AIMIM
JD(U)
INC
IND
JSP
Nota
NOTA
AAP
IND
BSP
IND
Bihar Election Result 2025 Live: अमौर विधानसभा सीट पर AIMIM को दोबारा मिली जीत
Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
Amour Vidhan Sabha Chunav Result Live: बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पार्टियों/गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Amour Election Result 2025 Live: अमौर का रिजल्ट जानना है? यहां मिलेगा हर अपडेट
Bihar Election Results Live: बिहार चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Amour Vidhan Sabha Result Live: बिहार इलेक्शन रिजल्ट अपडेट्स कैसे चेक करें?
बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित अमौर विधानसभा क्षेत्र किशनगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इसमें अमौर और बैसा सामुदायिक विकास खंड शामिल हैं. यह क्षेत्र 1951 में अस्तित्व में आया और तभी से एक नियमित निर्वाचन क्षेत्र बना हुआ है.
अमौर, बिहार के पूर्णिया जिले और पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले की सीमा पर स्थित है, जिसके पूर्व में पश्चिम बंगाल का करंडीघी प्रखंड स्थित है. यह क्षेत्र समतल और उपजाऊ भूमि वाला है, जो कृषि के लिए अत्यंत अनुकूल है. सिंचाई की व्यवस्था मुख्यतः भूजल स्रोतों और मौसमी वर्षा पर निर्भर करती है. यहां धान, गेहूं और मक्का प्रमुख फसलें हैं, जबकि जूट की खेती भी स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देती है. छोटे स्तर के उद्योग, जैसे चावल मिल और जूट प्रसंस्करण इकाइयां, रोजगार के प्रमुख साधन हैं.
यह क्षेत्र सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. पूर्णिया, जो जिला मुख्यालय है, अमौर से लगभग 32 किमी दूर है. किशनगंज करीब 50 किमी उत्तर-पूर्व में और कटिहार लगभग 60 किमी दक्षिण में स्थित है. राज्य की राजधानी पटना यहां से लगभग 290 किमी दूर है.
1951 से अब तक अमौर में कुल 18 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. दिलचस्प बात यह है कि अब तक केवल एक गैर-मुस्लिम उम्मीदवार, जनता पार्टी के चंद्रशेखर झा, 1977 में इस सीट पर विजयी हुए हैं. कांग्रेस पार्टी ने आठ बार जीत दर्ज की है, जबकि चार बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने सफलता पाई है. प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने दो बार, जबकि जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, भाजपा और एआईएमआईएम ने एक-एक बार जीत हासिल की है.
2020 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान ने इस सीट पर जीत दर्ज की. उन्होंने जेडीयू के सबा जफर को 52,515 मतों से हराया, जबकि कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान तीसरे स्थान पर रहे. यह अमौर में एआईएमआईएम की पहली जीत थी, जिसने क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव लाया. अख्तरुल ईमान पूर्व में राजद से जुड़े रहे हैं और किशनगंज से दो बार तथा कोचाधामन से एक बार विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में वे एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष हैं.
जनगणना 2011 के अनुसार, अमौर का मतदाता आधार पूर्णतः ग्रामीण है, यहां कोई भी शहरी मतदाता दर्ज नहीं है. 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल 3,13,928 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 4.1% (12,871) और मुस्लिम मतदाता लगभग 69.8% (2,19,122) थे. 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,24,576 हो गई. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बाद से 2,422 मतदाता क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित हो चुके हैं. युवाओं का रोजगार की तलाश में पलायन एक बड़ी चिंता है, क्योंकि क्षेत्र में औद्योगिक अवसर सीमित हैं.
2020 के विधानसभा चुनाव में अमौर में 58.81% मतदान हुआ, जो हाल के वर्षों में सबसे कम था.
2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को अमौर विधानसभा क्षेत्र में 21,737 मतों की बढ़त मिली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए के लिए इस सीट को एआईएमआईएम और कांग्रेस से वापस पाना एक बड़ी चुनौती होगी.
यह क्षेत्र न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके सामाजिक-आर्थिक संकेतक भी नीति निर्धारण के लिए अहम दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं.
(अजय झा)
Saba Jafar
JD(U)
Abdul Jalil Mastan
INC
Nota
NOTA
Jhalkeshwar Kumar Gupta
JAP(L)
Matiur Rahman
JDR
Md Akhter Husen
JVKP
Gulam Mohammad
PCP
Md Mazharul Bari
IND
Manoj Kumar Nishad
LJP
Abdul Rajjak Alias Kala Baba
IND
Upendra Yadav
NCP
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
Amour Assembly Election Result 2025: अमौर विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है. पिछली बार यहां से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने जीत दर्ज की थी. इस बार भी पार्टी ने भरोसा जताते हुए विधायक अखतरुल ईमान को टिकट दिया था. जिस पर वो खरे उतरे और जीत दर्ज की.
बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी नई लिस्ट जारी की है. इसमें 6 नाम शामिल हैं. कांग्रेस ने पहली लिस्ट 17 अक्टूबर को जारी की थी, इसमें 48 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया था. जबकि दूसरी लिस्ट में 1, तीसरी में 5 कैंडिडेट्स की घोषणा की गई. बाद में सुपौल सीट के लिए एक और प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया.
जेडीयू ने पूर्णिया जिले की अमौर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक सबा जफर को टिकट दिया है. सबा साल 2010 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे.