किश्तवाड़ (Kishtwar), जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के जम्मू डिवीजन में स्थित एक सुंदर और ऐतिहासिक जिला है, जिसे "केसर की भूमि" और "सैफायर की घाटी" के नाम से भी जाना जाता है. यह जिला प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है.
किश्तवाड़ जिला 7,737 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है, जो जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े जिलों में से एक है. यह पूर्व में करगिल, दक्षिण में चंबा (हिमाचल प्रदेश) और पश्चिम में डोडा और अनंतनाग जिलों से घिरा हुआ है. जिला मुख्यालय किश्तवाड़ शहर है, जो समुद्र तल से लगभग 1,638 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
प्रशासनिक रूप से, किश्तवाड़ में 4 उप-मंडल, 11 तहसीलें और 13 ब्लॉक शामिल हैं, जिनमें मारवाह, वडवान, दच्छन, पड्डर, मुगल मैदान, और बुनजवाह प्रमुख हैं.
2011 की जनगणना के अनुसार, किश्तवाड़ की कुल जनसंख्या 2,30,696 है, जिसमें लगभग 58% मुस्लिम और 41% हिंदू हैं. यहां की साक्षरता दर 58.54% है, जिसमें पुरुष साक्षरता 71.75% और महिला साक्षरता 44.13% है. जिले में बोली जाने वाली भाषाओं में कश्मीरी, किश्तवारी, डोगरी, उर्दू और हिंदी प्रमुख है.
किश्तवाड़ की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है. यहां केसर, राजमा, अखरोट, चिलगोजा (पाइन नट्स), सेब और गुच्छी (मोरचेला मशरूम) जैसे उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उत्पाद होते हैं. पड्डर घाटी में विश्व प्रसिद्ध कश्मीर सैफायर का खनन होता है. इसके अलावा, जिले में डुलहस्ती (390 मेगावाट), रतले (850 मेगावाट), किरथाई (1400 मेगावाट) और पाकल डुल (1000 मेगावाट) जैसे प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं हैं, जो स्थानीय रोजगार और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
किश्तवाड़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. यहां का किश्तवाड़ हाई एल्टीट्यूड नेशनल पार्क हिमालयी वन्यजीवों का घर है. पड्डर घाटी, मारवाह, वडवान और सिन्थन टॉप जैसे स्थान ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. चौगान मैदान, जो शहर के केंद्र में स्थित है, स्थानीय उत्सवों और मेलों का प्रमुख स्थल है.
किश्तवाड़ में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो जवान शहीद हो गए और दो घायल हो गए थे. यह मुठभेड़ छत्रु बेल्ट के नैडगाम इलाके में हुई थी.
किश्तवाड़ अभी तक रेल नेटवर्क से नहीं जुड़ा है, लेकिन उधमपुर-डोडा-किश्तवाड़ रेलवे लाइन की योजना बनाई गई है. जिला NH-244 के माध्यम से जम्मू और श्रीनगर से सड़क मार्ग से जुड़ा है. निकटतम हवाई अड्डे जम्मू (211 किमी) और श्रीनगर (208 किमी) में स्थित हैं.
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दूरदराज छत्रू इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच आज सुबह मुठभेड़ हुई. खुफिया इनपुट के आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था. सेना की व्हाइट नाइट कोर और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दो से तीन आतंकी इलाके में छिपे होने की आशंका है.
चिनार कॉर्प्स ने लांस हवलदार पलाश घोष और लांस नायक सुजय घोष की शहादत की पुष्टि की है, जो कोकरनाग के किश्तवाड़ रेंज में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए हैं. दोनों जवानों ने बर्फबारी और मुश्किल पहाड़ी रास्तों के बीच आतंकवाद का मुकाबला करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया.
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षाबलों ने दो से तीन आतंकियों को घेर लिया है. ये आतंकी किश्तवाड़ के घने जंगलों में छिपे हुए थे. पिछले महीने भी इन आतंकियों से सुरक्षाबलों का संपर्क हुआ था, लेकिन तब वे भाग निकलने में सफल रहे थे.
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और बारिश के कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में इनर अखाड़ा बाजार में भूस्खलन की चपेट में तीन मकान आ गए. मलबे से अब तक एक शव निकाला जा चुका है और तीन लोगों को जीवित बचाया गया है. कुछ और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है और बचाव अभियान तेजी से जारी है.
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के संग्राम भट्टा में नई नवेली दुल्हन यस्मिना बेगम की शादी के दो सप्ताह बाद ही पति आमिर मुश्ताक ने बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. 1-2 सितंबर 2025 की रात हुई इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जांच शुरू की है.
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ से डरा देने वाला मामला सामने आया है. यहां के संग्राम भट्टा में एक नई नवेली दुल्हन यस्मिना बेगम की बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी गई. उसके पति आमिर मुश्ताक ने शादी के दो सप्ताह बाद ही उसकी बेरहमी से जान ले ली.
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आग लगने की घटना हुई. इस घटना के दौरान कई सिलेंडरों में विस्फोट हो गया. हादसे में कुछ लोगों के घायल होने की खबर है. दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. ये किश्तवाड़ की तस्वीरें हैं. देर रात यह घटना हुई.
जम्मू में भारी बारिश के कारण स्टेशन के बाहर पानी भर गया, जिससे कई गाड़ियां डूब गईं. राजकीय गांधी स्मारक विज्ञान महाविद्यालय भी जलमग्न हो गया और छात्रों को हॉस्टल से निकाला गया. इधर जम्मू-कश्मीर के अखनूर में चिनाब नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया, जिससे मंदिर डूब गए. कठुआ जिले के लखनपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप में रावी नदी में फंसे छह जवानों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित निकाला गया.
जम्मू संभाग के सभी 10 जिलों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. किश्तवाड़ में द्रावशाला से कुंटवारा को जोड़ने वाला पुल सैलाब की चपेट में आकर बह गया. कल शाम को जम्मू की तवी नदी पर बना पुल नंबर 420 भी ढह गया, जिसमें कई गाड़ियां फंस गईं. तवी नदी में जबरदस्त उफान के कारण यह हादसा हुआ.
जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटे से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. किश्तवाड़ और डोडा में बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही मची है. डोडा में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई है और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. तवी और चिनाब जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है.
धराली और किश्तवाड़ में बादल फटने से मची तबाही के बाद अब जम्मू के डोडा जिले में क्लाउडबस्ट की घटना सामने आई है. इलाके में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई मकान सैलाब में बह गए हैं.
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बादल फटने से सैलाब, कई घर बह गए और नुकसान हुआ. प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किया, किसी की मौत की खबर नहीं.
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से कई जगहों पर बाढ़ के हालात बने हुए हैं. डोडा और कटवा में भी सैलाब का सितम जारी है, जहां सड़कें बह गई हैं और लोगों के घर भी प्रभावित हुए हैं. लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है, जिससे संपर्क कट गया है. इस बीच, राजस्थान में पिछले 30 घंटे में बाढ़ से 14 लोगों की मौत हुई है. राज्य के आठ जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और कई जिलों में आज भी ऑरेंज अलर्ट जारी है, जिसके चलते स्कूलों को बंद किया गया है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किश्तवाड़ में बादल फटने से घायल लोगों से अस्पताल में मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी हालात पर कड़ी नज़र रखे हुए हैं और बेहद चिंतित हैं. राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया कि राहत और सहायता कार्य पूरी सक्रियता से जारी हैं.
जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला जारी है. किश्तवाड़ में बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है. यहां सैकड़ों लोग प्रभावित हुए और 60 से अधिक लोगों की जान चली गई. राहत और बचाव कार्य अभी भी चल रहा है. राजौरी में जमीन धंसने की घटनाएं सामने आई हैं. कठुआ में तीन जगहों पर बादल फटने से सात लोगों की मौत हुई और 12 लोग घायल हुए.
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में 14 अगस्त को बादल फटने से भारी तबाही हुई. इस घटना में 70 से अधिक लोग लापता हो गए. भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है तबाही के बीच, देश के जवानों ने एक रात में पुल बनाकर उम्मीद की राह बनाई है.
जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक, बादल फटने के 7 खतरनाक जोन देश के लिए चुनौती बने हुए हैं. फ्लैश फ्लड और भूस्खलन जैसे खतरे जान-माल और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियां इस समस्या को बढ़ा रही हैं.
किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना चशोटी और पड्डर क्षेत्र में हुई, जो 1818 से 3888 मीटर ऊंचे पहाड़ों और चिनाब नदी से घिरी है. इसकी भौगोलिक स्थिति इसे खतरनाक बनाती है, खासकर बारिश के मौसम में. राहत कार्य जारी है, लेकिन 40 लोगों के शव मिले हैं. सरकार को अब लंबे समय की योजना बनानी होगी ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके.
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले से एक बड़ी घटना की खबर आई है. पाडर क्षेत्र के चशोटी गांव में गुरुवार को भीषण बादल फटने (Cloudburst) से कई लोगों की मौत हो गई है, जबकि कुछ के लापता होने की आशंका जताई जा रही है. जानिए आखिर मचैल माता मंदिर मार्ग पर क्या हुआ था जो इतनी बड़ी घटना हुई.
चशोती में फ्लैश फ्लड का कारण अभी रहस्य बना हुआ है. बादल फटना या ग्लेशियर झील टूटना दोनों संभावित कारण हो सकते हैं, लेकिन बिना सैटेलाइट डेटा के कुछ कहना जल्दबाजी होगी. मौसम निगरानी केंद्रों की कमी और हिमालय की जटिल भौगोलिक स्थिति इसे और पेचीदा बनाती है.
पहाड़ों पर बादल फटने की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं, जो प्रकृति और मानव के बीच असंतुलन का संकेत हैं. मंडी-धराली से कठुआ-किश्तवाड़ तक की तबाही हमें सिखाती है कि हमें प्रकृति के साथ तालमेल बनाना होगा. सरकार और समाज को मिलकर जलवायु परिवर्तन से निपटने और बेहतर तैयारी के लिए कदम उठाने होंगे.