फ्लाइट-ड्यूटी लिमिट लागू कर दीजिए- एविएशन डगमगा जाएगा. बिल्डिंग बाई-लॉ लागू कर दीजिए तो रियल एस्टेट का साम्राज्य धूल खाने लगेगा. संपत्ति का सच-सच ब्योरा मांग लीजिए, कैश में हुआ हिसाब मांग लीजिए, फिर देखिए रियल एस्टेट के बुलबुले से कैसे हवा निकलती है. वित्तीय पारदर्शिता लागू करने की सोचिए और देखिए कैसे आधे अरबपति तो लंदन की इकोनॉमी क्लास पकड़ने को तैयार मिलेंगे.
गांव से लेकर शहर तक- हर दरवाजे पर बीएलओ दस्तक दे रहे हैं. एक ही सवाल है- 'फॉर्म भर दीजिए… नहीं तो वोटर लिस्ट से नाम कट जाएगा.' एसआईआर की इस अंधाधुंध दौड़ में सबसे ज्यादा कौन पिस रहा है? जनता, बीएलओ या खुद सिस्टम?
बिहार में मिली अपार सफलता के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यूपी को अगला प्रयोगशाला बनाने जा रहा है. बिहार के मुस्लिम आबादी के प्रभाव वाले इलाकों में भी संघ ने कोशिश की कि सुशासन और विकास के नाम पर लोग वोट डालें, और कामयाब रहा. संघ अब वैसे ही उपाय यूपी में आजमाने जा रहा है.
भारत और रूस का सबंध कोई आज का नहीं है. फिर भी जिस गर्मजोशी से भारत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत हुआ है वो बहुत लोगों को पच नहीं रहा होगा. जाहिर है कि इस क्रिया की प्रतिक्रिया भी होगी.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बेहद कामयाब लड़ाई लड़ी है, जिसकी ज्यादा चर्चा नहीं होती है. उन्होंने कट्टरपंथियों और आतंकियों की चुनौती को जिस तरह खत्म किया, उसकी मिसाल नहीं मिलती. जहां दुनिया में मजहबी आतंकवाद को लेकर बहस छिड़ी हुई है, वहीं पुतिन ने बेहद कामयाबी से मजहब और आतंकवाद को कामयाबी से अलग-अलग किया. एक को दोस्त बनाया, और दूसरे का निर्णायक खात्मा किया.
ये सभी जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के संगठन या सरकार में किसी पद पर नियुक्ति किसकी होगी ये किसी को पता नहीं होता. कई बार ऐसे लोगों का नाम भी सामने आ जाता है जिसकी कोई उम्मीद नहीं होती. पर अध्यक्ष पद के लिए जिस तरह का मंथन हो रहा है उससे यही लगता है कोई विशेष नाम ही सामने आने वाला है.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के शिलान्यास का ऐलान करने वाले हुमायूं कबीर को टीएमसी ने सस्पेंड कर दिया है - सवाल ये है कि हुमायूं कबीर से ममता बनर्जी नाराज उनके बागी रुख से हैं, या बाबरी मस्जिद बनवाने के ऐलान से?
SIR पर बीजेपी ने राजनीति को समझ लिया है. बिहार चुनाव से पहले शोर-शराबा खूब हुआ, लेकिन मुद्दा नहीं बना. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का रुख भी करीब करीब वैसा ही है, जैसा यूपी में अखिलेश यादव का - और यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी नेताओं को बंगाल में संयम बरतने की सलाह दी है.
झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने की खबरें लगातार आ रही हैं. खबरें भाजपा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नजदीकियों को लेकर. कांग्रेस की ओर से इस तरह की खबरों पर विराम लगाने के लिए बयान भी आया. पर जेएमएम की ओर से केवल एक क्रिप्टिक पोस्ट ही आई. मतलब यहां अब भी बहुत कुछ उलझा हुआ है.
घुसपैठियों को उनके देश भेजना भारत के लिए बहुत बड़ी समस्या रही है. असम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. केवल सरकार के चाहने भर से ही घुसपैठियों को उनके देश भेजना संभव नहीं है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का प्लान इसलिए कारगर होता दिख रहा है, क्योंकि घुसपैठियों की धरपकड़ का काम SIR के साथ साथ हो रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर मणिशंकर अय्यर का 2014 वाला एक्ट दोहरा दिया है. तब अय्यर ने सिर्फ बयान दिया था, लेकिन, रागिनी नायक ने तो सोशल मीडिया पर पूरा AI वीडियो ही शेयर किया है. मोदी पर निजी हमलों से भारी नुकसान के बावजूद कांग्रेस नेता ऐसा बार बार करते क्यों हैं?
MCD उपचुनाव में तीन वार्डों में जीत दर्ज करना आम आदमी पार्टी के लिए राहत की बात है, और ये तीनों जीत बीजेपी के हिस्से से हासिल कर लेना खुश होने की बड़ी वजह है. और, मुद्दे की बात ये है कि दिल्ली के कमांडर सौरभ भारद्वाज ने अरविंद केजरीवाल को निराश ही किया है.
राम मंदिर ध्वजारोहण के दौरान अखिलेश यादव ने भी हिंदुत्व की झलक पेश की थी. जिसे बिहार में INDIA गुट को मिली हार के सबक के तौर पर देखा गया. लेकिन, समाजवादी पार्टी के मुखिया ने जिस नए अंदाज में PDA की व्याख्या की है, लगता है 'मुस्लिम तुष्टिकरण' वाला कार्ड भी उनकी नजर में फीका होता नजर आ रहा है.
'धुरंधर' के ट्रेलर में रहमान डकैत के रोल में अक्षय खन्ना को देखकर जनता क्रेजी ही हो गई. लोगों में चर्चा चलने लगी कि फाइनली अब अक्षय को उनके हिस्से का सम्मान मिल रहा है. वो कितनी कम फिल्मों में दिखते हैं... कितने 'अंडररेटेड' हैं. लेकिन क्या अक्षय वाकई अंडररेटेड हैं?
केंद्र सरकार ने सरकारी संस्थाओं के नाम बदलने की नई पहल की है, जिसमें राजभवन को लोकभवन और प्रधानमंत्री कार्यालय को सेवातीर्थ नाम दिया गया है. केंद्र की ओर से किए गए इस बदलाव के पीछे कैसी मंशा और आशा है?
बिहार चुनाव के नतीजे राजनीतिक स्टैंड और समीकरण सभी पर भारी पड़ रहे हैं. बिहार पहुंचकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ SIR का विरोध कर चुके अखिलेश यादव अब यूपी में समाजवादी पार्टी नेताओं को फार्म भरवाने की हिदायत दे रहे हैं, और चेतावनी दी गई है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
रोहित शर्मा ने शाहिद आफरीदी का सर्वाधिक ODI छक्कों का रिकॉर्ड तोड़कर 352 छक्कों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया. यह उपलब्धि सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि उनकी उस अनोखी बल्लेबाजी शैली का प्रमाण है, जिसमें जोर से ज्यादा टाइमिंग, बैलेंस और क्लीन हिटिंग काम करती है. रोहित न केवल अपने समय के सबसे बड़े सिक्स मास्टर बन गए हैं, बल्कि उन्होंने अपने धमाके के जरिए पैगाम भी दिया कि ODI क्रिकेट में उनकी पकड़ और क्लास अभी भी सर्वोच्च स्तर पर है.
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हो गया है. ऐसे समय जब महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा होनी चाहिए थी, 'वंदेमातरम' और 'संचार सारथी' का मुद्दा सामने है. जाहिर है कि इन दोनों मुद्दों के शोर-शराबों में कई अहम मुद्दे पीछे छूट जाएंगे.
वंदे मातरम के मुद्दे पर ममता बनर्जी के सपोर्ट की असली वजह पश्चिम बंगाल में अगले साल होने जा रहा विधानसभा चुनाव है. संसद में विशेष चर्चा को भी टीएमसी ने गौरवपूर्ण बताया है - वरना, ममता बनर्जी की राय तो 'जय श्रीराम' के नारे पर रिएक्शन जैसा भी हो सकता था.
बिहार चुनाव के बाद बीजेपी का जोश सातवें आसमान पर है. विजय के अहंकार से बचने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह तो यही कहती है. लेकिन, गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के भाषण से साफ है कि बीजेपी आने वाले यूपी चुनाव में बिहार जैसी ही रणनीति अपना सकती है.
बंगाल में बीजेपी मुसलमानों तक पहुंच बनाने के लिए अपनी टोन बदलती नजर आ रही है. जाहिर है चुनावी गणित में इस बार के विधानसभा चुनावों में किसी भी तरह से बीजेपी पिछड़ना नहीं चाहती है. पर क्या पार्टी के लिए यह नीति बैकफायर नहीं कर सकती है?