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कर्नाटक संकट पर ब्रेकफास्ट मीटिंग से लगेगा ब्रेक! CM सिद्धारमैया बोले- जो हाईकमान कहेगा, वही मानूंगा

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने सत्ता-साझाकरण गतिरोध समाप्त करने के लिए हाई कमान के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को कल सुबह नाश्ते पर बुलाया है. सिद्दारमैया ने कहा कि वह पार्टी नेतृत्व का हर फैसला मानेंगे.

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कर्नाटक में पावर-शेयरिंग को लेकर चर्चाएं चल रहीं हैं. (File Photo: PTI)
कर्नाटक में पावर-शेयरिंग को लेकर चर्चाएं चल रहीं हैं. (File Photo: PTI)

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार शनिवार सुबह 9:30 बजे सीएम आवास ‘कावेरी’ में ब्रेकफ़ास्ट मीटिंग करेंगे. यह मुलाकात पार्टी हाईकमान के निर्देशों के बाद हो रही है.

इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि हाईकमान जो भी फैसला लेगा, वह उसे मानेंगे. उन्होंने कहा कि गतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से हाईकमान ने उन्हें और शिवकुमार को कल सुबह एक साथ बैठकर मामले पर चर्चा करने के लिए कहा है.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक ट्वीट करते हुए कहा, "मैं अपने रुख पर कायम हूं. मैंने पहले ही बता दिया है कि मैं पार्टी के वरिष्ठों के कहे अनुसार काम करूंगा. अभी भी और कल भी, मैं यही कहूंगा. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुझे और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को बुलाया है और मिलने का निर्देश दिया है. इसलिए, मैंने उन्हें लंच के लिए आमंत्रित किया है, जहां हम चर्चा करेंगे. डी.के. शिवकुमार भी कह चुके हैं कि वह हाईकमान के कहे को स्वीकार करेंगे. अगर हाईकमान मुझे नई दिल्ली बुलाता है, तो मैं जाऊंगा."

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डीके का सिद्धारमैया पर निशाना

दोनों नेता कल सुबह 9:30 बजे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आधिकारिक आवास 'कावेरी' पर मुलाकात करेंगे. हाल के दिनों में शिवकुमार और उनके समर्थक लगातार यह मांग कर रहे हैं कि 2023 के चुनाव में जीत के बाद पार्टी हाईकमान द्वारा किए गए वादे के अनुसार उन्हें सीएम पद दिया जाए.

वहीं, सिद्धारमैया और उनके वफादारों का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था, और वह पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. इससे पहले सिद्धारमैया और शिवकुमार ने एकता दिखाने के लिए एक सरकारी कार्यक्रम में मंच साझा किया. हालांकि, शिवकुमार ने 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद सोनिया गांधी के 'त्याग' की प्रशंसा करते हुए सिद्धारमैया पर कटाक्ष किया था.

इस बीच, सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस हाईकमान कर्नाटक में संभावित नेतृत्व परिवर्तन के नफे-नुकसान का आकलन कर रहा है. अगर सिद्धारमैया को बदला जाता है, तो शिवकुमार सबसे संभावित उत्तराधिकारी होंगे. सिद्धारमैया को SC-ST, मुस्लिम और OBC समुदायों में मजबूत समर्थन प्राप्त है, जबकि शिवकुमार अपनी संगठन क्षमता और चुनाव प्रबंधन के कारण हाईकमान के लिए उपयोगी माने जाते हैं.

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अटकलों के बीच अन्य घटनाक्रम
इस बीच शिवकुमार समर्थक कई विधायक दिल्ली जाकर उन्हें सीएम बनाए जाने की मांग उठा चुके हैं, जिससे विवाद और तीखा हो गया है. कथित "2.5 साल रोटेशनल डील" पर भी हाईकमान पुनर्विचार कर रहा है, जिसे सिद्धारमैया खेमे ने सिरे से खारिज किया है. शिवकुमार समर्थक विधायकों का एक धड़ा दिल्ली भी गया था.

गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने हाई कमान की इच्छा पर शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन किया, जबकि सिद्धारमैया के वफादार ज़मीर अहमद खान ने तुरंत इसका खंडन किया.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह मामला सार्वजनिक चर्चा के लिए नहीं है. सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन के किसी भी निर्देश से इनकार किया और अटकलों को मीडिया भ्रम बताया.

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