लियोनेल मेसी का भारत दौरा भले ही ग्लैमर, पैसा और उत्सव लेकर आया हो, लेकिन उसने भारतीय फुटबॉल की खोखली सच्चाई को और उजागर कर दिया. जहां मेसी की यात्रा पर करीब 120 करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं देश की शीर्ष लीग ISL ठप पड़ी है और सैकड़ों फुटबॉलर बेरोजगार हैं. AIFF की बदइंतज़ामी, कॉरपोरेट और सरकारी उदासीनता तथा गिरती अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग ने भारतीय फुटबॉल को गहरे संकट में डाल दिया है.
मनरेगा योजना, जो अब जल्द 'वीबी जी राम जी' योजना होने जा रही है, तमाम तमाम खामियों से भरी रही. फिलहाल तो देश के हर कोने से इस योजना के नाम पर भ्रष्टाचार के किस्से सुनाई दे रहे हैं. कुछ महीने पहले गुजरात के एक मंत्री के दो बेटों कि गिरफ्तार किया गया. पर मंत्री महोदय बच गए. एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
वोटर लिस्ट SIR को लेकर लगाए गए आरोप और किए गए दावों से जमीनी हकीकत एकदम उलट है. SIR को लेकर वोट चोरी और NRC कराने जैसे कई आरोप लगे, जो अब बेबुनियाद दिख रहे हैं. बीजेपी ने SIR के जरिए घुसपैठियों को खदेड़ने का जो दावा किया था, वह भी खोखला दिखाई देता है.
चार दिनों के अंदर भारत में दो बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों ने देश की आयोजन-क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए. पहले कोलकाता में GOAT India Tour 2025 के तहत लियोनेल मेसी का दौरा अव्यवस्था और दर्शकों के हंगामे में बदल गया, जहां फैन्स को मेसी की झलक तक नहीं मिली और सुरक्षा घेरा टूट गया. इसके कुछ ही दिन बाद लखनऊ में भारत-दक्षिण अफ्रीका चौथा टी20 मैच खतरनाक AQI और कोहरे के कारण बिना टॉस के रद्द करना पड़ा.
लोकसभा में ई-सिगरेट पीने को लेकर टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद विवादों में घिर गए हैं. बीजेपी ने कीर्ति आजाद पर सदन में वेपिंग करने का आरोप लगाया गया. कीर्ति आजाद के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है. स्पीकर ऐक्शन ले सकते हैं, और टीएमसी नेतृत्व पल्ला झाड़ चुका है.
भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में संगठन और सरकार दोनों ही लेवल पर धड़ाधड़ युवाओं की नियुक्ति कर रही है. जैसे लगता है कि पार्टी 20 साल आगे की सोच रही है. ठीक दूसरी तरफ कांग्रेस में आज भी युवा नेताओं को उनका हक तक नहीं मिल रहा है.
सिम बाइंडिंग को लेकर लगातार चर्चा चल रही है. क्या सिम बाइंडिंग से देश में साइबर फ्रॉड कम हो जाएंगे? दरअसल सिम बाइंडिंग एक टर्म है जिसे समझना बेहद जरूरी है. अगर सरकार इसे इंपोज कर देती है तो आम यूजर्स पर इसका डायरेक्ट असर पड़ेगा.
अब हरेक चीज का 'शो ऑफ' करने का चलन बन गया है. अपने 'किरदार' से ज्यादा हाथों में आई-फोन, ब्रांडेड कपड़े, रंग-बिरंगे बालों से लोगों की पहचान बन रही है. एक का दिखावा दूसरे की हीन भावना बन रहा. इसका टीनेजर्स पर ज्यादा असर पड़ता है, खासकर निम्न आयवर्ग के परिवार के बच्चों पर. उनमें से कई ऐसे हैं, जो शॉर्ट कट अपनाकर अमीर होने से नहीं चूकते.
बिहार की राजनीति में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान घटी घटना ने सत्ता, मर्यादा और सार्वजनिक आचरण को लेकर नई बहस छेड़ दी है. मुख्यमंत्री की भूमिका, विपक्ष की प्रतिक्रिया और महिला अधिकारों से जुड़े सवालों ने इस मामले को राजनीतिक और संवैधानिक विमर्श के केंद्र में ला दिया है.
केंद्र सरकार के विकसित भारत कार्यक्रमों की तर्ज पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बिहार को आगे बढ़ाना चाहते हैं. अपने सात-निश्चय प्रोग्राम के तीसरे चरण में नीतीश कुमार विकसित बिहार पर फोकस नजर आ रहे हैं - और अगले पांच साल का रोड मैप पेश किया है.
भारतीय जनता पार्टी ने देश की राजनीति में जारी जाति की बहस के बीच संगठन में कई अहम नियुक्तियां की है. बिहार और उत्तर प्रदेश से जुड़े ये फैसले बीजेपी के भीतर नेतृत्व संतुलन, सामाजिक प्रतिनिधित्व और चुनावी प्राथमिकताओं का महत्वपूर्ण संकेत दे रहे हैं.
बीएमसी चुनावों में महाराष्ट्र के कई नेताओं और पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. कुछ के लिए तो यह प्रतिष्ठा नहीं बल्कि जीवन-मरण का सवाल है. यानि की बीएमसी चुनावों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति नई करवट लेने वाली है.
नेशनल हेराल्ड केस अब एक नई गुत्थी में फंस गया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में दायर की जा रही चार्जशीट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. जज की दलीलों में चार्जशीट के कानूनी तौर पर तकनीकी पहलुओं पर बात की गई थी, लेकिन इतने भर से बाहर भाजपा और कांग्रेस को इस मामले में राजनीति करने का मौका मिल गया.
नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना उन घटनाओं की अगली कड़ी है, जिनमें 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद नेतृत्व ने एक के बाद एक मोहन यादव, भजनलाल शर्मा जैसे नए सीएम कुर्सी पर बैठा दिए. BJP में नेतृत्व के फैसलों पर कोई प्रतिरोध नहीं होता. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जो मोदी-शाह कहें, वही अंतिम.
1971 में आज ही के दिन यानी 16 दिसंबर को भारत-पाकिस्तान युद्ध का फैसला हो गया था. भारत ने पाकिस्तान की एक तिहाई सेना और एक चौथाई क्षेत्रफल कब्जे में कर लिया था. भारत के पास एक ऐसा मौका था कि हम शिमला समझौते में कश्मीर सहित कई मुद्दों पर हिसाब किताब साफ कर सकते थे. लेकिन बहुत सी उम्मीदें अधूरी रह गईं.
सिडनी शहर का बॉन्डी बीच दुनिया भर में मशहूर है. पर पिछले 2 साल से यहां की शांति पर लगातार आतंकियों की नजर लग चुकी है. आज से सात साल पहले, जैसा मैंने अपनी आंखों से देखा सिडनी का ये खूबसूरत बीच, कल्पना नहीं थी वो खून से नहा जाएगा.
MGNREGA की जगह अब केंद्र सरकार नया कानून VB-G RAM G यानी विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) लाने जा रही है. नए कानून में काम के दिन तो बढ़ाए ही जा रहे हैं, खेती के मौसम में ब्रेक पीरियड के भी प्रावधान किए जा रहे हैं.
सिडनी के बॉन्डी बीच और बॉन्डी जंक्शन की दो घटनाएं यह दिखाती हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. दोनों घटनाओं में हमलावर अलग-अलग समुदायों से थे, लेकिन जान बचाने वाले इंसानियत के पक्ष में खड़े लोग भी उसी समाज से निकले. ये घटनाएं धर्म आधारित पूर्वाग्रहों को तोड़ने और कर्म को पहचान का आधार मानने का संदेश देती हैं.
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन कायस्थ जाति से आते हैं. इनकी जनसंख्या यूपी-बिहार ही नहीं पूरे देश में कहीं भी भी इतनी नहीं है कि वो राजनीति को प्रभावित कर सकते हों. पर बंगाल में आजादी के बाद 37 साल तक कायस्थों के हाथ में सत्ता रही है. आइये देखते हैं कि नबीन की नियुक्ति का बंगाल से क्या है रिश्ता?
भारतीय जनता पार्टी को नया अध्यक्ष तो नहीं, लेकिन नितिन नबीन के रूप में फिलहाल राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जरूर मिल गया है. बिहार के बांकीपुर से विधायक नितिन नबीन छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रभारी, और फिलहाल बिहार सरकार में मंत्री हैं.
दिल्ली-NCR में सर्दियों का प्रदूषण अदृश्य महामारी बन चुका है. PM2.5 जैसे बारीक कण फेफड़े, दिल, दिमाग को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे हर साल लाखों मौतें होती हैं. ये भारत का सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है. अरबों रुपये का आर्थिक नुकसान भी है. मौसम के बदलने से कभी सुधार होता है, लेकिन फिर वही हालत हो जाती है. क्या करें सरकार, समाज और हम?