रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) एक ऐसी व्यापार नीति है जिसमें एक देश द्वारा दूसरे देश पर लगाए गए टैरिफ का जवाब समान टैरिफ लगाकर दिया जाता है. यह नीति आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में संतुलन बनाए रखने और अनुचित व्यापार प्रथाओं का जवाब देने के लिए अपनाई जाती है.
रेसिप्रोकल टैरिफ के कई सकारात्मक प्रभाव हैं जैसे- व्यापार में समानता सुनिश्चित करता है, घरेलू उद्योगों को मजबूती प्रदान करता है साथ ही, आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है.
यदि एक देश दूसरे देश के माल पर शुल्क बढ़ाता है, तो प्रभावित देश पहले देश से आयात पर अपने स्वयं के शुल्क लगाकर प्रतिक्रिया कर सकता है. इस प्रतिक्रिया का उद्देश्य स्थानीय व्यवसायों की रक्षा करना, नौकरियों को संरक्षित करना और व्यापार असंतुलन को ठीक करना है.
रेसिप्रोकल टैरिफ trade barriers में आगे-पीछे की वृद्धि का कारण बन सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से एक 'ट्रेड वॉर' हो सकता है जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ की ओर रुख करने के बजाय खुले तौर पर संवाद करना और व्यापार मुद्दों को सुलझाने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है.
राष्ट्र के नाम संदेश में पीएम मोदी ने डोनॉल्ड ट्रंप का नाम तक नहीं लिया. जबकि पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने सीजफायर कराने के लिए ट्रंप की भूरी भूरी प्रशंसा की थी. लेकिन, ताजा खबर ये है कि भारत अमेरिका से आने वाली वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला करने जा रहा है. जाहिर है ट्रंप और मोदी में तलवारें ठन सकती हैं.
US-China के बीच टैरिफ को लेकर बनी सहमति के बाद ग्लोबल ट्रेड वार थमता नजर आ रहा है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर अचानक डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच बात कैसे बन गई और इसके पीछे कारण क्या हैं?
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध 90 दिनों के लिए स्थगित हो गया है, जिससे वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी आई है. इस अस्थायी ब्रेक से S&P 500 और Nasdaq काफी समय बाद अपने सर्वोच्च स्तर पर बंद हुए और निवेशकों का विश्वास बढ़ा. अमेरिका-चीन के बीच सुधरते व्यापारिक रिश्ते पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बहुत-बहुत अच्छा हो रहा है.
सोने की कीमतों में 12 मई को बड़ी गिरावट दर्ज की गई. अमेरिका-चीन टैरिफ समझौता और भारत-पाकिस्तान सीजफायर का असर बाजार पर साफ नजर आया. जानिए क्यों टूटा सोने का भाव?
अमेरिका और चीन ने टैरिफ युद्ध 90 दिनों के लिए रोका. शेयर बाजारों में तेजी, निवेशकों में विश्वास लौटा. ट्रंप ने समझौते को बताया शानदार.
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार घाटा कम करने को लेकर दो दिवसीय बैठकें हुईं, जिसमें दोनों देशों ने एक समझौता किया है. अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी के मुताबिक, यह डील अमेरिका के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के ट्रेड डेफिसिट को कम करने में मदद करेगी. हालांकि, टैरिफ कटौती पर स्पष्ट ऐलान नहीं किया गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर भारी टैरिफ लगाया है जिस कारण अमेरिका में चीनी सामान बेतहाशा महंगे हो गए हैं. इसे देखते हुए चीन ने अपने सामानों की डंपिंग भारतीय बाजार में शुरू कर दी है. इससे भारत के घरेलू उद्योगों को नुकसान हो रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी सिनेमा पर की टैरिफ स्ट्राइक, अमेरिका से बाहर बनने वाली फिल्मों पर 100% टैक्स लगाया
डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशों में अमेरिकी स्टूडियो और फिल्म निर्माताओं को लुभाने और आकर्षक प्रोत्साहन देने के लिए अन्य देशों की आलोचना की और स्थिति को आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बताया.
बीते दिनों टैरिफ को लेकर खूब हंगामा हुआ. विश्व के कई देश अमेरिका के खिलाफ खड़े हो गए. चीन ने तो तलवार ही उठा ली. हालांकि टैरिफ विवाद के बीच अब भारत के लिए एक आराम की खबर है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ टैरिफ पर बातचीत बहुत अच्छी चल रही है.
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि भारत के साथ टैरिफ को लेकर बातचीत अच्छी चल रही है और जल्द ही समझौता हो सकता है. अगर डील होती है तो भारत को भारी टैरिफ से राहत मिल सकती है और विदेशी कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा ऑप्शन बन सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बीच भारत और अमेरिका व्यापार समझौते के लिए वार्ता कर रहे हैं. अगर यह व्यापार समझौता हो जाता है तो भारत को टैरिफ में छूट मिलने की संभावना है. ट्रंप ने व्यापार समझौते के लिए अहम टिप्पणी भी की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से नई टैरिफ नीति के ऐलान के बाद कई देश अमेरिका से व्यापार को लेकर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अब खबर आ रही है कि अमेरिका से व्यापार समझौता करने वाला पहला देश भारत बन सकता है
India बन सकता है US से डील करने वाला पहला देश, Tariff को लेकर America का बड़ा ऐलान!
ट्रंप सरकार चीन को राहत देने के मूड में है, जानिए टैरिफ में कितनी कटौती के संकेत दिए
केंद्रीय बैंक के एनालिसिस पता चलता है कि अमेरिका के टैरिफ प्लान (US Tariff on India) से अमेरिकी बाजारों में भारतीय वस्तुओं की मांग में कमी आ सकती है. इस तरह के घटना से उन सेक्टर्स पर असर पड़ सकता है, जो अमेरिका को एक्सपोर्ट पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं, जैसे- कपड़ा और इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसे देश जो अमेरिका के साथ ट्रेड एग्रीमेंट करना चाहते हैं, वे अपनी कीमत पर समझौते करें. उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगी देशों को प्रोत्साहित कर रहा है कि बीजिंग से दूरियां बनाने के एवज में उन्हें टैरिफ से छूट दी जाएगी.
भारत पहुंचने पर जेडी वेंस और उषा के बच्चों का इंडियन अवतार देखने को मिला. इस दौरान वेंस के बेटों ने कुर्ता पायजामा जबकि बेटी ने फ्रॉक पहना. वेंस ऐसे समय पर भारत पहुंचे हैं, जब टैरिफ को लेकर दुनियाभर में तनाव चरम पर है.
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, उनकी पत्नी उषा और उनके तीन बच्चे, इवान, विवेक और मिराबेल, चार दिन की भारत यात्रा पर सोमवार सुबह 10 बजे पालम एयरबेस पहुंचेंगे. उनके आगमन पर केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री उनका स्वागत करेंगे. वेंस और उनका परिवार दिल्ली के अलावा जयपुर और आगरा की यात्रा भी करेगा.
Volvo Lay Off Plan : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का असर ऑटो सेक्टर पर दिखने लगा है. डिमांड में कमी आने की आशंकाओं के बीच दिग्गज Volvo ग्रुप ने 800 से ज्यादा कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर ली है.
अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ के बाद चीन भारत से डील करने के लिए बेताब हो रहा है.भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कहा है कि चीन अधिक प्रीमियम भारतीय निर्यात का स्वागत करता है