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Astra-Mk2 Missile: पाक की खैर नहीं... भारतीय वायुसेना शामिल करेगी 200 km रेंज वाली मिसाइल

भारतीय वायुसेना के लिए बड़ी खुशखबरी है. डीआरडीओ अस्त्र मार्क-2 मिसाइल की रेंज 200 किमी से अधिक करने जा रहा है. वायुसेना 700 मिसाइलें खरीदेगी, जो सुखोई और एलसीए जेट्स पर लगेंगी. पाकिस्तान की पीएल-15ई (145 किमी) से बेहतर, चीन की पीएल-15 (200-300 किमी) के बराबर. स्वदेशी तकनीक से बीवीआर युद्ध में बढ़त होगी और आयात पर निर्भरता कम.

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भारतीय वायुसेना के Su-30MKI फाइटर जेट से लॉन्च की जाती अस्त्र-2 मिसाइल. (File Photo: Indian Air Force)
भारतीय वायुसेना के Su-30MKI फाइटर जेट से लॉन्च की जाती अस्त्र-2 मिसाइल. (File Photo: Indian Air Force)

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अस्त्र मार्क-2 एयर-टू-एयर मिसाइल की रेंज को 200 किलोमीटर से ज्यादा करने जा रहा है. पहले इसकी रेंज 160 किलोमीटर से थोड़ी ज्यादा बताई जा रही थी, लेकिन अब इसे और लंबा बनाया जाएगा.

रक्षा मंत्रालय जल्द ही इस पर चर्चा करेगा. आईएएफ करीब 700 ऐसी मिसाइलें खरीदने वाली है, जो सुखोई और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) जैसे लड़ाकू विमानों पर लगेंगी. 

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यह मिसाइल बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) यानी आंखों से दिखाई न देने वाली दूरी पर दुश्मन के विमानों को मार गिराने के लिए बनी है. भारत लंबे समय से अपनी खुद की ऐसी मिसाइलें बना रहा है, ताकि इलाके में हवाई जंग में बढ़त बनी रहे. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सीमित हवाई टकराव हुआ था.

Astra-Mk2 Indian Air Force

भारत ने पाकिस्तानी एयरबेस और आतंकी कैंपों पर दूर से ही हमला किया. पाकिस्तानी वायुसेना को भारी नुकसान हुआ. उनके कई लड़ाकू विमान, जैसे अमेरिकी एफ-16 और चीनी जेट्स, हवा और जमीन पर नष्ट हो गए. साथ ही उनके बड़े ड्रोन और जासूसी विमान भी दक्षिणी पाकिस्तान में हमलों में उड़ गए.

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पाकिस्तान ने जवाबी हमला करने की कोशिश की. उन्होंने पीएल-15 एयर-टू-एयर मिसाइलें दागीं, लेकिन यह नाकाम रही. पिछली अस्त्र मार्क-1 मिसाइल की रेंज 100 किलोमीटर से ज्यादा है. इसमें उन्नत गाइडेंस और नेविगेशन सिस्टम लगा है. डीआरडीओ के कई लैब के अलावा 50 से ज्यादा पब्लिक और प्राइवेट कंपनियां, जैसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), इसमें योगदान दे चुकी हैं.

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पाकिस्तान की मिसाइलें: अस्त्र से कैसे तुलना?

पाकिस्तान की वायुसेना के पास अस्त्र जैसी लंबी रेंज वाली मिसाइलें कम हैं. उनके मुख्य लड़ाकू विमान एफ-16 पर अमेरिकी एआईएम-120सी-5 एएमआरएएएम मिसाइल लगी है. इसकी रेंज करीब 100-120 किलोमीटर है. लेकिन हाल ही में पाकिस्तान ने चीन से पीएल-15ई मिसाइलें खरीदी हैं, जो एक्सपोर्ट वर्जन है.

Astra-Mk2 Indian Air Force

इसकी रेंज 145 किलोमीटर बताई जाती है. अस्त्र मार्क-2 की नई रेंज 200 किलोमीटर से ज्यादा होने पर यह पाकिस्तानी मिसाइलों से कहीं आगे निकल जाएगी. ऑपरेशन सिंदूर में भी पीएल-15 का इस्तेमाल नाकाम रहा, जो दिखाता है कि भारतीय पायलटों की ट्रेनिंग और तकनीक बेहतर है.

चीन की मिसाइलें: दुनिया की सबसे तेज?

चीन की वायुसेना के पास पीएल-15 मिसाइल है, जो अस्त्र मार्क-2 की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी है. यह मिसाइल 6,100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ती है. इसकी रेंज 200-300 km है. इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार लगा है, जो दुश्मन को दूर से लॉक कर सकता है.

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यह जे-20 जैसे स्टील्थ फाइटर जेट्स के लिए बनी है. पीएल-15 को रूसी आर-37 मिसाइल जितनी ताकतवर माना जाता है. लेकिन अस्त्र मार्क-2 भी अब इसी स्तर पर पहुंच रही है. भारत की मिसाइल घरेलू है, इसलिए इसे आसानी से अपग्रेड किया जा सकता है. 

Astra-Mk2 Indian Air Force

भारतीय वायुसेना को क्या फायदा?

अस्त्र मार्क-2 से आईएएफ को कई बड़े फायदे मिलेंगे. 

  • 1. यह स्वदेशी है, तो विदेशी आयात पर निर्भरता कम होगी. 
  • 2. 700 मिसाइलें खरीदने से सुखोई और एलसीए जैसे विमानों की ताकत दोगुनी हो जाएगी.
  • 3. बीवीआर जंग में पायलट दुश्मन को दूर से ही मार गिरा सकेंगे, बिना खतरे में आए. इससे हवाई युद्ध में भारत की बढ़त बनेगी खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के खिलाफ.

ऑपरेशन सिंदूर जैसे हाल के संघर्षों से सीख मिली है कि लंबी रेंज वाली मिसाइलें कितनी जरूरी हैं. पहले एफ-16 जैसे दुश्मन जेट्स को निशाना बनाना मुश्किल था, लेकिन अब अस्त्र से यह आसान हो जाएगा. डीआरडीओ की यह सफलता नौजवान इंजीनियरों को प्रेरित करेगी.  

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