बलरामपुर बिहार के कटिहार जिले में स्थित एक सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है. यह 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद अस्तित्व में आई और कटिहार लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इसमें बरसोई और बलरामपुर प्रखंड शामिल हैं. यह क्षेत्र बिहार के पूर्वी हिस्से में, पश्चिम बंगाल की सीमा के पास स्थित है. बलरामपुर, कटिहार जिला मुख्यालय से लगभग 52 किलोमीटर पूर्व, बरसोई से 18 किलोमीटर, सुढ़नी रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर, और पश्चिम बंगाल के रायगंज से 26 किलोमीटर दूर स्थित है.
यह इलाका कोसी और महानंदा नदियों के संगम पर बसा हुआ है और गंगा के उत्तरी तट पर फैला हुआ है. यह क्षेत्र बाढ़-प्रवण है और यहां की कृषि और जल-जलीय पारिस्थितिकी को कई छोटी नदियों और नहरों का समर्थन मिलता है.
2020 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर में कुल 3,33,492 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से लगभग 60.80% (2,02,763) मुस्लिम मतदाता थे. अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 12% (40,019) और अनुसूचित जनजाति की आबादी लगभग 1.62% (5,400) थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में यह संख्या बढ़कर 3,50,083 हो गई.
हालांकि बलरामपुर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, लेकिन 2010 में इसने एक हिंदू उम्मीदवार दुलाल चंद्र गोस्वामी को विधायक चुना. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में CPI(ML)(L) के महबूब आलम को 2,704 वोटों से हराया. मुस्लिम वोटों के बंटवारे ने उनके पक्ष में काम किया, क्योंकि NCP, LJP, JDU और कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे. बाद में गोस्वामी JDU में शामिल हो गए.
2015 में जब JDU ने BJP से गठबंधन तोड़ लिया, तो गोस्वामी को फिर से JDU उम्मीदवार बनाया गया, जबकि BJP ने वरुण कुमार झा को मैदान में उतारा. इस बार CPI(ML)(L) के महबूब आलम ने आसानी से 20,419 वोटों से जीत दर्ज की, जबकि JDU और BJP के कुल वोट महबूब आलम के वोटों से कहीं अधिक थे.
2020 में CPI(ML)(L) राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन चुकी थी. इस गठबंधन ने सीट बरकरार रखते हुए महबूब आलम को भारी अंतर से विजयी बनाया. उन्होंने VIP के वरुण कुमार झा को 53,597 वोटों से हराया, जिनकी पार्टी को NDA से यह सीट मिली थी.
2024 के लोकसभा चुनाव में भी यही रुझान बना रहा, जब कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने बलरामपुर खंड में JDU के मौजूदा सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी पर 64,158 वोटों की बढ़त हासिल की.
बलरामपुर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. यहां धान, मक्का, गेहूं और दालें प्रमुख फसलें हैं. कुछ इलाकों में जूट की खेती भी की जाती है. यहां छोटे स्तर पर चावल मिलें और स्थानीय व्यापारिक केंद्र हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग आजीविका के लिए अन्य राज्यों में मौसमी पलायन करते हैं. पश्चिम बंगाल की निकटता के कारण सीमा पार व्यापार भी काफी होता है. रायगंज और डालकोला जैसे शहर व्यापार के बड़े केंद्र हैं.
बलरामपुर का ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं है. ब्रिटिश काल और उससे पहले यह एक प्रमुख अंतर्देशीय बंदरगाह रहा है. 1856 में बलरामपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या 6, बलदियाबाड़ी में नवाब सिराज-उद-दौला और पूर्णिया के नवाबजंग के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसे बलरामपुर का युद्ध कहा जाता है और इसमें लगभग 12,000 लोग मारे गए. 1857 में प्लासी की लड़ाई में सिराज-उद-दौला की हार के बाद ब्रिटिशों ने यहां रेलवे का विस्तार किया और बलरामपुर एक समृद्ध बंदरगाह बन गया. फरक्का बैराज और नदियों के प्रवाह में बदलाव से यह बंदरगाह धीरे-धीरे समाप्त हो गया. हालिया पुल निर्माण और हाईवे कनेक्टिविटी को बलरामपुर की खोई पहचान फिर से बहाल करने की कोशिश माना जा रहा है.
स्थानीय लोग बलरामपुर को ‘बिहार का द्वार’ के रूप में पुनः स्थापित होते देखने की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे यह झारखंड और पश्चिम बंगाल से बेहतर रूप से जुड़ सके.
2020 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणामों से यह स्पष्ट है कि NDA के लिए इस सीट को विपक्ष से छीन पाना आसान नहीं होगा. हालांकि, सीमांचल क्षेत्र में मतदाता सूची के व्यापक पुनरीक्षण से NDA को थोड़ी उम्मीद जरूर है. यह प्रक्रिया विशेष रूप से बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल से आए संदिग्ध अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची से बाहर करने पर केंद्रित है.
(अजय झा)
BSP
JSP
AIMIM
LJPRV
CPI(ML)(L)
TPP
IND
IND
IND
IND
IND
IND
IND
IND
IND
IND
IND
IND
Nota
NOTA
Barun Kumar Jha
VIP
Sangita Devi
LJP
Md. Zinnah
IND
Nota
NOTA
Azad Khan
RJKP
Jagannath Das
IND
Khawaja Bahauddin Ahmed
NCP
Munovar Husain
SDPI
Md. Shamim Akhtar
PPI(D)
Sakir Alam
BMP
Tanweer Shamsi
IND
Sunil Chaudhary
IND
Md. Fakhruddin
JD(S)
Md. Noor Alam
PCP
तेजस्वी यादव ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर महागठबंधन की अहम बैठक बुलाई और मतगणना के दौरान पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. बैठक के बाद तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2020 के चुनाव में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल रहा था, लेकिन कुछ अधिकारियों की मनमानी से परिणाम पलट दिए गए थे. इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी और जनता बताएगी कि बिहार का मुस्तकबिल उसने किस गठबंधन के हाथ में दिया है. चुनाव परिणामों के पहले ही सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही हैं.
बेगूसराय में राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव पर फेसबुक लाइव में डीएम पर लूट और मतगणना में धांधली के आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई है. उन्होंने वीडियो में हजारों समर्थकों से मतगणना केंद्र पहुंचने की अपील की थी. सीओ रवि शंकर के आवेदन पर साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल आने वाले हैं लेकिन उससे पहले सियासत गरमा गई है. RJD और महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि अगर काउंटिंग रुकी तो हालात नेपाल जैसे हो जाएंगे. वहीं लगातार काउंटिंग में धांधली की आशंका जताई जा रही है. NDA ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह हार की खीज है.
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बिहार विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल बताते हैं कि चिराग पासवान से जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो दिखाई नहीं दे रही है. चुनावों के पहले तक खुद को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरह प्रोजेक्ट कर रहे चिराग कहीं फंस तो नहीं गए हैं?
आरजेडी एलएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर विवादित और भड़काऊ बयान दिया है. इसको लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं आरजेडी ने बचाव करते हुए कहा है कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
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बिहार एग्जिट पोल पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने गुस्सा जताया है. उन्होनें कहा 'चुनाव परिणामों को लेकर कई दबाव और मजबूरियां होती हैं, जिससे एक्जिट पोल में बढ़त दिखाना जरूरी हो जाता है. हालांकि हजारों से कम सैंपल के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं है. कई सर्वे ऐसे भी हैं जो महागठबंधन की बढ़त को दर्शाते हैं.'
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