
बिहार की प्रमुख सीटों में से एक मानी जाने वाली छपरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के सीएन गुप्ता ने एक बार फिर बाजी मार ली है. उन्होंने आरजेडी के रणधीर सिंह को 6771 मतों के अंतर से हरा दिया है. बीजेपी नेता सीएन गुप्ता ने पिछले चुनावों में भी रणधीर सिंह को मात दी और एक बार फिर उसी इतिहास को दोहरा दिया है. बता दें कि बिहार की छपरा विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए थे, यहां कुल 50.65% मतदान हुआ था.
इस बार के मुख्य उम्मीदवारों को मिले वोट
छपरा को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का गढ़ माना जाता है. हलांकि पिछले चुनाव में इस सीट पर बीजेपी नेता सीएन गुप्ता ने जीत दर्ज की थी और आरजेडी नेता व पूर्व विधायक रणधीर सिंह को 11 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था.

राजनीतिक पृष्ठभूमि
छपरा नाम आते ही सबसे पहले क्रांतिकारी लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) का नाम सामने आता है. जेपी का जन्म छपरा के रिविलगंज प्रखंड के सिताबदियारा के लाला टोला में हुआ था. उनके अलावा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और भिखारी ठाकुर जैसी विभूतियों के कारण भी यह क्षेत्र चर्चा में रहता है. इनके अलावा छपरा को लालू प्रसाद यादव और बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूडी का गढ़ माना जाता है.
ऐसे में इस सीट के चुनावी नतीजों में लोगों की दिलचस्पी ज्यादा रहती है. पिछले 5 चुनावों की बात करें तो आरजेडी को एक बार 2014 के उपचुनावों में जीत मिली थी. वहीं बीजेपी और जेडीयू ने 2-2 बार इस सीट पर कब्जा करने में सफलता पाई है.
2010 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से बीजेपी के जनार्दन सिग्रीवाल विधायक बने थे लेकिन 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और महाराजगंज से सांसद चुने गए. उनके जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें आरजेडी को जीत मिली लेकिन 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में इस सीट पर फिर से बीजेपी का कब्जा हो गया.
सामाजिक ताना बाना
बिहार के सारण जिले के तहत आने वाले छपरा विधानसभा क्षेत्र में 2011 की जनगणना के अनुसार करीब 403816 आबादी रहती है. इसमें से 37.41 फीसदी जनता ग्रामीण है और 62.59 फीसदी आबादी शहरी है. वहीं यहां की कुल आबादी में अनुसूचित जाति (एससी) का हिस्सा 11.14 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात 0.49 फीसदी है.
2015 का जनादेश
2015 के चुनावों में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सीएन गुप्ता ने राष्ट्रीय जनता दल के रणधीर सिंह को 11 हजार वोटों के अंतर से चित कर दिया था. गुप्ता को 71646 मत हासिल हुए थे, वहीं, रणधीर सिंह को 60267 वोट प्राप्त हुए थे.
2015 में इस सीट पर 51.87 फीसदी वोटिंग हुई थी. जिसमें बीजेपी को 45 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे. वहीं आरजेडी को 38 फीसदी वोट मिले थे.
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