आज की तेज रफ्तार जिंदगी में सेहत को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. फिटनेस, इम्युनिटी और ऊर्जा के लिए लोग तरह-तरह के आहार और सप्लीमेंट्स का सहारा ले रहे हैं. इस बीच, एक पोषक तत्व जिसकी चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है, वह है प्रोटीन (Protein).
प्रोटीन एक आवश्यक पोषक तत्व है जो शरीर की हर कोशिका के निर्माण, मरम्मत और कार्य में मदद करता है. यह एमिनो एसिड्स से बना होता है, जो शरीर की संरचना, एंजाइम, हार्मोन और इम्यून सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों को बनाने और मजबूत बनाए रखने में मदद करता है. प्रोटीन युक्त आहार देर तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे अनावश्यक खाने की आदतों में कमी आती है. यह शरीर को रोगों से लड़ने में सहायक बनाता है. इतना ही नहीं बाल, त्वचा और नाखून, इन सबकी सेहत के लिए भी प्रोटीन जरूरी है.
भारत की भारतीय आहार मानक संस्था (ICMR) के अनुसार, एक औसत वयस्क को प्रति किलो शरीर वजन के हिसाब से 0.8 से 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है. यानी यदि किसी व्यक्ति का वजन 60 किलो है, तो उसे प्रतिदिन लगभग 50–60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है.
एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 70 फीसदी आबादी को दैनिक प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिलती. इसका कारण है जागरूकता की कमी, भोजन में विविधता का अभाव और कुछ क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति.
हालांकि, बॉडीबिल्डर, एथलीट्स, गर्भवती महिलाएं और बीमार व्यक्ति को इसकी मात्रा ज्यादा चाहिए होती है.
प्रोटीन के प्रमुख स्रोतों में दालें और चने, सोया और टोफू, मूंगफली, बादाम, अखरोट, दूध, दही, पनीर, साबुत अनाज (जैसे रागी, ओट्स, ब्राउन राइस), अंडा, चिकन, मछली और रेड मीट शामिल हैं.
यह एक बहुत ही दिलचस्प बात है कि आजकल 'सुपरफूड' के नाम पर हम विदेशी फलों जैसे एवोकाडो के पीछे भागते हैं, जबकि हमारे अपने किचन में मौजूद कद्दू के बीज पोषण के मामले में उससे कहीं आगे निकल सकते हैं. आइए बताते हैं कि एवाकाडो से कद्दू के बीज कैसे बेहतर हैं.
मिलावट का जहर जान के लिए खतरा बन जा रहा है, जब अंडा, दूध और चना खाकर सोचते हैं कि शरीर के लिए प्रोटीन की जरूरत को पूरा कर रहे हैं, तब कुछ लोग हैं, जो आपको चंद पैसों के लालच में जहरीला प्रोटीन दे रहे हैं. जहां पहले नकली देसी अंडा और मिलावटी दूध तो बिक ही रहा था. अब लगातार जहरीले रसायन से ज्यादा पीला दिखाकर बेचा जाने वाला चना भी पकड़ा जा रहा है. भुना चना बेहतरीन क्वालिटी का जो दिखाया जा रहा है. वो चमड़ा रंगने वाला औरामाइन केमिकल लगाकर पीला किया जा रहा. वो केमिकल प्रतिबंधित और जहरीला है. आपको कौन जहरीला प्रोटीन खिला रहा है.
सोया चाप को अक्सर प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है लेकिन क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता पांचाल के अनुसार यह ज्यादातर प्रोसेस्ड फूड होता है जिसमें मैदा, ग्लूटेन, तेल और फ्लेवरिंग शामिल होती है. इसे खाना कितना सही होता है, इस बारे में जान लीजिए.
Homemade Protein Shake: वैसे तो बाजार में आपको कई तरह के प्रोटीन शेक मिल जाएंगे लेकिन आज हम आपको योग गुरु बाबा रामदेव के बताए तरीके से प्रोटीन शेक बनाने का आसान तरीका बताएंगे. इस शेक को बनाने के लिए न तो आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे और न ही ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी.
अंडा प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है लेकिन कुछ हरी सब्जियां जैसे पालक, ड्रमस्टिक, ब्रोकली, मशरूम और मटर भी प्रोटीन से भरपूर होती हैं. इनमें कितना प्रोटीन होता है, इस बारे में जानेंगे.
मूंगफली-पीनट खाने से शरीर को चमत्कारी फायदे मिलते हैं और अगर आप इन्हें रातभर भिगाकर सुबह खाते हैं तो इनमें अधिक न्यूट्रिएंट्स आ जाते हैं. इसलिए सुबह इन्हें खाने से शरीर हेल्दी बनता है.
अगर आप ओवरवेट हैं और आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आपको अंडे खाना बंद नहीं करना चाहिए. बस आपको अंडे सही मात्रा में ही खाने चाहिए, क्योंकि अंडों में कोलेस्ट्रॉल होता है.
चिकन और मछली दोनों में प्रोटीन होता है लेकिन चिकन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जबकि मछली में प्रोटीन की गुणवत्ता बेहतर होती है. दोनों में से क्या खाना अधिक बेहतर है, इस बारे में जानेंगे.
ब्रेड-ऑमलेट नाश्ते में प्रोटीन और पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है, जो वजन नियंत्रण और मसल्स गेन में मदद करता है.विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेड के प्रकार और ऑमलेट बनाने के तरीके से इसके स्वास्थ्य लाभ प्रभावित होते हैं.
डाइट में दाल शामिल करने की सलाह दी जाती है लेकिन लोग इसे बनाते वक्त कुछ ऐसी गलतियां कर रहे हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए. इस बारे में न्यूट्रिशनिस्ट ने जानकारी दी है.
चिकन और मछली दोनों ही नॉनवेज खाने वालों के लिए प्रोटीन का बेस्ट सोर्स हैं. इनमें शरीर के लिए जरूरी सभी नौ अमीनो एसिड होते हैं जिन्हें हमारा शरीर खुद नहीं बना सकता.
मटन-चिकन ही नहीं बल्कि रसोई में मौजूद कुछ फूड्स प्रोटीन के बेहतरीन सोर्स हैं, जिन्हें लोग अक्सर ही अनदेखा कर देते हैं.
Chicken vs mutton: चिकन और मटन प्रोटीन के सबसे अच्छे सोर्स माने जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों में से कौन-सा मीट ज्यादा हेल्दी है और किसे रोजाना खाना सही रहता है. इसी बात को समझने के लिए हाल ही में चूहों पर एक स्टडी की गई जिसमें काफी चौंकाने वाला रिजल्ट सामने आया.
अखरोट खाने से हमारे शरीर को अनगिनत फायदे मिलते हैं, अखरोट हमारी ब्रेन और हार्ट हेल्थ के अलावा भी बॉडी के लिए बेहतरीन नट है.
प्रोटीन पाउडर खाने से शरीर को नुकसान हो सकता है, जबकि रसोई में मौजूद प्रोटीन से भरपूर फूड्स से बिना किसी नुकसान बॉडी बनाने में मदद मिलती है.
रोजाना 3 अंडे खाना शरीर को हाई-क्वालिटी प्रोटीन, कोलीन और जरूरी एंटीऑक्सिडेंट देता है. ये मसल्स को मजबूत करते हैं, लिवर को सपोर्ट करते हैं और आंखों–स्किन को उम्र बढ़ने से बचाते हैं.
राजमा और छोले दोनों ही प्रोटीन के लिए बेस्ट सोर्स माने जाते हैं, लेकिन इन दोनों में किसे खाने से अधिक प्रोटीन मिलता है, चलिए जानते हैं.
भारत में प्रोटीन के लिए पनीर, अंडा और चिकन के बीच अक्सर कन्फ्यूजन रहता है. इस आर्टिकल में हम आपको तीनों के न्यूट्रिशनल फैक्ट्स के साथ-साथ बताएंगे कि क्या खाना शरीर के लिए अच्छा रहेगा.
आज हम आपको डॉक्टर पाल के बताए 5 ऐसे वेजीटेरियन फूड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्रोटीन के मामल में अंडे और चिकन को भी टक्कर देते हैं.
टोफू, जिसे सोया पनीर भी कहा जाता है, प्रोटीन का काफी अच्छा सोर्स है जो कैल्शियम, आयरन और विटामिन बी5 से भरपूर होता है. टोफू को घर में कैसे बना सकते हैं इस बारे में बाबा रामदेव ने बताया है.
पीनट बटर तो लोग खूब खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मूंगफली में अंडे और काजू से ज्यादा प्रोटीन होता है. ये हमारी हेल्थ के लिए एक सुपरफूड है.