यह सच है कि नीतीश कुमार को राष्ट्रगान के दौरान सतर्कना बरतनी चाहिए थी. पर इस छोटी सी बात को लेकर एक सम्मानित , उम्रदराज नेता को बीमार बताने की कोशिश की जा रही है. कहा जा रहा है कि उन्होंने राष्ट्रगान का अपमान किया है. करीब चार दशक से बिहार और देश की उनकी एकनिष्ठ सेवा को देखते हुए उनसे माफी की मांग करने वाले क्या खुद अपना अपमान कर रहे हैं?
अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी में बड़े नेताओं की जिम्मेदारी बदल दी है. मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज तो क्रमशः पंजाब और दिल्ली के मोर्चे पर सामने नजर आ रहे हैं, लेकिन राघव चड्ढा और संजय सिंह का रोल अब क्या होगा, समझना काफी मुश्किल हो रहा है.
सवाल यह उठता है कि आखिर गलत इरादे से देखना, घूरना और छूना पॉक्सो के तहत यौन शोषण का अपराध है तो जबरन ब्रेस्ट छूना और पाजामे का नाड़ा तोड़ना, पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश करना रेप के प्रयास का अपराध क्यों नहीं?
कांग्रेस ने अब दिल्ली मॉडल के साथ ही चुनावी राजनीति में आगे बढ़ने का फैसला कर लिया है. बेशक ये कांग्रेस के लिए अभी काफी नुकसानदेह लगता हो, और बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाला - लेकिन दूरगामी परिणाम बहुत अच्छे भी हो सकते हैं.
कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन लंबे समय से चल रहा था और इससे दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख सड़कें बाधित हो रही थीं. इस स्थिति से न केवल यात्रियों को परेशानी हो रही थी, बल्कि राज्य को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा था. उद्योगों के बंद होने और व्यापार पर असर की बातें भी सामने आई थीं. पर इसके बाद भी आंदोलनरत किसानों से बॉर्डर खाली कराना इतना आसान नहीं था.
यूपी के मंत्री और बीजेपी विधायकों की अर्से से शिकायत रही है कि अफसर उनकी नहीं सुनते. अफसरों की मनमानी पर योगी आदित्यनाथ ने एक बार कहा था कि पक्के सबूत मिले तो निश्चित तौर पर एक्शन होगा - बनारस की एक घटना ने साफ कर दिया है कि कैसे अफसर मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखने की कोशिश करते हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और आरजेडी एक साथ लड़ते हैं या अलग-अलग, दोनों ही स्थितियों में कांग्रेस का दलित कार्ड आरजेडी के लिए फायदेमंद साबित होने वाला है. आइये बिहार में दलित राजनीति के इस गणित को समझते हैं.
किसानों के खिलाफ पंजाब सरकार का एक्शन बहुत हैरान करता है. अरविंद केजरीवाल तो शुरू से ही किसानों के पक्ष में रहे हैं, भगवंत मान का रुख भी पहले वैसा ही था, लेकिन किसानों की गिरफ्तारी के बाद अब तो पंजाब सरकार का बुलडोजर एक्शन भी होने लगा है.
औरंगजेब की कब्र के मुद्दे पर हिंदू हितों की बात करने वाली आरएसएस की ओर से एक अच्छी पहल की गई है. पर यह पहल तभी कारगर साबित होगी जब मुसलमानों की नुमाइंदगी करने वालों की ओर से भी इस तरह के उदार बयान आएंगे.
दिल्ली चुनाव में हार के बाद MCD में भी आम आदमी पार्टी की सत्ता पर खतरा मंडराने लगा है. दिल्ली में सरकार बनाने के बाद बीजेपी की नजर अब एमसीडी पर जा टिकी है.
कपिल मिश्रा को हेट स्पीच केस में फिर से झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट से पहले दिल्ली की अदालत में पुनर्विचार की याचिका भी खारिज हो गई थी - दिल्ली सरकार में मंत्री तो वो फिर से बन गये हैं, लेकिन मुसीबतें खत्म नहीं हो रही हैं.
बिहार प्रदेश कांग्रेस के बहुत से नेता चाहते थे कि पार्टी लालू यादव की छत्रछाया से बाहर निकले. पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह के चलते ये संभव नहीं हो पा रहा था. फिलहाल उनकी जगह एक दलित नेता को नेतृत्व दिया गया है. जाहिर है कि अभी कांग्रेस बिल्कुल दिल्ली विधानसभा चुनावों वाले तेवर में है.
ममता बनर्जी का फुरफुरा शरीफ दौरा भी राम मंदिर और महाकुंभ पर तृणमूल कांग्रेस नेता के स्टैंड जैसा ही है - 2026 के चुनाव को देखते हुए ममता बनर्जी मुस्लिम वोट पर पूरा जोर दे रही हैं.
राम मंदिर उद्घाटन समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में सार्वजनिक रूप से मंच साझा करते नजर आएंगे. मोदी के संघ के मुख्यालय नागपुर जाने का कार्यक्रम फाइनल है - संघ से टकराव वाले माहौल और बीजेपी के नये अध्यक्ष के चुने जाने से पहले मोदी का ये दौरा काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.
सुनीता विलियम्स घर लौट आई हैं. घर... क्या है घर? धरती के चुंबकीय बल से जुड़े और माया में जकड़े हमारे पैरों को शायद ये महसूस न होता हो, लेकिन बीते 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद सुनीता जरूर भगवद्गीता की उस सूक्ति को समझ गई होंगी, जिसमें लिखा है कि यह शरीर ही आत्मा के लिए घर है.
अरविंद केजरीवाल विपश्यना के बाद लुधियाना पहुंचे, और उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी का कैंपेन शुरू कर दिया - पिछले चुनावों में AAP का प्रदर्शन बता रहा है कि चुनौती बहुत बड़ी है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ जानते हैं कि ज्यादा महत्वाकांक्षा पाकिस्तान में जेल या फांसी पर चढ़ा देती है. पाकिस्तान पहले भारत के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाता रहा है. पर अब ऐसा नहीं कर रहा है. पाकिस्तान सरकार टार्गेट किलिंग को कभी गैंगवार, कभी आंतरिक संघर्ष तो कभी अनजान हमलावरों की करतूत बताकर अपनी इज्जत बचाने की कोशिश कर रही है.
औरंगजेब, याकूब मेनन, अफजल गुरु, सालार गाजी जैसे लोगों से मुस्लिम समुदाय का एक तबका जितना अपनापन दिखाएगा उतना ही देश में सांप्रदायिक एकता को खतरा पैदा होगा. जाहिर है कि इसका लाभ उठाने के लिए देश की सियासी पार्टियां इसे जहां तक संभव होगा, खींच तानकर लंबा करेंगी.
मार्च में पाकिस्तान के उत्तर और दक्षिण में धमाकों की बारिश हो रही है, और फौज अव्यवस्थित और विचारहीन तरीके से ऐसे उछल-कूद रही है जैसे कोई सिर कटा मुर्गा! बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान में पिछले 48 घंटों में 57 हमले किए हैं. हालात ऐसे हैं कि अलगाववादी अब 'मौका-मौका' गीत गुनगुना रहे हैं.
Grok AI ने तो जैसे तहलका मचा रखा है. सोशल साइट X पर सबके सवालों का जवाब तो दे ही रहा है, फैक्ट-चेक से लेकर ठेठ अंदाज में गालियां भी दे रहा है - और पॉलिटिकल नैरेटिव की बात करें, तो दोधारी तलवार साबित हो रहा है.
सिपाही को पता था कि तेजप्रताप के कहने पर वो ठुमका तो लगा रहा है पर शासन उसके खिलाफ एक्शन लेगा और उसका सस्पेंड होना तय है. पर उसकी मजबूरी थी कि सस्पेंड होने के बाद कम से कम आधी सैलरी तो मिलेगी ही. इधर तेजप्रताप का कहना न मानने पर उसके साथ क्या हो सकता है? बिहार में जंगल राज के किस्से आज भी लोगों को यूं ही याद नहीं आ जाते हैं.