अररिया- पूर्वोत्तर बिहार में स्थित अररिया जिला मुख्यालय, अपने नाम की उत्पत्ति एक औपनिवेशिक संक्षेप से लेता है. ब्रिटिश राज के दौरान यह क्षेत्र ईस्ट इंडिया कंपनी के जिला कलेक्टर अलेक्जेंडर जॉन फोर्ब्स के अधीन था. उनकी कोठी को “रेसिडेंशियल एरिया” या “R-area” कहा जाता था, जो धीरे-धीरे स्थानीय उच्चारण में बदलकर अररिया बन गया. इस क्षेत्र की विरासत आज भी फोर्ब्सगंज जैसे नामों में जीवित है.
1990 में पूर्णिया से अलग होकर बने अररिया जिले को आज भी बिहार के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाता है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जिले के 92 प्रतिशत गांवों में चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं, 20 प्रतिशत गांवों में शिक्षा का कोई औपचारिक ढांचा नहीं है, और 713 में से 597 गांव आज भी बिजली से वंचित हैं. आधे से अधिक गांव ऑल-वेदर सड़कों से कटे हुए हैं.
भौगोलिक दृष्टि से अररिया की स्थिति बेहद रणनीतिक है. यह भारत-नेपाल सीमा के करीब स्थित है और बांग्लादेश तथा भूटान से भी निकटता रखता है. जोगबनी, भारत की अंतिम सीमा बिंदु, नेपाल के मोरंग जिले में प्रवेश का मुख्य मार्ग है.
अररिया जिले से होकर सुवारा, काली, परमार और कोली नदियां गुजरती हैं. कोसी नदी, जो कभी यहां सक्रिय थी, अब मार्ग बदल चुकी है, लेकिन बाढ़ की स्मृतियां और प्रभाव आज भी क्षेत्र के विकास में बाधक हैं.
कृषि अररिया की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. प्रमुख फसलें धान, मक्का, जूट हैं, जबकि गन्ना और सब्जियां (बैंगन, टमाटर, मिर्च) भी बड़ी मात्रा में उगाई जाती हैं. उपजाऊ मिट्टी और अनुकूल जलवायु के बावजूद उद्योगिक विकास बेहद सीमित है. स्थानीय हाट-बाज़ार और लघु उद्योग ही आजीविका के प्रमुख स्रोत हैं.
अररिया विधानसभा क्षेत्र, जिसकी स्थापना 1951 में हुई थी, अररिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसमें अररिया प्रखंड और अररिया नगर परिषद शामिल हैं. यह राज्य की राजधानी पटना से लगभग 300 किमी दूर है, जबकि पूर्णिया (50 किमी), किशनगंज (60 किमी) और कटिहार (70 किमी) पास के शहरी केंद्र हैं.
यह सीट मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. 2020 के चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 56.30% (1,79,509 वोटर) थी. अनुसूचित जातियों की हिस्सेदारी 12.8% (40,826 वोटर) रही, जबकि शहरी मतदाता केवल 6.1% (19,457 वोटर) थे.
2020 विधानसभा चुनाव में अररिया सीट पर कुल 3,18,978 मतदाता पंजीकृत थे, जो 2024 लोकसभा चुनाव तक बढ़कर 3,30,925 हो गए. चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 की मतदाता सूची से 4,722 लोगों ने पलायन किया था. मतदान प्रतिशत 58.91% रहा.
अररिया विधानसभा क्षेत्र में अब तक 18 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2009 का उपचुनाव भी शामिल है. कांग्रेस पार्टी ने सबसे अधिक 7 बार जीत दर्ज की है, जबकि स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 4 बार, भाजपा और लोजपा ने 2-2 बार, तथा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और बिहार पीपुल्स पार्टी ने 1-1 बार जीत दर्ज की है.
यह सीट आमतौर पर किसी भी पार्टी को लगातार दो बार मौका देती है, इसके बाद बदलाव करती है. उदाहरण के लिए, भाजपा ने 2005 में लगातार दो बार, लोजपा ने 2009 व 2010 में, और कांग्रेस ने 2015 व 2020 में जीत हासिल की. अगर यह प्रवृत्ति कायम रही, तो कांग्रेस को 2025 में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, हालांकि स्थिति स्पष्ट नहीं है.
2020 में कांग्रेस के अबिदुर रहमान ने 47,936 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. उन्होंने 1,03,054 (54.84%) वोट प्राप्त किए, जबकि जदयू की शगुफ्ता अजीम को 55,118 (29.33%) वोट मिले. एआईएमआईएम और लोजपा के उम्मीदवार काफी पीछे रह गए.
2024 लोकसभा चुनाव में अररिया विधानसभा क्षेत्र में राजद उम्मीदवार को 48,278 वोटों की बढ़त मिली, जो INDI गठबंधन की मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है.
(अजय झा)
INC
JSP
AIMIM
AAP
JD(U)
RJSBP
RUC
IND
IND
IND
Nota
NOTA
Shagufata Ajim
JD(U)
Md. Rashid Anwer
AIMIM
Chandra Shekhar Singh Baban
LJP
Nota
NOTA
Amit Anand Jha
PP
Bechan Paswan
IND
Raja Babu
IND
Ashish Kumar Bhardwaj
IND
Mustaque Alam
AKP
Qamrul Hoda
SDPI
Jawwad Alam
IND
Mohammad Imtiyaz
RJSBP
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले लगभग साढ़े 8 वर्षों से भाजपा की डबल इंजन सरकार ने सुरक्षा के मामले में विशेष सुधार किया है. पहले अररिया जैसे इलाकों में आतंकवाद और दंगे आम बात हुआ करते थे, जहां लोगों को डर के साथ जीना पड़ता था. कांग्रेस और आरजेडी के शासनकाल में स्थिति इतनी खराब थी कि कर्फ्यू लगाना पड़ता था, और गुंडागर्दी चरम पर थी.
बिहार के सीमांचल क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. जहाँ पूर्णिया, अररिया और सुपौल जिलों में पार्टियों के भीतर भारी उथल-पुथल मची है. एक स्थानीय निवासी ने कोसी नदी के कटाव की पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा, 'जब तक उसको बचा होता है 6 दिन तब तक घर हटा करके दूसरे जगह जाना पड़ता है'.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के अररिया में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए एनडीए की जीत का विश्वास जताया और कांग्रेस-राजद गठबंधन पर तीखा हमला बोला. उन्होंने पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा, 'अपराधी जिन लोगों ने बिहार की साक्षरता को सबसे निचले पायदान पर धकेला था.'
बिहार के सीमांचल में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है, जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अररिया में एक रैली को संबोधित करते हुए बड़ा चुनावी वादा किया है. उन्होंने सीधे तौर पर वोट के बदले नौकरी की पेशकश करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा. अररिया की रैली में तेजस्वी ने खुलकर कहा कि 'आप लालटेन का बटन दबाये और सरकारी नौकरी पाएं और बी जे पी को भगाएं'.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के अररिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरजेडी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि 10 नवंबर को जब चुनाव के नतीजे आएंगे तो बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनेगी. सीएम योगी ने पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अपराधी जिन लोगों ने बिहार की साक्षरता को सबसे निचले पायदान पर धकेला था.’
बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार आज शाम थम जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई दिग्गज नेता आज आखिरी दिन अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. एनडीए को फिर से सत्ता में लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मोर्चा संभाला हुआ है, तो वहीं राहुल गांधी भी कई जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की नीतीश कुमार, RJD और कांग्रेस पर सीमांचल क्षेत्र की जानबूझकर उपेक्षा करने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया को विकास से वंचित रखा गया.
बिहार की सियासत में सीमांचल की लड़ाई बेहद अहम हो गई है, जहां असदुद्दीन ओवैसी, तेजस्वी यादव और एनडीए के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. ओवैसी ने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा, 'एजेंसी कपड़े देख कर, चेहरे पर दाढ़ी, सर पर टोपी देखकर कह रहे हैं ये चरमपंथी है.' 2020 में पांच सीटें जीतकर चौंकाने वाले ओवैसी के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा है, क्योंकि उनके चार विधायक आरजेडी में शामिल हो चुके हैं.
यह नन्हा यूट्यूबर अर्श नवाज है, जिसके वीडियो में राहुल गांधी उससे 'वोट चोरी' और उनके द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में बात करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. यह वीडियो 6 नवंबर का बताया जा रहा है.
अररिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि वोट की ताकत ही असली शक्ति है, जिसने बिहार को सामाजिक न्याय की भूमि बनाया. प्रधानमंत्री मोदी ने 90 के दशक के जंगलराज पर हमला बोलते हुए कहा कि उस दौर में बिहार में भ्रष्टाचार, कुशासन और भय का माहौल था.