श्रावण मास में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय रखें इन खास बातों का ध्यान, वरना अधूरी रह सकती है पूजा. जानिए सही तरीका और महत्व.
Mangla Gauri Vrat 2025: आज मंगला गौरी का पहला व्रत है. माना जाता है कि श्रावण मास के दौरान मंगला गौरी की पूजा करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही, अविवाहित कन्याओं के लिए भी यह व्रत विवाह की बाधाओं को दूर कर देता है.
क्या भगवान का नाम लेने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं? प्रेमानंद महाराज ने इस सवाल का आध्यात्मिक और सरल जवाब दिया है. जानें भगवान की भक्ति से कैसे मिलती है सुख-शांति.
सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गंगाजल चढ़ाना शुभ माना जाता है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ गलतियां हैं जो नहीं करनी चाहिए. जानिए गंगाजल रखने और चढ़ाने के सही नियम.
सावन के पहले सोमवार पर देशभर के शिवालयों में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है. दिल्ली के गौरीशंकर मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए मौजूद है. दिल्ली में बारिश के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ. हरिद्वार में हर की पौड़ी पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर महादेव को जल अर्पित कर रहे हैं.
सावन के पहले सोमवार पर देश भर के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है, जिसमें हरिद्वार की हर की पौड़ी पर आस्था का सैलाब देखने को मिला. श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने और जलाभिषेक करने पहुंचे. भीड़ नियंत्रण हेतु प्रशासन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरे, फेशियल रिकग्निशन और ड्रोन जैसी व्यापक व्यवस्थाएं की हैं. देखें ये स्पेशल शो.
उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर वह पवित्र स्थान है जहां भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकला कालकूट विष पिया था. जानिए इस मंदिर का पौराणिक महत्व, इतिहास, और उससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं.
aaj ka panchang 14 july 2025
कैलाश पर्वत को ब्रह्मांड का केंद्र और शिव का निवास स्थान माना जाता है. यह स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल के बीच एक आध्यात्मिक सेतु है. मान्यता है कि यहाँ वही पहुँच पाता है जिसे स्वयं शिव बुलाते हैं. दुनिया के कई पर्वतारोहियों ने कैलाश पर्वत की चोटी तक पहुँचने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी सफल नहीं हो सका. कुछ पर्वतारोहियों ने बताया कि उन्हें किसी अदृश्य शक्ति ने रोक लिया, जबकि अन्य ने भयानक बर्फबारी या अचानक मौसम परिवर्तन का अनुभव किया.
भारत की पर्व और परंपरा की पहचान हर की पौड़ी पर शिव के भक्तों का जमावड़ा होता है. मान्यताओं के अनुसार, इस हर की पौड़ी से ब्रह्मकुंड पर गंगा लोगों को आशीर्वाद देती हुई आगे बढ़ती है. इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने पर सबसे बड़ी चुनौती तैयारियों की होती है, खासकर सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था की.
सावन मास की शुरुआत के साथ ही चारों ओर महादेव की गूंज सुनाई देती है. इस पवित्र महीने में भक्त कांवड़ लेकर हरकी पैड़ी पहुंचते हैं. गंगाजल लेकर अपनी श्रद्धा और शक्ति के अनुसार कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा सहित भारत के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं.
हरिद्वार में सावन के तीसरे दिन कांवड़ यात्रियों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। हर की पौड़ी पर ब्रह्मकुंड सहित सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं पर व्यवस्था की है। सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है, जिसके लिए दिल्ली से उत्तराखंड तक प्रशासन के लिए चुनौतियां हैं। सुरक्षा व्यवस्था के तहत हरिद्वार में पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है, जिसमें घुड़सवार पुलिस भी शामिल है। फर्जी साधुओं को पकड़ने के लिए देहरादून और हरिद्वार में 'ऑपरेशन कालीन' चलाया जा रहा है। कांवड़ यात्रा में देशभक्ति और सनातन के रंग भी दिख रहे हैं, जहाँ कांवड़िए तिरंगे झंडे के साथ यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा में सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल भी देखने को मिली है, जब आगरा के दो मुस्लिम युवकों ने कांवड़ उठाई है। एक कांवड़िया अपने दांतों से 101 लीटर गंगाजल की बुगीनुमा कांवड़ खींचकर यात्रा पूरी कर रहा है। इस कांवड़िए ने कहा, "मैं दांतों से एक से एक जल आ रहा हूँ गौ माता रास्ते बनाने के लिए।" राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचे हैं।
राधिका मर्चेंट और अनंत अंबानी की शादी न सिर्फ भारत का साल 2024 का सबसे बड़ा सेलिब्रेशन था, बल्कि ये एक ग्लोबल इवेंट था. हर महाद्वीप से नेताओं, दिग्गज बिजनेसमैन, सितारों के आने के साथ, यह उत्सव भारत के विश्व मंच पर उभरते कद का प्रतीक बन गया था.
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी आध्यात्मिक जड़ों की ओर एक वापसी की तरह थी. पूरा जश्न सनातन धर्म की दर्शनशास्त्र में डूबा हुआ था. सभी जानते हैं कि सनातन धर्म जीवन का शाश्वत मार्ग है. ये शादी सिर्फ एक जश्न नहीं बल्कि एक पवित्र अनुभव थी, जो दो आत्माओं की आध्यात्मिक यात्रा में एक परिवर्तनकारी संस्कार दिखाती थी.
केदारनाथ से रामेश्वरम तक 7 शिव मंदिर एक सीधी रेखा पर स्थित हैं. जानिए पंचतत्वों से जुड़े इन मंदिरों का रहस्य और आध्यात्मिक महत्व.
सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है, और इसके साथ ही कांवड़ यात्रा भी आरंभ हो गई है. हरिद्वार में हर की पैड़ी पर भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है. सूर्योदय से पहले ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगाजल लेने के लिए घाटों पर पहुंच गए. देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में भी लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी. काशी विश्वनाथ में भी देश-दुनिया से शिवभक्त दर्शन के लिए आ रहे हैं.
सावन में कढ़ी और साग खाने से परहेज क्यों किया जाता है? जानें आयुर्वेद क्या कहता है और इस मौसम में किन चीजों का सेवन करें.
Sawan 2025: शिव-शक्ति रेखा के उत्तरी छोर पर केदरानाथ तो दक्षिणी छोर पर रामेश्वरम स्थित है. केदारनाथ और रामेश्वरम के बीच की दूरी लगभग 2,382 किलोमीटर है. शिव शक्ति रेखा पर भगवान शिव के सात प्रमुख मंदिर पड़ते हैं.
Sawan 2025: सावन के महीने में हर दिन और विशेष रूप से सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-उपासना करने से जीवन में हर तरह की सुख-समृद्धि और ऐशो आराम की प्राप्ति होती है. सावन के महीने की शुरुआत 11 जुलाई यानी आज से होने जा रही है और इसका समापन 9 अगस्त 2025 को होगा.
Aaj ka Panchang: 10 july 2025