बहादुरगंज बिहार के किशनगंज जिले में तराई क्षेत्र में बसा एक नोटिफाइड एरिया है. प्रशासनिक दृष्टि से यह न गांव है और न ही पूरा कस्बा, बल्कि दोनों के बीच की श्रेणी में आता है. इस विधानसभा क्षेत्र में बहादुरगंज और टेढ़ागाछ प्रखंडों के साथ-साथ दिघलबैंक प्रखंड की तीन ग्राम पंचायतें शामिल हैं. यह नेपाल और पश्चिम बंगाल की नजदीकी के कारण एक विशिष्ट सीमा-पार चरित्र वाला इलाका है. महानंदा और मेची नदियां यहां की जमीन और कृषि पर सीधा प्रभाव डालती हैं.
1951 में स्थापित बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र ने अब तक बिहार की सभी 17 विधानसभा चुनावों में भाग लिया है. यह मुस्लिम बहुल सीट है और यहां से अब तक केवल तीन गैर-मुस्लिम विधायक चुने गए हैं. कांग्रेस का दबदबा सबसे अधिक रहा है जिसने यह सीट 10 बार जीती है. प्रजा समाजवादी पार्टी ने 1957 और 1967 में दो बार जीत हासिल की. जनता पार्टी, जनता दल, भाजपा, एक निर्दलीय और एआईएमआईएम ने एक-एक बार जीत दर्ज की है.
नजमुद्दीन और मोहम्मद तौसीफ आलम इस सीट के सबसे सफल नेता रहे हैं, दोनों ने चार-चार बार जीत हासिल की. तौसीफ आलम ने 2005 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी, इसके बाद कांग्रेस में शामिल होकर लगातार तीन चुनाव (2005 अक्टूबर, 2010 और 2015) जीते. लेकिन 2020 में वे एआईएमआईएम के मोहम्मद अंज़र नईमी और वीआईपी के लखन लाल पंडित से पीछे रहकर तीसरे स्थान पर खिसक गए. नईमी ने 45,215 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की. मार्च 2022 में वे आरजेडी में शामिल हो गए.
2025 का चुनाव विपक्षी गठबंधन के लिए सीट बंटवारे की कसौटी बन सकता है. मौजूदा विधायक आरजेडी में होने के कारण यह सीट आरजेडी अपने खाते में रखना चाहेगी, जबकि वीआईपी और कांग्रेस भी दावा कर सकते हैं. ऐसे में बगावत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. दूसरी ओर, एआईएमआईएम अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए मैदान में उतरेगी और मुस्लिम वोटों में सेंध लगाकर एनडीए को मौका दे सकती है.
2020 में बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में 2,92,544 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 66.70% मुस्लिम, 7.55% अनुसूचित जाति और 2.48% अनुसूचित जनजाति समुदाय से थे. यह क्षेत्र मुख्यतः ग्रामीण है और केवल 8.55% शहरी मतदाता हैं. मतदान प्रतिशत 59.40% रहा था. 2024 तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,07,148 हो गई.
बहादुरगंज की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है. उपजाऊ मिट्टी और नदियों से सिंचाई इसे खेती के लिए उपयुक्त बनाते हैं. यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग 27 और 57 से जुड़ा है. यह किशनगंज जिला मुख्यालय से लगभग 25 किमी उत्तर में और पटना से करीब 317 किमी दूर स्थित है. नजदीकी शहरों में इस्लामपुर (40 किमी), अररिया (43 किमी), पूर्णिया (71 किमी), सिलीगुड़ी (87 किमी) और जलपाईगुड़ी (105 किमी) शामिल हैं. नेपाल सीमा भी नजदीक है, भद्रपुर (60 किमी) और विराटनगर (75 किमी). बहादुरगंज में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, निकटतम स्टेशन किशनगंज (24 किमी) है.
(अजय झा)
INC
JSP
AIMIM
AAP
LJPRV
TPP
IND
IND
IND
Nota
NOTA
Lakhan Lal Pandit
VIP
M.d. Tauseef Alam
INC
Nota
NOTA
Chandan Kumar Yadav
SHS
Mohammad Mansoor Alam
JAP(L)
Mohammad Musfik Ala
BHMP
Hari Mohan Singh
IND
Sambhu Prasad Das
IND
Nazim Ahmad
NCP
बेगूसराय में राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव पर फेसबुक लाइव में डीएम पर लूट और मतगणना में धांधली के आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई है. उन्होंने वीडियो में हजारों समर्थकों से मतगणना केंद्र पहुंचने की अपील की थी. सीओ रवि शंकर के आवेदन पर साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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बिहार एग्जिट पोल पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने गुस्सा जताया है. उन्होनें कहा 'चुनाव परिणामों को लेकर कई दबाव और मजबूरियां होती हैं, जिससे एक्जिट पोल में बढ़त दिखाना जरूरी हो जाता है. हालांकि हजारों से कम सैंपल के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं है. कई सर्वे ऐसे भी हैं जो महागठबंधन की बढ़त को दर्शाते हैं.'
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जेडीयू नेता नीरज कुमार ने मतगणना कीतारीख पर बयान दिया है. उन्होनें सभी राजनीतिक दलों के अभिकर्ताओं से अपील की है कि वे समय पर पहुंचें ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके. बिहार के घटक दलों के उम्मीदवारों ने संगठनिक तैयारी पूरी कर ली है ताकि मतगणना समय पर हो और यह बिहार के विकास में सहायक साबित हो.
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