बोधगया, बिहार के गया जिले में लिलाजन (फल्गु) नदी के तट पर स्थित है. यह स्थान विश्वभर के बौद्धों के लिए चार सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है. यहीं पर 29 वर्ष की आयु में अपने परिवार का त्याग कर लुंबिनी के राजकुमार और तपस्वी सिद्धार्थ गौतम ने 534 ईसा पूर्व में महाबोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था. इसी घटना के बाद, सिद्धार्थ गौतम बुद्ध
के नाम से प्रसिद्ध बोधगया बौद्ध धर्म का जन्मस्थान बन गया, जिसे विश्वभर में अनुमानित 100 करोड़ लोग मानते हैं.
बौद्ध धर्म के प्रसार में एक प्रमुख व्यक्ति रहे सम्राट अशोक, बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के लगभग 200 वर्ष बाद बोधगया आए. उन्होंने इस स्थल पर एक मंदिर और मठ का निर्माण किया, जिसे महाबोधि मंदिर के नाम से जाना जाता है. 2002 में, इस मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया. सदियों तक, बोधगया बौद्ध सभ्यता का एक केंद्रीय केंद्र बना रहा. 13वीं शताब्दी में कुतुब अल-दीन ऐबक और बख्तियार खिलजी की मुस्लिम तुर्की सेनाओं ने इसे नष्ट कर दिया. इससे महाबोधि मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो गया और सदियों तक परित्यक्त रहा. 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पुनर्स्थापन प्रयास शुरू हुए, जिससे इसकी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्ता पुनर्जीवित हुई.
बोधगया की निर्वाचन इतिहास भी उतना ही रोचक है. 1957 में स्थापित बोधगया विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए आरक्षित सीट है. यह गया लोकसभा सीट के छह विधानसभा खंडों में से एक है, जो एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. वर्षों से, बोधगया ने किसी एक राजनीतिक विचारधारा के प्रति निष्ठा नहीं दिखाई, और वामपंथ से लेकर दक्षिणपंथ तक, साथ ही विभिन्न मध्यमार्गी और समाजवादी पार्टियों के विधायकों को चुना है.
अपने स्थापना के बाद से, बोधगया ने 18 विधानसभा चुनाव देखे हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सबसे अधिक पांच बार जीत हासिल की है, जिसमें 2015 और 2020 शामिल हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने तीन बार सीट जीती है, जबकि भाजपा और कांग्रेस ने दो-दो बार जीत हासिल की है. अन्य पार्टियों, जैसे भारतीय जनसंघ, स्वतंत्र पार्टी, जनता पार्टी, लोक दल, और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी), साथ ही स्वतंत्र उम्मीदवारों ने एक-एक बार जीत हासिल की है. 2020 के चुनावों में, राजद के कुमार सर्वजीत ने अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी को 4,708 वोटों से हराकर सीट बरकरार रखी.
बोधगया विधानसभा क्षेत्र में एससी आबादी महत्वपूर्ण है, जो मतदाताओं का लगभग 35.72 प्रतिशत है. मुस्लिम मतदाता लगभग 7.3 प्रतिशत हैं. यह क्षेत्र मुख्यतः ग्रामीण है, जहां ग्रामीण मतदाता 92.03 प्रतिशत हैं, जबकि शहरी मतदाता केवल 7.97 प्रतिशत हैं.
2020 विधानसभा चुनावों में, बोधगया में 315,397 मतदाता थे. यह संख्या 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान बढ़कर 324,068 हो गई. मतदाता संख्या में और वृद्धि की उम्मीद है जब चुनाव आयोग 2025 विधानसभा चुनावों के लिए अद्यतन मतदाता सूची जारी करेगा.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, जो एनडीए के घटक हैं, वर्तमान में गया लोकसभा सीट से सांसद हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान, एनडीए ने बोधगया विधानसभा खंड में बढ़त हासिल की, जो मतदाता भावना में संभावित बदलाव का संकेत देता है.
(अजय झा)