योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री हैं (UP Chief Minister). बतौर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य, आदित्यनाथ 1998 से लगातार पांच बार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनकर संसद पहुंचे (MP from Gorakhpur). उनका असली नाम अजय सिंह बिष्ट है (Adityanath Original Name). वह यूपी में बीजेपी के सबसे मुखर चेहरा हैं जिन्हें अपने दमदार भाषणों के लिए जाना जाता है.
उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था और वे गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मठ के महंत यानी मुख्य पुजारी भी रहे (Chief Priest of Gorakhnath Temple). उन्होंने 2002 में हिंदू युवा वाहिनी के नाम से एक सामाजिक – सांस्कृतिक संगठन की संथापना की. आदित्यनाथ आनंद सिंह बिष्ट और सावित्री देवी के बेटे हैं (Yogi Adityanath Parents) और उनके पास गणित में स्नातक की डिग्री है (Yogi Adityanath Education).
महज 21 साल की उम्र में, 1993 में घर छोड़ने के बाद वे राम मंदिर आंदोलन में शामिल हुए. आदित्यनाथ महंत अवैद्यनाथ के चेले बन गए और उन्हें 14 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मठ का मुख्य पुजारी बनाया गया. उन्हें 1996 में महंत अवैद्यनाथ के चुनावी अभियान को संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी.
आदित्यनाथ का राजनीति में पदार्पण 1998 में तब हुआ जब वे सिर्फ 26 साल की उम्र में गोरखपुर से सबसे युवा लोकसभा सदस्य चुने गए (Yogi Adityanath Political debut). इस दौरान उन्होंने कई विभागों का संचालन किया जिसमें भोज्य पदार्थों पर आधारित समिति, सलाहकार समिति और गृह मंत्रालय शामिल हैं. वे 2017 उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनावी अभियान में बीजेपी का सबसे प्रमुख चेहरा थे. योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @myogiadityanath है और उनका ऑफिशियल फेसबुक पेज MYogiAdityanath है. वे इंस्टाग्राम पर myogi_adityanath यूजरनेम से एक्टिव हैं.
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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के शिलान्यास का ऐलान करने वाले हुमायूं कबीर को टीएमसी ने सस्पेंड कर दिया है - सवाल ये है कि हुमायूं कबीर से ममता बनर्जी नाराज उनके बागी रुख से हैं, या बाबरी मस्जिद बनवाने के ऐलान से?
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है. उन्होंने 17 नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे इन घुसपैठियों की सूची तैयार करें और कमिश्नर तथा आईजी को सौंपें जो शहरों में रह रहे हैं या काम कर रहे हैं. इसके बाद पहले चरण में डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश भी जारी किया गया है.
घुसपैठियों को उनके देश भेजना भारत के लिए बहुत बड़ी समस्या रही है. असम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. केवल सरकार के चाहने भर से ही घुसपैठियों को उनके देश भेजना संभव नहीं है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का प्लान इसलिए कारगर होता दिख रहा है, क्योंकि घुसपैठियों की धरपकड़ का काम SIR के साथ साथ हो रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में घुसपैठ रोकने के लिए कड़ा कदम उठाने को कहा है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि नगर निकायों में काम कर रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों की सूची बनाई जाए. इसके बाद इसे कमिश्नर और आईजी के पास भेजा जाएगा ताकि सही तरीके से निगरानी की जा सके. पहला चरण डिटेंशन सेंटर बनाने का भी है, जिससे संदिग्धों को रोका जा सके. जिसके बाद यूपी पुलिस एक्शन में आ गई है.
आज विशेष में हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश की... जहां विधानसभा चुनावों में अभी तो वक्त है.. लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं... बीजेपी और विरोधियों के सामने बिहार का सबसे ताजा उदाहरण है.. जहां बीजेपी और उसके सहयोगियों को बंपर सफलता मिली... और विरोधी कहीं के नहीं रहे.. लेकिन यूपी को बिहार समझने की गलती बीजेपी भी नहीं करेगी.. क्योंकि यही यूपी 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को बड़ा सबक दे चुका है.
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. बरेली और लखनऊ में बुलडोजर अभियान के तहत बड़ी छापेमारी की गई. सरकार ने सत्रह नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे घुसपैठियों की सूची बनाकर कमिश्नर और आईजी को सौंपें और डिटेंशन सेंटर बनाएं. विपक्ष ने कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.
उत्तर प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ एक व्यापक अभियान की शुरुआत की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के 17 नगर निकायों में ऐसे लोगों की सूची बनाने का आदेश दिया है जो गैरकानूनी रूप से रहें. इसके अलावा, हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि संदिग्ध घुसपैठियों को नियंत्रित किया जा सके.
उत्तर प्रदेश सरकार ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. लखनऊ से बरेली तक घुसपैठियों पर एक्शन तेज हो गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 नगर निकायों में काम करने वाले संदिग्ध लोगों की सूची बनाने का निर्देश दिया है और हर मंडल में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने को कहा है ताकि अवैध घुसपैठियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही अभी सवा साल का वक्त बाकी हो, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने अभी से अपनी सियासी एक्सरसाइज शुरू कर दी है. आरएसएस सीएम योगी आदित्यनाथ को फोकस में रखते हुए हिंदुत्व की बिसात बिछा रहा है ताकि 2027 की जंग को फतह कर सके.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर बड़ा अभियान शुरू किया है. उन्होंने 17 नगर निकायों में काम करने वालों की सूची बनाने और यूपी के हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश दिया है. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घुसपैठियों की याचिका पर कड़ा रुख दिखाते हुए कहा है कि उनके लिए लाल कालीन नहीं बिछाया जा सकता.
वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा के दौरान एक बड़ी चूक सामने आई है. मुख्यमंत्री मंच पर बैठे थे जब एक शख्स उनकी ओर बढ़ा और मंच पर चढ़ने की कोशिश करने लगा. सुरक्षा कर्मियों और कमांडो की तत्परता के कारण वह शख्स सीएम तक नहीं पहुँच पाया. घटना काशी तमिल संगमम के दौरान हुई, जिसमें तमिलनाडु के राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे.
सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 20 प्रस्तावों पर मुहर लगी. मुख्य फैसलों में, अयोध्या में विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय के लिए 52.102 एकड़ जमीन टाटा एंड संस को हस्तांतरित की जाएगी. वाराणसी के सिगरा स्टेडियम को उच्च स्तरीय बनाने और प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र बनाने को भी मंजूरी मिली है.
उत्तर प्रदेश में सवा साल के बाद विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन आरएसएस अभी से एक्टिव हो गया है. संघ, बीजेपी संगठन और योगी सरकार के बीच सोमवार को समन्वय बैठक हुई, जिसमें मिशन 2027 पर मंथन किया गया. इसके अलावा संघ के प्रमुख नेताओं के साथ सीएम योगी की मीटिंग हो रही है, उससे संगठन में बड़े बदलाव के संकेत माने जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष का फैसला एक साल से टल रहा है, लेकिन अब इसी सप्ताह नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है. बीजेपी और आरएसएस की सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर आयोजित हुई समन्वय बैठक में नए अध्यक्ष के नाम को साझा किया गया.
लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर भाजपा, सरकार और आरएसएस की अहम समन्वय बैठक हुई जिसमें बीएल संतोष, दोनों डिप्टी सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री शामिल रहे. बैठक में संगठन और सरकार के कामकाज की समीक्षा हुई तथा संघ फीडबैक पर चर्चा की गई.
बिहार चुनाव के बाद बीजेपी का जोश सातवें आसमान पर है. विजय के अहंकार से बचने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह तो यही कहती है. लेकिन, गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के भाषण से साफ है कि बीजेपी आने वाले यूपी चुनाव में बिहार जैसी ही रणनीति अपना सकती है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय माफिया का राज्य में व्यापक प्रभाव था. उन्होंने कहा कि जमीनों पर कब्जा माफियाओं द्वारा किया जाता था, जिससे प्रशासन और आम जनता दोनों को नुकसान उठाना पड़ता था. लेकिन वर्तमान में उनकी सरकार ने कठोर कदम उठाते हुए माफियाओं की कमर तोड़ दी है, जिससे कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है.
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में आयुष्मान योजना की बात की. उन्होनें कहा कि 'पहले गरीब लोगों के लिए इलाज करवाना बहुत मुश्किल और जोखिम भरा था. लेकिन अब पिछले छह से सात वर्षों में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के लगभग पचास करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष पाँच लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है.'
CM योगी मूक-बधिर बच्ची से मिले सहां उन्होनें बच्ची के पिता से बात की. और उसका हाल जाना. सीएम योगी ने कहा कि पांच से छह साल की उम्र में यदि ऑपरेशन सही समय पर हो जाए तो सुनने में समस्या वाले बच्चे को बोलने में भी सहायता मिलती है.
आज का दंगल बिहार में नई सरकार के योगी मॉडल पर है. क्योंकि बिहार में जब से बीजेपी के हाथ गृह मंत्रालय लगा है. तब से बिहार सरकार के कामकाज और तेवर में बड़ा बदलाव दिख रहा है. और हकीकत की जमीन पर वो बदलाव फिलहाल बुलडोजर की शक्ल में नजर आया है. बिहार के शहर शहर बुलडोजर दौड़ने लगे हैं. बिहार में सड़क किनारे अतिक्रमण से लेकर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे तक पर आधा दर्जन शहरों में बुलडोजर कार्रवाई की गई है.