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गोवा: बिट्स पिलानी कैंपस में छात्र की मौत के मामले में बड़ा खुलासा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ड्रग्स की पुष्टि

ऋषि नायर की मौत दिसंबर 2024 के बाद से वास्को शहर के पास बिट्स पिलानी परिसर में दर्ज की गई पांचवीं ऐसी घटना है. इससे पहले भी चार छात्र अलग अलग वक्त पर अपने कमरों में मृत पाए गए थे.

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छात्र की मौत को लेकर जांच जारी है (सांकेतिक चित्र-ITG)
छात्र की मौत को लेकर जांच जारी है (सांकेतिक चित्र-ITG)

दक्षिण गोवा के बिट्स पिलानी परिसर में पिछले हफ्ते अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाए गए 20 वर्षीय छात्र  ऋषि नायर के शरीर में ड्रग्स के अंश मिले हैं. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दी.

गोवा मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मीडिया से कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऋषि नायर के शरीर में ड्रग्स के अंश पाए गए हैं, जो 4 सितंबर को अपने कमरे में मृत पाए गया था.

आपको बता दें कि ऋषि नायर की मौत दिसंबर 2024 के बाद से वास्को शहर के पास बिट्स पिलानी परिसर में दर्ज की गई पांचवीं ऐसी घटना है. इससे पहले, छात्र ओम प्रियन सिंह (दिसंबर 2024), अथर्व देसाई (मार्च 2025), कृष्णा कसेरा (मई 2025) और कुशाग्र जैन (अगस्त 2025) अपने-अपने छात्रावास के कमरों में मृत पाए गए थे.

पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) टीकम सिंह वर्मा ने पीटीआई से कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में नायर के शरीर में ड्रग्स की मौजूदगी का संकेत मिला है और मामले की जांच चल रही है. उन्होंने मडगांव में संवाददाताओं को बताया कि बिट्स पिलानी सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में ड्रग्स, शराब या किसी भी प्रतिबंधित पदार्थ के संभावित इस्तेमाल पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

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एसपी टीकम सिंह वर्मा ने कहा कि परिसर में हुई पिछली पांच लोगों की मौत में से यह पहली घटना है, जहां ड्रग्स के अंश पाए गए हैं.

विधायक क्रूज़ सिल्वा के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को एसपी वर्मा से मुलाकात की और शैक्षणिक संस्थानों में ड्रग्स की बिक्री पर चिंता जताई. सिल्वा ने सवाल किया, 'छात्रों को पता है कि ड्रग्स कहां मिल सकते हैं. ये आसानी से उपलब्ध हैं. पुलिस तस्करों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?'

पणजी में, आप गोवा के अध्यक्ष अमित पालेकर ने कहा कि अहम सवाल यह है कि ड्रग्स शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों तक कैसे पहुंचते हैं. पालेकर ने दावा किया करते हुए कहा कि यह मामला गोवा पुलिस, कानून-व्यवस्था और स्वयं मुख्यमंत्री की विफलता है. उन्हें (मुख्यमंत्री को) इस मामले को गंभीरता से लेना शुरू कर देना चाहिए.'

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