का गुजरात, जब वहां के सीएम नरेंद्र मोदी होते थे. वाइब्रेंट गुजरात, विकास का मॉडल, विदेश निवेश आदि पूरे देश में चर्चा का विषय था. देश के सभी राज्यों के लिए गुजरात मॉडल आदर्श बन चुका था. गुजरात मॉडल की यह चर्चा ही उन्हें बाद में बीजेपी में सर्वसम्मत से पीएम कैंडिडेट बनाने के सीढ़ी बनी. 

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आज बिल्कुल उसी तर्ज पर देश में बीजेपी ही नहीं गैरबीजेपी सरकारों में यूपी मॉडल लोकप्रिय हो रहा है और योगी जैसे मुख्यमंत्री की डिमांड होती है. पंजाब में सिद्धू मूसेवाला के पिता ने कहा कि अगर पंजाब के सीएम योगी होते तो मेरे बेटे की हत्या नहीं होती, और अगर हत्या हो भी जाती तो हत्यारे खुलेआम नहीं घूम रहे होते. किसी भी स्टेट में क्राइम होता है तो योगी को याद किया जाता है. यूपी की ग्रोथ रेट और यूपी में विदेशी निवेश उसी तरह चर्चा में है जैसे कभी गुजरात का हुआ करता था.इतना ही नहीं आज पीएम सहित पूरा देश कह रहा है कि देश के विकास का ग्रोथ इंजन यूपी बन रहा है. 

4- आतंकवाद के मामले में बीजेपी के एजेंडे का धार दे रहे हैं योगी

मुस्लिम कट्टरपंथ को लेकर योगी आदित्‍यनाथ हमेशा से मुखर रहे हैं. ऐसे में हमास के आतंक का मुद्दा प्रधानमंत्री मोदी से ज्‍यादा योगी को ही सूट करता है. इसीलिए वे हमास के हिमायतों को सख्‍त लहजे में चेतावनी देते हैं. प्रधानमंत्री होने के नाते मोदी इस मामले में भारत की विदेश नीति से बंधे हुए हैं, जो पृथक फिलिस्‍तीन देश को बनाए जाने समर्थन करती आई है. ऐसे में इजरायल का एकतरफा समर्थन करना मोदी के लिए मुमकिन नहीं है. ऐसे में यदि बीजेपी हमास को खुलकर टारगेट करना चाहती है, तो उसे योगी आदित्‍यनाथ से बड़ा प्रचारक नहीं मिल सकता है. यह एक ऐसा मुद्दा है, जो स्‍थानीय चुनाव तक उपजाऊ रहने वाला है.

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5-क्या योगी को केंद्र में लाना चाहती है बीजेपी

अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्दों पर योगी आमतौर पर कुछ नहीं बोलते हैं, लेकिन उनके ताजा बयानों ने बीजेपी नेतृत्‍व से जुड़े कयासों को हवा दी है. अभी ये कहना और करना दोनों ही थोड़ी जल्दबाजी होगी कि योगी आदित्यनाथ को पार्टी केंद्र में ला सकती है. वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा कहते हैं कि अगर योगी आदित्यनाथ को केंद्र में लाना होगा तो उन्हें यूपी के 2027 के चुनावों से कम से कम एक साल पहले लाया जाएगा. शर्मा कहते हैं योगी का चुनावों में इस्तेमाल दक्षिण के राज्यों से लेकर बंगाल तक किया जाता है. इस तरह योगी केवल यूपी के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए काम करें तो बेहतर है. और इस काम में यदि हमास और सिंधुदेश जैसे मुद्दे उनकी मदद करें, तो बुराई ही क्‍या है?

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