बांग्लादेश लगातार ऐसी हरकतें कर रहा है जो किसी भी पड़ोसी देश के बर्दाश्त के बाहर है. एक कट्टरपंथी छात्र नेता की हत्या के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा का क्रम जारी है. कल रात ईशनिंदा का आरोप लगाकर एक हिंदू युवक की लिंचिंग हुई. भारतीय दूतावास पर भी हमले की कोशिश हुई. दोनों देशों के बीच कारोबार पहले ही ठंडा पड़ा है.
वैसे 'फटाफट तलाक' उन्हें अच्छी खबर लग सकती है जो किसी टॉक्सिक रिश्ते में इस कदर घुल रहे हैं कि वो जल्द से जल्द आजाद होना चाहते हैं. उनके लिए पहले एक साल अलग रहकर फिर छह महीने का कूलिंग ऑफ पीरियड वक्त की बर्बादी ही लगेगा. रोज-रोज की घरेलू कलह से मुक्त होने की चाहत रखने वाले या बच्चों वाले कपल जो नहीं चाहते कि बच्चे कोर्ट-कचहरी की दौड़ से प्रभावित हों.
बांग्लादेश में शेख हसीना विरोधी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत से हालात बेकाबू हो गए हैं. प्रदर्शनकारियों के निशाने पर है शेख हसीना समर्थक और भारतीय संस्थान. ऐसी तमाम परिस्थितियों के बीच वहां सत्ता संभाल रहे मोहम्मद युनूस सबसे आराम वाली स्थिति में पहुंच गए हैं. अराजक हालात का बेहाना बनाकर वे कुछ दिन और चुनाव टाल सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. शिक्षा भर्ती और उसके इम्तिहान बड़ी चुनौती रहे हैं, और अब भी बने हुए हैं. आयोग की पहली चेयरपर्सन के साल भर में ही इस्तीफा दे देने के बाद वही चुनौतियां प्रशांत कुमार के सामने भी हैं.
यूपी में एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है. रिपोर्ट अभी आई नहीं है. लेकिन, उसके बारे में नेताओं के हाथ कुछ ऐसी जानकारियां लग गई हैं, जिससे बवाल मचा हुआ है. उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया में वोटर्स के घटने के प्रभाव के बारे में बीजेपी नेताओं के अलग-अलग दावे हैं.
डीजल टैंकरों से एक्यूआई मीटरों पर छिड़काव भी एक मास्टरस्ट्रोक ही था. टैंकर जैसे ही प्रदूषण करने के बारे में सोचते, पानी का छिड़काव उसे निष्क्रिय कर देता. इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि प्रदूषण के लिए सबसे बड़े जिम्मेदार ये एक्यूआई मीटर हैं. ये ना होते तो हमें इस एक्यूआई की जिरह में पड़ना ही नहीं पड़ता.
गोवा आज की तारीख 19 दिसंबर को 1961 में पुर्तगालियों के अत्याचार से मुक्त हुआ था. भारत की आजादी के मिलने के साथ ही गोवावासियों को लगा था कि वो भी मुक्त हो जाएंगे. फ्रांस ने पुडुचेरी को स्वेच्छा से छोड़ दिया पर पुर्तगालियों ने ऐसा नहीं किया. इसके पीछे क्या हमारे नेतृत्व की कमजोरियां थीं.
लियोनेल मेसी का भारत दौरा भले ही ग्लैमर, पैसा और उत्सव लेकर आया हो, लेकिन उसने भारतीय फुटबॉल की खोखली सच्चाई को और उजागर कर दिया. जहां मेसी की यात्रा पर करीब 120 करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं देश की शीर्ष लीग ISL ठप पड़ी है और सैकड़ों फुटबॉलर बेरोजगार हैं. AIFF की बदइंतज़ामी, कॉरपोरेट और सरकारी उदासीनता तथा गिरती अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग ने भारतीय फुटबॉल को गहरे संकट में डाल दिया है.
मनरेगा योजना, जो अब जल्द 'वीबी जी राम जी' योजना होने जा रही है, तमाम तमाम खामियों से भरी रही. फिलहाल तो देश के हर कोने से इस योजना के नाम पर भ्रष्टाचार के किस्से सुनाई दे रहे हैं. कुछ महीने पहले गुजरात के एक मंत्री के दो बेटों कि गिरफ्तार किया गया. पर मंत्री महोदय बच गए. एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
वोटर लिस्ट SIR को लेकर लगाए गए आरोप और किए गए दावों से जमीनी हकीकत एकदम उलट है. SIR को लेकर वोट चोरी और NRC कराने जैसे कई आरोप लगे, जो अब बेबुनियाद दिख रहे हैं. बीजेपी ने SIR के जरिए घुसपैठियों को खदेड़ने का जो दावा किया था, वह भी खोखला दिखाई देता है.
चार दिनों के अंदर भारत में दो बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों ने देश की आयोजन-क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए. पहले कोलकाता में GOAT India Tour 2025 के तहत लियोनेल मेसी का दौरा अव्यवस्था और दर्शकों के हंगामे में बदल गया, जहां फैन्स को मेसी की झलक तक नहीं मिली और सुरक्षा घेरा टूट गया. इसके कुछ ही दिन बाद लखनऊ में भारत-दक्षिण अफ्रीका चौथा टी20 मैच खतरनाक AQI और कोहरे के कारण बिना टॉस के रद्द करना पड़ा.
लोकसभा में ई-सिगरेट पीने को लेकर टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद विवादों में घिर गए हैं. बीजेपी ने कीर्ति आजाद पर सदन में वेपिंग करने का आरोप लगाया गया. कीर्ति आजाद के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है. स्पीकर ऐक्शन ले सकते हैं, और टीएमसी नेतृत्व पल्ला झाड़ चुका है.
भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में संगठन और सरकार दोनों ही लेवल पर धड़ाधड़ युवाओं की नियुक्ति कर रही है. जैसे लगता है कि पार्टी 20 साल आगे की सोच रही है. ठीक दूसरी तरफ कांग्रेस में आज भी युवा नेताओं को उनका हक तक नहीं मिल रहा है.
सिम बाइंडिंग को लेकर लगातार चर्चा चल रही है. क्या सिम बाइंडिंग से देश में साइबर फ्रॉड कम हो जाएंगे? दरअसल सिम बाइंडिंग एक टर्म है जिसे समझना बेहद जरूरी है. अगर सरकार इसे इंपोज कर देती है तो आम यूजर्स पर इसका डायरेक्ट असर पड़ेगा.
अब हरेक चीज का 'शो ऑफ' करने का चलन बन गया है. अपने 'किरदार' से ज्यादा हाथों में आई-फोन, ब्रांडेड कपड़े, रंग-बिरंगे बालों से लोगों की पहचान बन रही है. एक का दिखावा दूसरे की हीन भावना बन रहा. इसका टीनेजर्स पर ज्यादा असर पड़ता है, खासकर निम्न आयवर्ग के परिवार के बच्चों पर. उनमें से कई ऐसे हैं, जो शॉर्ट कट अपनाकर अमीर होने से नहीं चूकते.
बिहार की राजनीति में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान घटी घटना ने सत्ता, मर्यादा और सार्वजनिक आचरण को लेकर नई बहस छेड़ दी है. मुख्यमंत्री की भूमिका, विपक्ष की प्रतिक्रिया और महिला अधिकारों से जुड़े सवालों ने इस मामले को राजनीतिक और संवैधानिक विमर्श के केंद्र में ला दिया है.
केंद्र सरकार के विकसित भारत कार्यक्रमों की तर्ज पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बिहार को आगे बढ़ाना चाहते हैं. अपने सात-निश्चय प्रोग्राम के तीसरे चरण में नीतीश कुमार विकसित बिहार पर फोकस नजर आ रहे हैं - और अगले पांच साल का रोड मैप पेश किया है.
भारतीय जनता पार्टी ने देश की राजनीति में जारी जाति की बहस के बीच संगठन में कई अहम नियुक्तियां की है. बिहार और उत्तर प्रदेश से जुड़े ये फैसले बीजेपी के भीतर नेतृत्व संतुलन, सामाजिक प्रतिनिधित्व और चुनावी प्राथमिकताओं का महत्वपूर्ण संकेत दे रहे हैं.
बीएमसी चुनावों में महाराष्ट्र के कई नेताओं और पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. कुछ के लिए तो यह प्रतिष्ठा नहीं बल्कि जीवन-मरण का सवाल है. यानि की बीएमसी चुनावों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति नई करवट लेने वाली है.
नेशनल हेराल्ड केस अब एक नई गुत्थी में फंस गया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में दायर की जा रही चार्जशीट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. जज की दलीलों में चार्जशीट के कानूनी तौर पर तकनीकी पहलुओं पर बात की गई थी, लेकिन इतने भर से बाहर भाजपा और कांग्रेस को इस मामले में राजनीति करने का मौका मिल गया.
नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना उन घटनाओं की अगली कड़ी है, जिनमें 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद नेतृत्व ने एक के बाद एक मोहन यादव, भजनलाल शर्मा जैसे नए सीएम कुर्सी पर बैठा दिए. BJP में नेतृत्व के फैसलों पर कोई प्रतिरोध नहीं होता. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जो मोदी-शाह कहें, वही अंतिम.