रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) एक ऐसी व्यापार नीति है जिसमें एक देश द्वारा दूसरे देश पर लगाए गए टैरिफ का जवाब समान टैरिफ लगाकर दिया जाता है. यह नीति आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में संतुलन बनाए रखने और अनुचित व्यापार प्रथाओं का जवाब देने के लिए अपनाई जाती है.
रेसिप्रोकल टैरिफ के कई सकारात्मक प्रभाव हैं जैसे- व्यापार में समानता सुनिश्चित करता है, घरेलू उद्योगों को मजबूती प्रदान करता है साथ ही, आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है.
यदि एक देश दूसरे देश के माल पर शुल्क बढ़ाता है, तो प्रभावित देश पहले देश से आयात पर अपने स्वयं के शुल्क लगाकर प्रतिक्रिया कर सकता है. इस प्रतिक्रिया का उद्देश्य स्थानीय व्यवसायों की रक्षा करना, नौकरियों को संरक्षित करना और व्यापार असंतुलन को ठीक करना है.
रेसिप्रोकल टैरिफ trade barriers में आगे-पीछे की वृद्धि का कारण बन सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से एक 'ट्रेड वॉर' हो सकता है जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ की ओर रुख करने के बजाय खुले तौर पर संवाद करना और व्यापार मुद्दों को सुलझाने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है.
अमेरिका से तनाव के बीच भारत की ओर से निर्यात संकेत भी सकारात्मक बने हुए हैं. अक्टूबर के मुकाबले नवंबर 2025 में अमेरिका के लिए भारतीय निर्यात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो लगभग 10.61% की बढ़ोतरी के साथ 6.98 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया
Donald Trump ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया था, लेकिन इसका असर दो महीने में ही धुआं हो गया. सितंबर-अक्टूबर में तमाम सेक्टर्स पर इसका निगेटिव प्रभाव दिखा, लेकिन नवंबर में भारत ने नुकसान की भरपाई कर दी.
Maxico 50% Tariff Attack: मैक्सिको भी अमेरिका की राह पर चलता नजर आ रहा है और भारत, चीन समेत कई एशियाई देशों पर 50% तक हाई टैरिफ लगाने वाला है. इससे भारत का करीब 80000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निर्यात प्रभावित हो सकता है.
Mexico 50% Tariff को लेकर भारत ने अपनी तस्वीर साफ की है और इस मामले में बातचीत के जरिए हल निकालने के लिए राजनयिक प्रयास जारी रखने से लेकर अपने निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने की चेतावनी दी है.
मैक्सिको ने भारत, चीन समेत कुछ देशों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभाव में आएगा. अनुमान है कि भारत के एक्सपोर्ट पर इसका पड़ सकता है.
अमेरिका में तीन डेमोक्रेट सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के खिलाफ हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (अमेरिकी कांग्रेस का निचला सदन) प्रस्ताव पेश किया है. उनका कहना है कि राष्ट्रीय आपातकाल के नाम पर लगाए गए ये टैरिफ अवैध हैं और उल्टा आम अमेरिकियों को ही इससे नुकसान हो रहा है.
भारत और अमेरिकी ट्रेड डील को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक, भारत डिफेंस, एविएशन और एनर्जी पर खरीद बढ़ाने के लिए सहमत हुआ है, लेकिन एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स को इस डील से बाहर रखा है.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बड़ा अपडेट सामने आया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिका से कई सेक्टर्स पर डील करने के लिए सहमति जाहिर की है, लेकिन अभी एग्रीकल्चर सेक्टर पर सहमति नहीं बन पाई है.
Basmati Vs Texmati: भारत के बासमती चावल की US में बड़ी डिमांड है और अमेरिका ने इसके आयात को कम करने के लिए अपने यहां टैक्समती चावल का उत्पादन शुरू किया था, लेकिन ये भी भारतीय चावल की टक्कर नहीं ले सका. चावल किसानों पर दबाव में Donald Trump ने चावल पर टैरिफ की धमकी दी है.
India-US समझौते पर CEA का बड़ा अपडेट, बोले- 'सबकुछ सॉर्ट आउट, मार्च तक डील नहीं हुई तो...'
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच ज्यादातर चीजें सॉर्ट आउट हो चुकी हैं.
Maxico 50% Tariff Attack: अमेरिका ने बीते कुछ समय में लगातार टैरिफ बम फोड़ते हुए दुनिया को डराया था, तो अब मैक्सिको भी उसी राह पर चलता दिख रहा है. यहां की सीनेट ने चीन समेत अन्य एशियाई देशों से आयतित सामानों पर 50% तक टैरिफ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
अमेरिका ने जहां तमाम देशों पर टैरिफ लगाया था तो वहीं मैक्सिको ने बड़ा कदम उठाते हुए चीन समेत कई एशियाई देशों से आने वाले सामानों पर हाई टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जो अमेरिका की तरह ही 50% तक होगा. सीनेट ने इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है और ये नए टैरिफ अगले साल यानी 2026 से लागू होने वाले हैं.
भारत और अमेरिका डील पर चल रही बातचीत के दौरान ही एक बड़ा अपडेट सामने आया है. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि का कहना है कि भारत ने एग्रीकल्चर सेक्टर को लेकर अबतक का सबसे अच्छा ऑफर दिया है.
ट्रंप द्वारा चावल पर टैरिफ लगाने की धमकी को लेकर राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन के वाइस प्रेसिडेंट देव गर्ग ने कहा कि भारत के चावल पर टैरिफ लगाने से भारत को नुकसान नहीं होगा, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ता परेशान होंगे.
Donald Trump की ओर से चावल निर्यातकों पर टैरिफ लगाए जाने के संकेत के बाद इस सेक्टर से जुड़ी भारतीय कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिल रही है और ये 8 फीसदी तक फिसल गए हैं.
Donald Trump के टैरिफ से एक बार फिर शेयर बाजार सहम गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने चावल निर्यात करने वाले देशों पर Tariff लगाने के संकेत दिए हैं और लिस्ट में भारत, चीन, थाईलैंड जैसे देश शामिल हैं. इस धमकी के बाद शेयर बाजार खुलते ही धड़ाम हो गया.
Donald Trump के rice tariff संकेत से Sensex-Nifty गिर गए. LT Foods, KRBL समेत कई शेयर Crash. जानें मार्केट फॉल की पूरी रिपोर्ट.
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी किसानों के लिए $12 बिलियन के राहत पैकेज की घोषणा की. इस दौरान किसानों की चावल डंपिंग की शिकायत पर ट्रंप ने नए टैरिफ लगाने के संकेत दिए. उन्होंने ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट को ऐसे देशों की लिस्ट बनाने को कहा जिनके चलते अमेरिकी किसानों को नुकसान हो रहा है.
India-US Trade Deal को लेकर भारत और अमेरिका के बीच अब तक छह दौर की बातचीत हो चुकी है. अगले हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम भारत आने वाली है, जो समझौते में अब तक अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा करेगी.
Donald Trump के भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ का बुरा असर निर्यात पर पड़ा है, लेकिन मोदी सरकार के टैरिफ के असर को कम करने के लिए उठाए गए कदमों का पॉजिटिव असर GDP Growth के शानदार आंकड़ों के रूप में दिखा है.