पृथ्वी के वायुमंडल के नीचे और उसके ऊपर होने वाली सभी प्राकृतिक और मानवनिर्मित घटनाओं की वैज्ञानिक खबरें. अंतरिक्ष, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा, स्वास्थ्य संबंधी रिसर्च, नदी, ग्लेशियर, पहाड़, पर्यावरण, वन्य जीव, जैव विविधता, मौसम, ऊर्जा, जेनेटिक्स. कुछ भी हो. यहां होने वाले बदलाव, उनसे होने वाले असर. इंसानों की वजह से बदल रहा मौसम या बदला लेती धरती. या बेवजह की बाढ़ या ग्लेशियर के टूटने से आई आपदा. हर खबर पर पैनी नजर. आपको मिलेगी यहां साइंस की स्टोरी, एनालिसिस, फोटो गैलरी, विजुअल स्टोरी और वीडियो.
Aravali Hills Issue Explain: अरावली की पहाड़ियों को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. बताया जा रहा है कि अरावली का अस्तित्व संकट में है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर अरावली का मामला क्या है...
डोमिनिकन रिपब्लिक में जलवायु परिवर्तन से गायब हो रही कोरल रीफ को बचाने के लिए सहायता प्राप्त प्रजनन तकनीक से उम्मीद जग रही है. फुंडेमार संस्था लैब में कोरल के अंडे-स्पर्म मिलाकर लाखों एम्ब्रियो बनाती है और उन्हें समुद्री नर्सरी में उगाती है. यह तरीका जेनेटिक विविधता बढ़ाता है. रीफ की आबादी बचाने में मदद कर रहा है.
दुनिया का फ्रिज कहलाने वाला आर्कटिक क्षेत्र गर्म हो रहा, जानिए इसका इंसानों पर कैसा असर होगा
आर्कटिक में 2024-25 रिकॉर्ड सबसे गर्म साल रहा. वैश्विक औसत से 4 गुना तेज गर्मी पड़ी. समुद्री बर्फ न्यूनतम स्तर पर है. रिकॉर्ड बारिश हुई है. सर्दी में भी बारिश से 'विंटर रीडिफाइंड' हो गया है. दुनिया के 79% ग्लेशियर इस सदी तक पिघल सकते हैं. समुद्र स्तर बढ़ेगा. 200 करोड़ लोगों की पानी सप्लाई खतरे में है.
दिल्ली-NCR में 2025 के प्रदूषण पर पर्यावरण मंत्री ने संसद में कहा एक भी 'सीवियर+' दिन नहीं रहा है. लेकिन दिसंबर में दिल्ली AQI 461, नोएडा में 466 तक पहुंचा था. GRAP-4 लागू है. WFH और ऑनलाइन क्लास की सलाह दी गई है. औसत सुधरा है लेकिन सर्दी में संकट गहरा गया है. स्वास्थ्य पर खतरा है.
धूमकेतु 3I/ATLAS कल (19 दिसंबर 2025) पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरेगा. जुलाई 2025 में खोजा गया यह तीसरा अंतरतारकीय ऑब्जेक्ट है. हरा चमक, धूल कोमा और छोटी पूंछ वाला. सुबह लियो नक्षत्र में दिख रहा है. वर्चुअल टेलीस्कोप से लाइव देखें. 2026 तक दिखाई पड़ेगा.
चीन ने गुप्त रूप से EUV लिथोग्राफी मशीन का प्रोटोटाइप बना लिया, जो एडवांस्ड AI चिप्स बनाने के लिए जरूरी है. शेनझेन लैब में पूर्व ASML इंजीनियर्स ने रिवर्स इंजीनियरिंग से 2025 में पूरा किया. मशीन EUV लाइट पैदा कर रही है, लेकिन चिप्स नहीं बना पाई. सरकार का टारगेट 2028 का है लेकिन 2030 तक संभव हो पाएगा. अमेरिकी प्रतिबंधों को बड़ा झटका लगा है.
लखनऊ में भारत-दक्षिण अफ्रीका टी-20 मैच घने कोहरे व स्मॉग से रद्द हो गया. शशि थरूर ने तंज कसा कि मैच तिरुवनंतपुरम में रखते तो खेल होता, जहां AQI सिर्फ 68 है. उत्तर भारत में सर्दियों में कम तापमान, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस व प्रदूषण से घना कोहरा बनता है. दक्षिण भारत में समुद्री प्रभाव से मौसम गरम व साफ रहता है.
ट्रंप ने अरबपति उद्यमी जेरेड इसाकमैन को नासा चीफ नियुक्त किया. 42 साल के जेरेड शिफ्ट4 पेमेंट्स के संस्थापक, कुशल पायलट और स्पेसएक्स के इंस्पिरेशन4 व पोलारिस डॉन मिशनों के कमांडर हैं. नियुक्ति में स्पेसएक्स से करीबी संबंधों व हितों के टकराव का विवाद रहा है.
दिल्ली में स्मॉग से हाहाकार (AQI 447) मचा है, जबकि बीजिंग की हवा साफ (AQI 67) है. चीनी दूतावास ने मदद ऑफर दिया है. बीजिंग का स्टेप-बाय-स्टेप गाइड शेयर किया है. साथ ही क्षेत्रीय समन्वय से प्रदूषण को हराने की व्यवस्था के बारे में बताया.
ईरान के होर्मुज द्वीप पर भारी बारिश से रेड बीच का पानी खून जैसा लाल हो गया. लाल मिट्टी में आयरन ऑक्साइड मिलने से लहरें क्रिमसन हो गईं. यह प्राकृतिक घटना है, कोई अपशगुन नहीं. स्थानीय लोग सुंदरता का जश्न मना रहे हैं. रेनबो आइलैंड की यह खूबसूरती पर्यटकों को आकर्षित कर रही है.
बरमूडा द्वीप के नीचे वैज्ञानिकों ने 20 किलोमीटर मोटी अनोखी चट्टान की परत खोजी, जो कम घनी होने से द्वीप को ऊपर उठाए रखती है. 3 करोड़ साल पुराने ज्वालामुखी के बंद होने के बावजूद द्वीप नहीं धंसा. ये परत पृथ्वी पर कहीं और नहीं मिली. बरमूडा ट्रायंगल में 50+ जहाज और 20+ विमान गायब हुए, लेकिन कारण का पता नहीं चल पाया है.
Bermuda Triangle के नीचे 20 km मोटी अनोखी चट्टान की परत का खुलासा. जानें क्यों नहीं डूबा बरमूडा आईलैंड और जहाज-विमान गायब होने की सच्चाई.
सर्दियों में उत्तर भारत में घना कोहरा छा जाता है, जो रात में जमीन के ठंडा होने से हवा की नमी के छोटे कणों से बनता है. प्रदूषण इसे और घना बनाता है. इससे हवाई उड़ानें रद्द, सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती हैं. फसलों को पाला नुकसान पहुंचता है.
दिल्ली में पिछले दो महीनों से हवा जहरीली बनी हुई है. AQI बार-बार 400-500 पार कर रहा है. वाहनों का धुआं. निर्माण की धूल. सर्दियों का इनवर्शन और पराली मुख्य कारण हैं. GRAP के नियम लागू होने के बावजूद सुधार नहीं है. बीजिंग व लंदन जैसे शहरों से सीखकर सख्त कानून, इलेक्ट्रिक वाहन और क्षेत्रीय सहयोग से प्रदूषण कम किया जा सकता है.
सुमात्रा में चक्रवात सेन्यार की बाढ़ और भूस्खलन से दुनिया के सबसे दुर्लभ तपनुली ओरंगुटान गायब हो गए. 800 से कम बचे इन बंदरों में से 35-50 मरने का अनुमान. एक मृत शव मिला है. जंगल के 7200 हेक्टेयर नष्ट हो चुके है. इस प्रजाति के लिए विलुप्ति होने का खतरा है. संरक्षण की तुरंत जरूरत है.
1965 में सीआईए ने नंदा देवी चोटी पर चीन की जासूसी के लिए प्लूटोनियम से चलने वाला न्यूक्लियर जनरेटर लगाने की कोशिश की. बर्फीले तूफान में उपकरण छोड़ना पड़ा. हिमस्खलन ने इसे बहा लिया. आज भी गायब है. गंगा के स्रोतों में प्रदूषण का खतरा बना हुआ है. अमेरिका चुप है, भारत में चिंता बढ़ रही है.
दिल्ली-NCR में सर्दियों का प्रदूषण अदृश्य महामारी बन चुका है. PM2.5 जैसे बारीक कण फेफड़े, दिल, दिमाग को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे हर साल लाखों मौतें होती हैं. ये भारत का सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है. अरबों रुपये का आर्थिक नुकसान भी है. मौसम के बदलने से कभी सुधार होता है, लेकिन फिर वही हालत हो जाती है. क्या करें सरकार, समाज और हम?
मोदी सरकार परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 ला रही है, जो 1962 के कानून में बदलाव कर सरकार का एकाधिकार खत्म करेगा. प्राइवेट कंपनियां आएंगी. SMR में पूंजी लगाएंगी. बिजली बेचेंगी. सरकार सुरक्षा और संचालन संभालेगी. 2047 तक 8 GW से 100 GW क्षमता ऊर्जा के लिए 15-19 लाख करोड़ की जरूरत पूरी होगी.
तुर्की के कोन्या इलाके में भयंकर सूखे और भूजल के ज्यादा दोहन से करीब 700 ओब्रुक (सिंकहोल) बन चुके हैं. ये विशाल गड्ढे खेतों को निगल रहे हैं. किसानों की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं. नए ओब्रुक लगातार बन रहे हैं, जो क्लाइमेट चेंज की बड़ी चेतावनी है. सरकार रिस्क मैप बना रही है, लेकिन समस्या गंभीर बनी हुई है.
दुनिया में सबसे महंगा न सोना है न हीरा. एक चीज ऐसी है जिसकी कीमत बहुत ज्यादा है. अगर ये एक ग्राम मिल जाए तो पूरे भारत को 10-12 दिन बिजली सप्लाई हो सकती है. एक ग्राम 4 हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम के बराबर ऊर्जा रखता है. इसकी कीमत है- 62.5 लाख करोड़ रुपए प्रति ग्राम.