बिहार के पूर्वोत्तर भाग में स्थित कसबा विधानसभा क्षेत्र, पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह क्षेत्र दो भौगोलिक भागों में बंटा हुआ है- मैदानी इलाका और पठारी क्षेत्र. कसबा, पूर्णिया जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर उत्तर में स्थित है और राज्य की राजधानी पटना से लगभग 355 किलोमीटर दूर है. यह क्षेत्र अभी भी मुख्य रूप से ग्रामीण है, जहां बस्तियां बिखरी हुई हैं और छोटे बाजार केंद्र हैं.
1967 में गठित, कसबा विधानसभा क्षेत्र में कसबा, श्रीनगर और जलालगढ़ सामुदायिक विकास खंड शामिल हैं, साथ ही कृत्यानंद नगर ब्लॉक के कोहबरा, बेला रिकाबगंज और झुन्नी इस्तंबरार ग्राम पंचायतें भी इसमें आती हैं.
कसबा ने अब तक 14 विधानसभा चुनावों में भाग लिया है. इस क्षेत्र में सबसे अधिक सफलता कांग्रेस को मिली है, जिसने पहले छह चुनावों (1967 से 1977) में लगातार जीत हासिल की और कुल 9 बार विजयी रही। हाल के वर्षों में भी कांग्रेस ने 2010, 2015 और 2020 में लगातार तीन बार जीत दर्ज की.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां 1995, 2000 और अक्टूबर 2005 में जीत हासिल की, जबकि जनता दल ने 1990 में और समाजवादी पार्टी ने फरवरी 2005 में जीत दर्ज की थी. उस समय मो. अफाक आलम समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे, जो अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और तीन बार से लगातार विधायक हैं.
2020 के चुनाव में, मो. अफाक आलम ने लोजपा के प्रत्याशी प्रदीप कुमार दास को 17,278 मतों के अंतर से हराया. इससे पहले 2010 और 2015 में भी दास ने बीजेपी उम्मीदवार के रूप में आलम को टक्कर दी थी लेकिन दोनों बार हार गए थे. प्रदीप कुमार दास पूर्व में भाजपा से तीन बार विधायक रह चुके हैं और अब भी इस क्षेत्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ते हुए कसबा विधानसभा क्षेत्र में 35,565 मतों की बढ़त दर्ज की.
2020 में कसबा में 2,83,417 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 1,13,933 (40.20%) थी. 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 2,93,314 हो गया, हालांकि 5,315 मतदाता इस बीच बाहर भी चले गए. कसबा में आमतौर पर मतदान प्रतिशत अच्छा रहता है- 2020 में 66.42%, हालांकि यह पिछले तीन चुनावों में सबसे कम था.
कसबा का भू-भाग अधिकांशत: समतल है और मानसून के समय बाढ़ की चपेट में रहता है. कृषि इस क्षेत्र की आर्थिक रीढ़ है, जहां धान, मक्का और जूट प्रमुख फसलें हैं. मौसमी नदियों और भूजल पर खेती निर्भर करती है. रोजगार के लिए कई लोग शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन भी करते हैं.
नजदीकी कस्बों में बनमनखी (22 किमी) और बैसी (15 किमी) आते हैं. कसबा की स्थिति पूर्णिया जिले के उत्तर-पूर्वी कॉरिडोर में होने के कारण इसकी सड़क कनेक्टिविटी संतोषजनक है.
2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा इस बार 2020 की रणनीति को बदल सकती है. संभव है कि वह इस बार लोजपा को सीट न देकर खुद के उम्मीदवार को कमल निशान पर मैदान में उतारे। इसके अलावा, जन सुराज पार्टी और आम आदमी पार्टी जैसे नए दल भी मैदान में उतर सकते हैं. हालांकि अभी इनकी स्थानीय पकड़ कमजोर है, लेकिन ये एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं या राजद गठबंधन को चुनौती दे सकते हैं.
बिहार में चल रही "स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)" प्रक्रिया के तहत बांग्लादेश से कथित अवैध प्रवासियों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं. यदि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में गिरावट आती है, तो यह चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है.
अब तक के राजनीतिक इतिहास और वर्तमान माहौल को देखते हुए, राजद नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन को 2025 के चुनाव में बढ़त मानी जा रही है. हालांकि, गठबंधन की रणनीतियों में बदलाव, प्रशासनिक कड़ाई और कसबा के तेजी से शहरीकरण को देखते हुए यह क्षेत्र चुनाव परिणामों में चौंकाने वाला भी साबित हो सकता है, खासकर अगर 2025 की संशोधित मतदाता सूची में जनसांख्यिकीय बदलाव दिखे.
(अजय झा)
INC
BSP
JSP
AIMIM
AAP
LJPRV
PPI(D)
SDPI
IND
IND
IND
IND
IND
Nota
NOTA
Pradeep Kumar Das
LJP
Rajendra Yadav
HAM(S)
Md Ittefaque Alam
IND
Md Shahbaz Alam
AIMIM
Nota
NOTA
Mohammad Nurul Haque
SDPI
Hayat Ashraf
PP
Kumar Shaev
STBP
Shakti Nath Yadav
RTRP
Bambam Sah
SJP(B)
Santosh Kumar
RVJP
Pradhan Kumar Singh
RJP(S)
Manoj Mahto
ACDP
तेजस्वी यादव ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर महागठबंधन की अहम बैठक बुलाई और मतगणना के दौरान पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. बैठक के बाद तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2020 के चुनाव में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल रहा था, लेकिन कुछ अधिकारियों की मनमानी से परिणाम पलट दिए गए थे. इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी और जनता बताएगी कि बिहार का मुस्तकबिल उसने किस गठबंधन के हाथ में दिया है. चुनाव परिणामों के पहले ही सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही हैं.
बेगूसराय में राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव पर फेसबुक लाइव में डीएम पर लूट और मतगणना में धांधली के आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई है. उन्होंने वीडियो में हजारों समर्थकों से मतगणना केंद्र पहुंचने की अपील की थी. सीओ रवि शंकर के आवेदन पर साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल आने वाले हैं लेकिन उससे पहले सियासत गरमा गई है. RJD और महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि अगर काउंटिंग रुकी तो हालात नेपाल जैसे हो जाएंगे. वहीं लगातार काउंटिंग में धांधली की आशंका जताई जा रही है. NDA ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह हार की खीज है.
Bihar Election Result News LIVE Updates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की मतगणना शुक्रवार, 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस बार दो चरणों में मतदान हुआ था. 243 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है. प्रशासन ने सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल बताते हैं कि चिराग पासवान से जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो दिखाई नहीं दे रही है. चुनावों के पहले तक खुद को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरह प्रोजेक्ट कर रहे चिराग कहीं फंस तो नहीं गए हैं?
आरजेडी एलएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर विवादित और भड़काऊ बयान दिया है. इसको लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं आरजेडी ने बचाव करते हुए कहा है कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
बिहार एग्जिट पोल पर बात करते हुए कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने बड़ा दावा कर दिया. उन्होनें कहा कि महागठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और तेजस्वी यादव राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनने वाले हैं.
बिहार एग्जिट पोल पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने गुस्सा जताया है. उन्होनें कहा 'चुनाव परिणामों को लेकर कई दबाव और मजबूरियां होती हैं, जिससे एक्जिट पोल में बढ़त दिखाना जरूरी हो जाता है. हालांकि हजारों से कम सैंपल के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं है. कई सर्वे ऐसे भी हैं जो महागठबंधन की बढ़त को दर्शाते हैं.'
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटर्स की बढ़ती भागीदारी ने चुनावी परिदृश्य को बदल दिया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं का मतदान प्रतिशत 71.78% है जो पुरुषों के 62.98% से 9 प्रतिशत अधिक है. कई जिलों में महिलाओं ने पुरुषों से 14 प्रतिशत से अधिक मतदान किया है, जिसमें सुपौल, किशनगंज और मधुबनी प्रमुख हैं.