बिहार के किशनगंज जिले में स्थित कोचाधामन एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है, जो किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. यह सीट पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत-बांग्लादेश कॉरिडोर की सीमा से लगती है. 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट का गठन हुआ और यह तब से मुस्लिम बहुल सीट के रूप में उभरी है. 2020 के विधानसभा चुनावों में 2,50,134 पंजीकृत मतदाताओं में से 72.40% मुस्लिम मतदाता थे. 2024 के लोकसभा चुनावों तक यह आंकड़ा बढ़कर 2,68,648 हो गया.
यह सीट कोचाधामन प्रखंड और किशनगंज ब्लॉक के बेलवा, गच्छपारा, चकला, मेहनगांव, दौला और पिछला ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करती है.
कोचाधामन, सीमांचल के मैदानी क्षेत्र में स्थित है, जिसे महानंदा और दाहुक नदियां आकार देती हैं. यह इलाका अक्सर मौसमी बाढ़ का सामना करता है. यहां की आर्थिक संरचना कृषि पर आधारित है, जिसमें धान और जूट प्रमुख फसलें हैं. बहादुरगंज और किशनगंज जैसे स्थानीय व्यापारिक केंद्र यहां की अर्थव्यवस्था को सहारा देते हैं, लेकिन औद्योगिक विकास बहुत ही सीमित है.
कोचाधामन कस्बा किशनगंज से लगभग 16 किमी, बहादुरगंज से 11 किमी, पश्चिम बंगाल के डालखोला से 38 किमी, अररिया से 39 किमी और पूर्णिया से 34 किमी की दूरी पर स्थित है. पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले का मुख्यालय रायगंज यहां से लगभग 70 किमी दूर है, जबकि बिहार की राजधानी पटना की दूरी लगभग 313 किमी है.
कोचाधामन, लंबे समय से बिहार और बंगाल के बीच सांस्कृतिक और भाषाई सेतु रहा है. यहां उर्दू और बांग्ला भाषी आबादी की अच्छी खासी संख्या है और आसपास के जिलों व सीमा पार से लगातार प्रवासन होता रहा है.
इस क्षेत्र की एक खास पहचान बड़ीजान गांव में स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर है, जिसकी खोज 1987 में हुई थी. यहां लगभग 5.5 फीट ऊंची, सात घोड़ों पर सवार सूर्य की मूर्ति है, जो बेसाल्ट पत्थर की बनी है. मूर्ति को स्थानीय हाट में एक पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित किया गया है. मंदिर के भग्नावशेष, गणेश की आकृतियां और तराशी हुई पत्थर की दीवारें इसके पाल वंश से जुड़े होने का संकेत देती हैं. मंदिर के समीप बहने वाली कनकई नदी को स्थानीय लोग पुराणों में वर्णित कंकदा नदी मानते हैं. 2002-03 में पुरातत्व विभाग की टीम ने इस स्थल का सर्वेक्षण किया, लेकिन अब तक कोई औपचारिक संरक्षण कार्य नहीं हुआ है.
यहां का मतदान प्रतिशत लगातार 60% से ऊपर बना रहता है. 2020 में यह 64.64% था, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 65.46% रहा. मतदान का रुझान एकसमान रहा है. सभी प्रमुख दल आमतौर पर मुस्लिम उम्मीदवार ही उतारते हैं और सीट बनने के बाद से अब तक केवल मुस्लिम नेता ही विजयी हुए हैं.
2014 के उपचुनाव में JD(U) के मुजाहिद आलम विजयी रहे और उन्होंने 2015 में भी सीट बरकरार रखी. 2020 में AIMIM के मुहम्मद इजह़ार आस्फी ने मुजाहिद आलम को 36,143 मतों से हराया. जून 2022 में, आस्फी और AIMIM के तीन अन्य विधायक RJD में शामिल हो गए.
कोचाधामन में लोकसभा चुनावों में भी समान रुझान देखने को मिला है. 2019 और 2024 में, इस क्षेत्र में AIMIM के अख्तरुल इमान को बढ़त मिली. हालांकि वे पूरे लोकसभा क्षेत्र में तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन कोचाधामन में 2024 में उन्हें 14,786 मतों की बढ़त मिली, जो उनके स्थानीय प्रभाव को दर्शाती है.
2025 के विधानसभा चुनाव में RJD के लिए यह सीट जीतना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर उम्मीदवार के रूप में इजह़ार आस्फी को दोबारा उतारा गया. AIMIM की बची-खुची ताकत, दल-बदल को लेकर मतदाताओं की आशंका और लगातार उच्च मतदान एक बहुकोणीय मुकाबले की ओर संकेत करते हैं, जहां गठजोड़ की बजाय प्रत्याशी की विश्वसनीयता ज्यादा अहम हो सकती है.
(अजय झा)
BJP
BSP
JSP
AIMIM
RJD
IND
Nota
NOTA
Mujahid Alam
JD(U)
Mohammad Shahid Alam
RJD
Nota
NOTA
Dayanand Mandal
IND
Habibur Rahman
LJP
Bablu Baski
IND
Md Nasik Nadir
IND
Ravi Kumar Roy
HSJP
Junas Marandi
IND
Sabir Alam
JAP(L)
Amar Paswan
IND
Avadh Das
IND
तेजस्वी यादव ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर महागठबंधन की अहम बैठक बुलाई और मतगणना के दौरान पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. बैठक के बाद तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2020 के चुनाव में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल रहा था, लेकिन कुछ अधिकारियों की मनमानी से परिणाम पलट दिए गए थे. इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी और जनता बताएगी कि बिहार का मुस्तकबिल उसने किस गठबंधन के हाथ में दिया है. चुनाव परिणामों के पहले ही सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही हैं.
बेगूसराय में राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव पर फेसबुक लाइव में डीएम पर लूट और मतगणना में धांधली के आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई है. उन्होंने वीडियो में हजारों समर्थकों से मतगणना केंद्र पहुंचने की अपील की थी. सीओ रवि शंकर के आवेदन पर साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल आने वाले हैं लेकिन उससे पहले सियासत गरमा गई है. RJD और महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि अगर काउंटिंग रुकी तो हालात नेपाल जैसे हो जाएंगे. वहीं लगातार काउंटिंग में धांधली की आशंका जताई जा रही है. NDA ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह हार की खीज है.
Bihar Election Result News LIVE Updates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की मतगणना शुक्रवार, 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस बार दो चरणों में मतदान हुआ था. 243 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है. प्रशासन ने सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल बताते हैं कि चिराग पासवान से जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो दिखाई नहीं दे रही है. चुनावों के पहले तक खुद को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरह प्रोजेक्ट कर रहे चिराग कहीं फंस तो नहीं गए हैं?
आरजेडी एलएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर विवादित और भड़काऊ बयान दिया है. इसको लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं आरजेडी ने बचाव करते हुए कहा है कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
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बिहार एग्जिट पोल पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने गुस्सा जताया है. उन्होनें कहा 'चुनाव परिणामों को लेकर कई दबाव और मजबूरियां होती हैं, जिससे एक्जिट पोल में बढ़त दिखाना जरूरी हो जाता है. हालांकि हजारों से कम सैंपल के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं है. कई सर्वे ऐसे भी हैं जो महागठबंधन की बढ़त को दर्शाते हैं.'
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