तमिलनाडु के 234 सीट के लिए अप्रैल- मई 2026 को विधानसभा चुनाव होना है (Tamil Nadu Assembly Election 2026). चुनाव के कारण एक बार फिर से राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है. यह चुनाव न केवल राज्य की राजनीति को दिशा देगा, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी इसका असर देखने को मिलेगा.
वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने शानदार जीत दर्ज करते हुए सत्ता में वापसी की थी और एम.के. स्टालिन मुख्यमंत्री बने थे. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. अब 2026 में DMK सत्ता में अपने प्रदर्शन के आधार पर दोबारा जनमत हासिल करने की कोशिश करेगी, वहीं AIADMK वापसी की उम्मीद में जुटी हुई है.
तमिलनाडु में प्रमुख दल और उनके नेताओं की बात करें तो वर्तमान मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की अगुवाई में DMK सरकार कई जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही है. ‘कलैग्नार कैन्टीन’, शिक्षा सुधार, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा जैसी योजनाएं जनता के बीच लोकप्रिय रही हैं.
AIADMK – जयललिता के निधन के बाद से पार्टी आंतरिक कलह से जूझ रही है. हालांकि, ई. पलानीस्वामी और ओ. पनीरसेल्वम जैसे नेता पार्टी को फिर से संगठित करने की कोशिश में लगे हैं.
भाजपा (BJP) – तमिलनाडु में अभी तक सीमित प्रभाव वाली बीजेपी, 2026 में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की योजना बना रही है. केंद्रीय योजनाओं और राष्ट्रीय नेतृत्व के भरोसे पार्टी मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश करेगी.
कांग्रेस – DMK की सहयोगी के रूप में काम कर रही कांग्रेस, राज्य में अपना खोया हुआ जनाधार फिर से पाने की कोशिश कर रही है.
मक्कल नीधी मय्यम (MNM) – अभिनेता कमल हासन की पार्टी MNM का प्रदर्शन 2021 में निराशाजनक रहा था, लेकिन 2026 में वह फिर से जोर आजमाने की तैयारी में है.
तमिलगा वेत्री कषगम (TVK) की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि SIR प्रोसेस को संवैधानिक प्रावधान के तहत पूरा करना होगा. हालांकि, कोर्ट ने बीएलओ (BLO) की मौतों पर गंभीर चिंता जताते हुए राज्यों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों का बोझ कम करें.
एआईएडीएमके से निष्कासित नेता केए सेंगोट्टईयन ने MLA पद छोड़ने के बाद अब विजय की टीवीके में शामिल होने की तैयारी शुरू कर दी है. चेन्नई में उनकी टीम और टीवीके नेतृत्व के बीच कई दौर की बातचीत हुई.
एआईएडीएमके के राज्यसभा सांसद सीवी षणमुगम ने महिलाओं को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया, जिस पर बवाल मच गया है. उन्होंने डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए महिलाओं की तुलना मुफ्त सरकारी योजनाओं से कर दी.
उदयनिधि स्टालिन ने डिंडीगुल कार्यक्रम में कांग्रेस को लेकर बयान दिया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के चुनाव चिह्न हाथ का ज़िक्र किया. इस टिप्पणी से राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस-टीवीके गठबंधन की अटकलें तेज़ हो गई. उदयनिधि ने बाद में स्पष्ट किया कि उनका आशय भरोसे और समर्थन से था, न कि किसी पार्टी संकेत से.
तमिलनाडु में चुनाव से पहले BJP नए राजनीतिक समीकरण साधने में जुट गई है. पार्टी का फोकस छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर एनडीए को मजबूत करना है. बीजेपी का आंतरिक आंकलन बताता है कि थलापथी विजय की पार्टी टीवीके का वोट शेयर करीब 20 प्रतिशत है, जिसमें से लगभग 60 प्रतिशत वोट एनडीए विरोधी हैं.
तमिलनाडु पुलिस ने विजय की करूर रैली में जुटी भीड़ पर पथराव होने के टीवीके के आरोपों को खारिज कर दिया है. पुलिस ने कहा कि वहां कोई पथराव नहीं हुआ, विजय की पार्टी ने हमारे आदेशों का उल्लंघन करके रैली का आयोजन किया.
अभिनेता से राजनेता बने विजय की करूर में आयोजित रैली के दौरान मची भगदड़ में घायलों की मदद करने पहुंचीं एंबुलेंस पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था. यह दावा एंबुलेंस सर्विस देने वाली कंपनी के मालिक सूर्या ने किया है.
तमिल सिनेमा के सुपरस्टार जोसेफ विजय तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) नाम की पार्टी के साथ चुनावी राजनीति में कदम रख चुके हैं. वह तमिलनाडु की राजनीति के अगले सीएन अन्नादुरई, एमजी रामचंद्रन, एम. करुणानिधि बनेंगे या कमल हासन बनकर रह जाएंगे, यह 2026 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद साफ हो जाएगा.
भाजपा ने तीनों राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अपने इन-चार्जों की नियुक्ति की है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन राज्यों में संगठन को नया दृष्टिकोण और मजबूत नेतृत्व मिले, जिससे चुनावी रणनीतियों में ताजगी आए और स्थानीय गुटबाजियों का प्रभाव कम हो. बिहार के लिए भाजपा ने एक सशक्त वरिष्ठ नेताओं की टीम बनाई है, जो चुनावी रणनीति संचालित करेगी.
चुनाव आयोग की कार्रवाई के दायरे में तमिलानाडु के 42 दलों के अलावा, सबसे ज्यादा यूपी की 121 पार्टियां आई हैं. साथ ही महाराष्ट्र (44), दिल्ली (40), तमिलनाडु (42) और मध्य प्रदेश (23) के दलों को रजिस्टर्ड पार्टियों की लिस्ट से बाहर किया गया है. अब 359 और सियासी दलों पर एक्शन की तैयारी है, जिसमें तमिलनाडु की 39 पार्टियां शामिल हैं.
Election Commission Action: तमिलनाडु की 42 पार्टियों सहित देशभर की 474 राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल, 359 और पर लटक रही तलवार.
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में जीत का लक्ष्य लेकर उतर रही बीजेपी सूबे में एनडीए का विस्तार चाहती है. पार्टी तमिलनाडु की कई और छोटी पार्टियों को एनडीए में शामिल कराने की तैयारी में है.
एआईएडीएमके के महासचिव ईके पलानीस्वामी ने पार्टी में चल रहे घमासान के बीच कहा है कि आम्मसम्मान, सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण है. एआईएडीएमके का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. ये कार्यकर्ताओं की संपत्ति है.
तमिलनाडु की राजनीति में विजय एक उभरता सितारा हैं, जो कि आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी डीएमके लिए चुनौती पेश कर सकते हैं. रजनीकांत का सीएम स्टालिन की तारीफ करना और विजय का मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेना, बहुत कुछ संकेत देता है.
विजय ने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 से पहले अपनी राज्यव्यापी राजनीतिक यात्रा शुरू की. अरियालुर में दिए गए भाषण में उन्होंने केंद्र सरकार की "वन नेशन, वन इलेक्शन" नीति को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया.
तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके ने सीएम स्टालिन को सार्वजनिक रूप से यह ऐलान करने की चुनौती दी है कि उदयनिधि उनके उत्तराधिकारी नहीं होंगे. इस पर स्टालिन की पार्टी डीएमके ने भी पलटवार किया है.
तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष के अन्नामलाई ने स्वीकार किया है कि पार्टी अकेले सरकार नहीं बना सकती. उन्होंने कहा है कि हमारी प्राथमिकता डीएमके को सत्ता से बाहर करना है.
संघ विचारक एस गुरुमूर्ति ने तमिलनाडु के सत्ताधारी गठबंधन की अगुवाई कर रही डीएमके पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह न तो द्रविड़, ना ही तमिल पहचान के प्रति वफादार है. उन्होंने सूबे में बीजेपी की स्थिति को लेकर भी अपनी राय रखी.
तमिलनाडु चुनाव की तैयारियों में जुटे एनडीए को बड़ा झटका लगा है. एएमएमके प्रमुख दिनाकरन ने बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है.
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने तमिलनाडु पर अपना राजनीतिक फोकस साफ कर दिया है. काशी तमिल संगमम से लेकर संसद में सेंगोल की स्थापना तक, तमिल संस्कृति से जुड़ी सियासी कवायद लगातार देखने को मिल रही है - क्या ये सब करके बीजेपी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में फायदा उठा सकेगी?
तार्किक तो यही होता कि कमल हासन ये कहते कि शिक्षा सभी धर्मों की बेड़ियों को तोड़ती है. पर शायद उनमें यह कहने की हिम्मत न हुई हो. क्योंकि उन्हें यह भी पता है कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे सहिष्णु धर्म है. उनके नेता उदयनिधी स्टालिन ने एक बार सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बोला था, फिर भी उन्हें कोई धमकी नहीं मिली, उनके नाम से कोई फतवा नहीं जारी हुआ.