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IND
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Bihar Election Result 2025 Live: कोचाधामन विधानसभा सीट पर AIMIM को दोबारा मिली जीत
Bihar Election Result 2025 Live: कोचाधामन विधानसभा सीट पर AIMIM को दोबारा मिली जीत
Kochadhaman Vidhan Sabha Result Live: कोचाधामन सीट पर बड़ा उलटफेर! जानिए क्या कह रहे ताजा आंकड़े
Kochadhaman Vidhan Sabha Result Live: कोचाधामन सीट पर बड़ा उलटफेर! जानिए क्या कह रहे ताजा आंकड़े
Kochadhaman Vidhan Sabha Chunav Result Live: बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पार्टियों/गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Kochadhaman Election Results 2025 Live: कोचाधामन सीट पर उलटफेर! RJD भारी अंतर से पीछे
बिहार के किशनगंज जिले में स्थित कोचाधामन एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है, जो किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. यह सीट पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत-बांग्लादेश कॉरिडोर की सीमा से लगती है. 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट का गठन हुआ और यह तब से मुस्लिम बहुल सीट के रूप में उभरी है. 2020 के विधानसभा चुनावों में 2,50,134 पंजीकृत मतदाताओं में से 72.40% मुस्लिम मतदाता थे. 2024 के लोकसभा चुनावों तक यह आंकड़ा बढ़कर 2,68,648 हो गया.
यह सीट कोचाधामन प्रखंड और किशनगंज ब्लॉक के बेलवा, गच्छपारा, चकला, मेहनगांव, दौला और पिछला ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करती है.
कोचाधामन, सीमांचल के मैदानी क्षेत्र में स्थित है, जिसे महानंदा और दाहुक नदियां आकार देती हैं. यह इलाका अक्सर मौसमी बाढ़ का सामना करता है. यहां की आर्थिक संरचना कृषि पर आधारित है, जिसमें धान और जूट प्रमुख फसलें हैं. बहादुरगंज और किशनगंज जैसे स्थानीय व्यापारिक केंद्र यहां की अर्थव्यवस्था को सहारा देते हैं, लेकिन औद्योगिक विकास बहुत ही सीमित है.
कोचाधामन कस्बा किशनगंज से लगभग 16 किमी, बहादुरगंज से 11 किमी, पश्चिम बंगाल के डालखोला से 38 किमी, अररिया से 39 किमी और पूर्णिया से 34 किमी की दूरी पर स्थित है. पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले का मुख्यालय रायगंज यहां से लगभग 70 किमी दूर है, जबकि बिहार की राजधानी पटना की दूरी लगभग 313 किमी है.
कोचाधामन, लंबे समय से बिहार और बंगाल के बीच सांस्कृतिक और भाषाई सेतु रहा है. यहां उर्दू और बांग्ला भाषी आबादी की अच्छी खासी संख्या है और आसपास के जिलों व सीमा पार से लगातार प्रवासन होता रहा है.
इस क्षेत्र की एक खास पहचान बड़ीजान गांव में स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर है, जिसकी खोज 1987 में हुई थी. यहां लगभग 5.5 फीट ऊंची, सात घोड़ों पर सवार सूर्य की मूर्ति है, जो बेसाल्ट पत्थर की बनी है. मूर्ति को स्थानीय हाट में एक पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित किया गया है. मंदिर के भग्नावशेष, गणेश की आकृतियां और तराशी हुई पत्थर की दीवारें इसके पाल वंश से जुड़े होने का संकेत देती हैं. मंदिर के समीप बहने वाली कनकई नदी को स्थानीय लोग पुराणों में वर्णित कंकदा नदी मानते हैं. 2002-03 में पुरातत्व विभाग की टीम ने इस स्थल का सर्वेक्षण किया, लेकिन अब तक कोई औपचारिक संरक्षण कार्य नहीं हुआ है.
यहां का मतदान प्रतिशत लगातार 60% से ऊपर बना रहता है. 2020 में यह 64.64% था, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 65.46% रहा. मतदान का रुझान एकसमान रहा है. सभी प्रमुख दल आमतौर पर मुस्लिम उम्मीदवार ही उतारते हैं और सीट बनने के बाद से अब तक केवल मुस्लिम नेता ही विजयी हुए हैं.
2014 के उपचुनाव में JD(U) के मुजाहिद आलम विजयी रहे और उन्होंने 2015 में भी सीट बरकरार रखी. 2020 में AIMIM के मुहम्मद इजह़ार आस्फी ने मुजाहिद आलम को 36,143 मतों से हराया. जून 2022 में, आस्फी और AIMIM के तीन अन्य विधायक RJD में शामिल हो गए.
कोचाधामन में लोकसभा चुनावों में भी समान रुझान देखने को मिला है. 2019 और 2024 में, इस क्षेत्र में AIMIM के अख्तरुल इमान को बढ़त मिली. हालांकि वे पूरे लोकसभा क्षेत्र में तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन कोचाधामन में 2024 में उन्हें 14,786 मतों की बढ़त मिली, जो उनके स्थानीय प्रभाव को दर्शाती है.
2025 के विधानसभा चुनाव में RJD के लिए यह सीट जीतना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर उम्मीदवार के रूप में इजह़ार आस्फी को दोबारा उतारा गया. AIMIM की बची-खुची ताकत, दल-बदल को लेकर मतदाताओं की आशंका और लगातार उच्च मतदान एक बहुकोणीय मुकाबले की ओर संकेत करते हैं, जहां गठजोड़ की बजाय प्रत्याशी की विश्वसनीयता ज्यादा अहम हो सकती है.
(अजय झा)
Mujahid Alam
JD(U)
Mohammad Shahid Alam
RJD
Nota
NOTA
Dayanand Mandal
IND
Habibur Rahman
LJP
Bablu Baski
IND
Md Nasik Nadir
IND
Ravi Kumar Roy
HSJP
Junas Marandi
IND
Sabir Alam
JAP(L)
Amar Paswan
IND
Avadh Das
IND
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के भीतर निराशा है. शशि थरूर ने 'गंभीर आत्मनिरीक्षण' की मांग की, जबकि अन्य नेताओं ने हार का कारण संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और जमीनी हकीकत से कटे कुछ नेताओं को बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.