Perplexity एक मैथेमैटिकल माप (measure) है जो यह बताता है कि कोई भाषा मॉडल, जैसे GPT, ChatGPT, या कोई AI सिस्टम किसी टेक्स्ट को कितनी अच्छी तरह समझ रहा है. Perplexity का मतलब "अस्पष्टता", "भ्रम", "उलझन" या "कुछ न समझ आना" होता है.
जब OpenAI जैसे संगठन GPT मॉडल को ट्रेन करते हैं, तो वे perplexity को ट्रैक करते हैं ताकि पता चले कि मॉडल सुधार हो रहा है या नहीं. Perplexity.ai नाम का एक AI सर्च इंजन भी है, जो सवालों के जवाब देने के लिए वेब ब्राउज करता है. यह एक GPT आधारित सर्च इंजन है.
iPhone अपने यूजर्स के लिए Siri की स्थान पर Perplexity Voice Assistant की सुविधा दे रहा है. इस AI वॉयस असिस्टेंट को अपडेट के साथ ऐप में जोड़ा जा सकता है. इसके लिए अलग से कोई ऐप डाउनलोड करने की जरुरत नहीं होगी. Perplexity AI में ही इसे एक्सेस किया जा सकता है.
Google, ChatGPT और Perplexity भारतीय यूजर्स को महंगे सब्सक्रिप्शन फ्री दे रहे हैं. लेकिन क्यों? ये कंपनियां भारतीय यूजर्स पर इतनी मेहरबान क्यों हैं? इसके पीछे एक डार्क रिएयलिटी है जो आपके लिए जानना जरूरी है. वर्ना देर हो जाएगी और फ्री के चक्कर में आप अपना कीमती डेटा गंवा बैठेंगे.
Perplexity AI CEO अरविंद श्रीनिवास ने लोगों को AI गर्लफ्रेंड और Anime स्टाइल चैटबॉट से सावधान रहने को कहा है. उन्होंने इस तरह के ट्रेंड को खतरनाक बताया है. मौजूदा समय में कई AI कंपनियां जल्दी पॉपुलर होने के लिए गलत हथकंडे अपना रही हैं और इससे लोगों को नुकसान भी देखने मिलेंगे. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
AI का इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं. रिसर्च से लेकर कोडिंग तक में लोग इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, इसके लिए आपके पास इनका पेड वर्जन होना चाहिए. फ्री वाले वर्जन में आपको सीमित फीचर्स का एक्सेस मिलता है. ChatGPT और Perplexity दोनों के ही पेड वर्जन को आप फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं.
OpenAI ने भारतीयों के लिए एक बड़ा ऐलान कर दिया है. ChatGPT Go का फ्री एक्सेस मिलेगा, जिसके मंथली प्लान की कीमत 399 रुपये है. 1 साल तक ये सर्विस मुफ्त में दी जाएगी और 4 नवंबर से इसकी शुरुआत होने जा रही है. आइये इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) स्टार्टअप Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने बताया है कि गूगल के ईको सिस्टम को मात देना आसान नहीं है. उन्होंने पोस्ट करके बताया है कि गूगल मैप्स और Youtube को टक्कर देने लगभग इंपोसिबल है. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
OpenAI ने अपना AI ब्राउजर लॉन्च कर दिया है, जिसका नाम ChatGPT Atlas है. इसका मुकाबला क्रोम ब्राउजर और Perplexity AI से मुकाबला होगा. आइए एटलस को यूज करने का तरीका, एलिजिबल डिवाइस और अन्य डिटेल्स के बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
Perplexity CEO अरविंद श्रीनिवास ने आईफोन यूजर्स के लिए एक जरूरी वॉर्निंग जारी है. उन्होंने पोस्ट करके बताया कि Comet के फेक ऐप से दूर रहें, जो एक स्पैम है. अभी कंपनी का iOS के लिए कोई ऐप मौजूद नहीं है. एंड्रॉयड पर ये ऐप पहले से मौजूद हैं और कंपनी iOS के लिए वर्जन तैयार कर रही है. इस ऐप का मुकाबला Safari से होगा.
भारत में मौजूदा समय में प्ले स्टोर पर Perplexity AI ऐप टॉप पर बना हुआ है. ये ऐप पॉपुलर AI ऐप चैटजीपीटी, गूगल जेमिनाई, और Arattai मैसेजिंग ऐप को पीछे छोड़ चुका है. इस ऐप के CEO अरविंद श्रीनिवास हैं. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
Airtel का 1849 रुपये का रिचार्ज प्लान है. इसमें कॉलिंग, SMS और पूरे एक साल की वैलिडिटी मिलती है.
तीन साल पहले Perplexity-AI शुरू करने वाले अरविंद श्रीनिवास आज भारत के सबसे यंग बिलेनियर बन गए हैं. ये जानकारी एक रिपोर्ट्स से मिली है. साल 2022 में श्रीनिवास समेत तीन लोगों ने मिलकर Perplexity-AI की शुरुआत की थी, जो एक AI ChatBot है और सर्चिंग पर बेस्ड है.
Perplexity का कॉमेट ब्राउजर पिछले कुछ ही समय में काफी पॉपुलर हो चुका है. इसे गूगल क्रोम को डायरेक्ट राइवल भी माना जा रहा है. अब इसे कंपनी ने भारत में लॉन्च कर दिया है. इसकी खासियत इसमें दिया गया Agentic AI फीचर है.
WhatsApp पर Google का ट्रेडिंग फीचर आ गया है, जिसका नाम Nano Banana है. इसकी मदद से कई लोग साड़ी वाली फोटो, सेलिब्रिटीज के साथ फोटो, अपनी से बड़ी उम्र वाला फोटो आदि बना रहे हैं. ये फोटोज इंटरनेट की दुनिया में वायरल भी हो रही हैं. WhatsApp पर इस न्यू फीचर कैसे यूज करें.
WhatsApp पर अब Google का Nano Banana फीचर आया है. Perplexity AI की मदद से आप साड़ी वाली फोटो, सेल्फी के साथ सेलिब्रिटी फोटो और वायरल AI इमेज बना सकते हैं. आसान स्टेप्स में सीखें कैसे करें यूज.
Airtel अपने रिचार्ज प्लान के साथ Perplexity Pro का सब्सक्रिप्शन फ्री दे रहा है. आप 189 रुपये के रिचार्ज प्लान के साथ इस सब्सक्रिप्शन प्लान को रिडीम कर सकते हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस स्टार्टअप Perplexity AI ने Google के Chrome ब्राउजर को खरीदने के लिए 34.5 अरब डॉलर की बोली लगाकर सनमनी मचा दी है. यह स्टार्टअप अभी तीन साल पुराना है, जबकि क्रोम ब्राउजर की शुरुआत 2008 में हुई थी. यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा यूजरबेस वाला ब्राउजर है और यह गूगल की स्ट्रेटेजी में बड़ा अहम रोल अदा करता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि Perplexity AI के CEO अरविंद श्रीनिवास कौन हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप Perplexity इन दिनों चर्चा में है. रिपोर्ट्स की मानें, तो मंगलवार को स्टार्टअप ने Google Chrome ब्राउजर खरीदने का ऑफर दिया है.