बिहार के मगध क्षेत्र के जहानाबाद जिले में स्थित मखदूमपुर एक प्रमुख प्रखंड स्तरीय कस्बा है, जो जमुना नदी के पास और दर्दहा नदी से महज चार किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है. यह पटना से लगभग 60 किलोमीटर और गया से 30 किलोमीटर दूर स्थित है. इस कस्बा से एक रोचक विरोधाभास जुड़ा हुआ है, जहां एक ओर यहां कोई कॉलेज नहीं है, वहीं दूसरी ओर इसकी साक्षरता दर
69.08% है, जो कि बिहार की औसत साक्षरता दर 61.80% से कहीं अधिक है.
मखदूमपुर क्षेत्र का सबसे बड़ा आकर्षण बराबर पहाड़ियों में स्थित प्राचीन बराबर गुफाएं हैं. ये गुफाएं शहर से 11 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित हैं, जो मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व) के काल की हैं. इन्हें भारत की सबसे पुरानी चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाओं के रूप में जाना जाता है. इनमें लोमस ऋषि गुफा, जिसे सतघरवा गुफा भी कहा जाता है, सबसे प्रसिद्ध है. ये गुफाएं प्राचीन बौद्ध वास्तुकला और आजीवक संप्रदाय के उद्भव से जुड़ी हुई हैं. सात गुफाओं का यह समूह प्रकृति की अद्भुत सुंदरता और ऐतिहासिक रहस्यों को समेटे हुए है.
प्राचीन ग्रंथों में बराबर को "खलित पर्वत" या "नागार्जुनी पर्वत" के नाम से जाना गया है. महाभारत काल में इसे "गोरठगिरी" कहा जाता था, ऐसा माना जाता है कि राक्षस राजा वनासुर का यहां शासन था और उसके द्वारा बनवाया गया किला आज भी खंडहर रूप में मौजूद है.
सम्राट अशोक ने अपनी एक रानी के अनुरोध पर यहां आजीवक संन्यासियों के लिए गुफाएं बनवाई थीं. उनके पोते दशरथ ने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया और आजीवक एवं बौद्ध भिक्षुओं के लिए कई गुफाएं बनवाईं.
हालांकि मखदूमपुर नाम सुनकर यह मुस्लिम बहुल इलाका प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में यहां की 93.18% आबादी हिंदू है, जबकि मुस्लिम जनसंख्या मात्र 6.57% है. हिंदुओं में अनुसूचित जातियां 22.1% की बड़ी भागीदारी रखती हैं.
1951 में स्थापित मखदूमपुर एक आरक्षित (अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र है, जो जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें कांग्रेस ने 7 बार जीत दर्ज की (अंतिम बार 1990 में). इसके अलावा एक-एक बार स्वतंत्र उम्मीदवार, संयुक्त समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी और जनता दल ने जीत दर्ज की है.
1995 के बाद से, जनता दल से निकली पार्टियों का वर्चस्व रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 4 बार, जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी ने एक-एक बार जीत दर्ज की है. हाल के वर्षों में RJD की पकड़ मजबूत रही है, जिसने 2015 और 2020 सहित पिछले चार में से तीन चुनाव जीते हैं.
2020 में मखदूमपुर में कुल 2,42,754 मतदाता थे, जिनमें से 56.76% ने मतदान किया. 2024 लोकसभा चुनावों में यह संख्या बढ़कर 2,47,962 हो गई. इनमें से 90.81% ग्रामीण मतदाता हैं जबकि शहरी मतदाता केवल 9.19% हैं. अनुसूचित जाति मतदाता लगभग 22.89% और मुस्लिम मतदाता लगभग 6.7% हैं.
2020 में RJD ने जहानाबाद लोकसभा सीट पर 1,52,591 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी और मखदूमपुर सहित सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी. NDA के लिए सबसे बड़ी चुनौती 43.24% उन मतदाताओं को सक्रिय करना है, जिन्होंने 2020 में मतदान नहीं किया था. यही वर्ग भविष्य के चुनावों में समीकरण बदल सकता है.
(अजय झा)