बादल फटने (क्लाउडबर्स्ट) की घटनाओं ने पहाड़ी इलाकों में भारी तबाही मचाई है. यह एक ऐसी प्राकृतिक घटना है जिसमें बहुत कम समय में भारी बारिश होती है, जो बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनती है. भारत में कुछ खास क्षेत्रों में बादल फटने का जोखिम सबसे ज्यादा हैं. जानते हैं कि ये 7 सबसे खतरनाक जोन कौन से हैं? वहां क्या-क्या खतरे हैं?
देश के 7 सबसे खतरनाक जोन
हिमालयी क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं. ये हैं भारत के 7 सबसे जोखिम वाले क्षेत्र...
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वहां क्या-क्या खतरे हैं?
बादल फटने से कई तरह के खतरे पैदा होते हैं, खासकर पहाड़ी इलाकों में...

वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसके पीछे कई कारण हैं...
जलवायु परिवर्तन: गर्म होती पृथ्वी हवा में ज्यादा नमी रखती है, जो भारी बारिश का कारण बनती है. हर 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने से हवा 7% ज्यादा नमी सोखती है.
पहाड़ी भूगोल: हिमालय जैसे ऊंचे पहाड़ नमी वाली हवाओं को ऊपर उठाते हैं, जिससे बादल फटते हैं. यह प्रक्रिया ओरोग्राफिक लिफ्ट कहलाती है.
मॉनसून और पश्चिमी विक्षोभ: मॉनसून की नमी और पश्चिमी विक्षोभ मिलने से अस्थिर मौसम बनता है, जो बादल फटने को बढ़ाता है.
ग्लेशियर पिघलना: हिमालय के ग्लेशियर पिघलने से वातावरण में नमी बढ़ती है, जो बारिश को और तेज करती है.
मानवीय गतिविधियां: जंगलों की कटाई, अवैध खनन और बस्तियों का विस्तार मिट्टी को कमजोर करता है, जिससे खतरे बढ़ते हैं.
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मौसम वैज्ञानिक कीरन हंट कहते हैं किसर्दियों में यह बर्फ के रूप में गिरता है, लेकिन गर्मियों में मॉनसून के साथ मिलकर बाढ़ का कारण बनता है. वहीं, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के राजीब चट्टोपाध्याय का मानना है कि यह बदलाव चिंताजनक है, क्योंकि इससे मौसम की अति हो सकती है.