बेलागंज बिहार के गया जिले का एक प्रखंड-स्तरीय नगर है, जो ऐतिहासिक मगध क्षेत्र में स्थित है. यह गया शहर से लगभग 25 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और फल्गु नदी के निकट बसा हुआ है. प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थल बोधगया यहां से लगभग 40 किलोमीटर दूर है, जबकि बिहार की राजधानी पटना करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है.
कारण बेलागंज की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. खेती के अलावा चावल मिल, मिट्टी के बर्तन, हस्तशिल्प जैसी लघु उद्योगों से भी यहां के लोग जीविकोपार्जन करते हैं.
बोधगया और गया की निकटता के कारण बेलागंज का सांस्कृतिक संबंध बौद्ध और हिंदू परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ है. हालांकि, इन प्रसिद्ध स्थलों की तुलना में बेलागंज में पर्यटन उतना विकसित नहीं है. यहां की प्रमुख भाषाएं मगही और हिंदी हैं.
2011 की जनगणना के अनुसार, बेलागंज प्रखंड का क्षेत्रफल 202 वर्ग किलोमीटर था और इसकी कुल जनसंख्या 2,22,003 थी. जनसंख्या घनत्व 1,102 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था. यहां का लिंगानुपात 931 महिलाएं प्रति 1,000 पुरुषों का था. इस प्रखंड में 114 गांव शामिल हैं, जिनमें 75 गांवों की आबादी 2,000 से कम है. कुल मिलाकर 34,008 घरों में लोग निवास करते हैं.
बेलागंज का साक्षरता दर 52.22 प्रतिशत दर्ज किया गया था, जो अपेक्षाकृत कम है. पुरुष साक्षरता दर 61.02 प्रतिशत थी, जबकि महिलाओं में यह दर मात्र 42.78 प्रतिशत थी. इस अंतर को कम करने और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बेलागंज पंचायत द्वारा 18 स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. उम्मीद है कि अगली जनगणना में साक्षरता दर में सुधार देखने को मिलेगा.
बेलागंज विधानसभा सीट की स्थापना 1962 में हुई थी और यह गया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 2008 के परिसीमन के बाद गया सदर प्रखंड के कुछ हिस्सों को भी इसमें शामिल किया गया. अब तक यहां 17 बार विधायक का चुनाव हो चुका है, जिसमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं.
2024 का उपचुनाव इस दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा कि इसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सात बार की जीत की सीरीज टूट गई और जनता दल (यूनाइटेड) (जद(यू)) ने 21,319 वोटों के अंतर से सीट जीत ली.
अब तक इस सीट पर राजद ने सात बार, कांग्रेस ने पांच बार, जनता दल ने दो बार जीत हासिल की है. संयुक्त समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी और जद(यू) ने एक-एक बार विजय प्राप्त की है.
2024 का उपचुनाव तब हुआ जब राजद के छह बार के विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव जहानाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. दिलचस्प बात यह रही कि आम चुनाव में एनडीए के जीतन राम मांझी ने गया लोकसभा सीट जीती, लेकिन बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में राजद को मामूली 2,546 वोटों की बढ़त मिली थी. हालांकि उपचुनाव में जद(यू) की निर्णायक जीत ने यह संकेत दिया कि बेलागंज में एनडीए को बढ़त मिल रही है.
सुरेंद्र प्रसाद यादव पहले भी दो बार जनता दल के टिकट पर इस सीट से जीत चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मतदाताओं की निष्ठा पार्टी से अधिक उनके प्रति थी. उनके इस्तीफे के बाद मतदाता राजद से दूर हो गए.
हालांकि बेलागंज एक सामान्य वर्ग की सीट है, यहां अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 29.59 प्रतिशत है. मुसलमान मतदाता 15.8 प्रतिशत हैं. केवल 2.64 प्रतिशत मतदाता ही शहरी हैं, जिससे यह क्षेत्र एक मुख्य रूप से ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र बन जाता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में 2,76,878 पंजीकृत मतदाताओं में से 61.56 प्रतिशत ने मतदान किया था. 2024 के लोकसभा चुनाव तक पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,86,200 हो गई.
(अजय झा)