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Bihar Election Result 2025 Live: बनमनखी (एससी) विधानसभा सीट पर BJP को दोबारा मिली जीत
Banmankhi (SC) Assembly Election Results Live: Bihar की Banmankhi (SC) सीट पर मुकाबला एकतरफा! BJP ने ली बड़ी बढ़त
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बनमनखी विधानसभा क्षेत्र, बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित है और यह पूर्णिया लोकसभा सीट का हिस्सा है. इस सीट की स्थापना वर्ष 1962 में की गई थी और यह अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित है. इस क्षेत्र में बनमनखी सामुदायिक विकास खंड और बरहरा कोठी ब्लॉक के 11 ग्राम पंचायत शामिल हैं.
बनमनखी का इतिहास पौराणिक कथाओं में गहराई से जुड़ा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान विष्णु के चौथे अवतार, भगवान नरसिंह ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करते हुए राक्षस राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था. यह स्थल वर्तमान में भवानीपुर स्थित नरसिंह भगवान मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है, जो बनमनखी शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है. यह मंदिर होली के समय लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. होलिका दहन के दौरान यहां एक विशाल अग्निकुंड जलाया जाता है और अगले दिन श्रद्धालु उसकी राख पर नंगे पांव चलकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. एक विशेष परंपरा में लोग मशाल (जलते हुए लकड़ी के टुकड़े) को मुख्य अग्निकुंड से अपने-अपने गांव तक ले जाते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है.
बनमनखी एक समय अपनी चीनी मिल के लिए भी प्रसिद्ध था, जिसकी स्थापना 1967 में हुई थी. यह मिल लंबे समय तक स्थानीय रोजगार का प्रमुख स्रोत रही, लेकिन बीते तीन दशकों से यह बंद पड़ी है. वर्तमान में इसकी जमीन बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) के अधीन है, हालांकि औद्योगिक पुनर्जागरण अभी दूर की बात लगती है.
यह क्षेत्र पूर्णतः ग्रामीण और कृषि आधारित है। पूर्वी बिहार के उपजाऊ मैदानों में स्थित बनमनखी को कोसी नदी प्रणाली और उसकी सहायक नदियों से पोषण मिलता है. यहां धान, मक्का और गेहूं मुख्य फसलें हैं, जबकि केले की खेती और लघु स्तर की मत्स्यपालन भी स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं. हालांकि, यह क्षेत्र लंबे समय से बाढ़ की समस्या से जूझता रहा है. हाल के वर्षों में सड़क संपर्क और विद्युतीकरण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
बनमनखी एक अनुमंडल स्तरीय शहर है और यह रेल और सड़क मार्ग से पूर्णिया (30 किमी), कटिहार (56 किमी), मुरलीगंज (20 किमी), बिहारीगंज (26 किमी), और मधेपुरा (40 किमी) से जुड़ा हुआ है. यह क्षेत्र व्यापार और सेवाओं के लिए एक स्थानीय केंद्र बनता जा रहा है. राज्य की राजधानी पटना से इसकी दूरी लगभग 315 किमी है.
बनमनखी विधानसभा क्षेत्र में अब तक 15 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. 1962 से 1985 तक कांग्रेस का प्रभुत्व रहा, जब उसने सात में से छह बार चुनाव जीता. इसके बाद भाजपा का उदय हुआ, जिसने 1990 से 2020 तक के आठ में से सात चुनावों में विजय हासिल की. भाजपा नेता और पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने 2005 से लगातार पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. जनता पार्टी (1977) और जनता दल (1995) ने भी एक-एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की है.
2020 के विधानसभा चुनावों में बनमनखी में कुल 3,07,554 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें से अनुसूचित जाति के मतदाता 18.97% (58,343), अनुसूचित जनजाति 5.86% (18,023), और मुस्लिम मतदाता लगभग 12.3% (37,829) थे. ग्रामीण मतदाता कुल मतदाताओं का 93.59% थे, जबकि शहरी मतदाता केवल 6.41% हैं.
हाल के चुनावों में मतदान प्रतिशत इस तरह रहा-2015 विधानसभा चुनाव: 58.27%, 2020 विधानसभा चुनाव: 58.92%, 2019 लोकसभा चुनाव: 61.77%, 2024 लोकसभा चुनाव: 56.62% (अब तक का सबसे कम).
2024 में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,18,665 हो गई, जबकि 2020 की मतदाता सूची से 2,754 लोगों ने क्षेत्र से पलायन किया.
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कृष्ण कुमार ऋषि ने 93,594 वोट प्राप्त कर राजद के उपेंद्र शर्मा (65,851 वोट) को 27,743 वोटों से हराया. 2024 लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने बनमनखी विधानसभा खंड में बड़ी बढ़त बनाई और 1,41,441 वोट प्राप्त कर जदयू के संतोष कुशवाहा (60,732 वोट) को 80,709 वोटों से पीछे छोड़ दिया.
2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा इस सीट पर अपनी जीत की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है. यह सीट अब भाजपा के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक मानी जाती है, जहां वह अपनी पकड़ और मजबूत करने की कोशिश करेगी.
(अजय झा)
Upendra Sharma
RJD
Nota
NOTA
Shyam Deo Paswan
IND
Sanjiv Kumar Paswan
JAP(L)
Chandan Bharti
IND
Umesh Rishi
JDR
Gujay Rishidev
IND
Krishna Kumari
PP
Ramsewak Rishidev
AKP
Kumar Ji
LSP(L)
Subash Chandra Paswan
SHS
Nityanand Paswan
SMP
Dipnarayan Rishidev
RSSD
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jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
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बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
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