डिफेंस
डिफेंस (Defence), सामूहिक रूप से सशस्त्र बल होता है. इसमें एक या एक से अधिक सैन्य शाखाएं शामिल होती हैं जैसे कि सेना, नौसेना, वायु सेना, अंतरिक्ष बल, मरीन या तट रक्षक. सेना का मुख्य कार्य आमतौर पर बाहरी सशस्त्र खतरों के खिलाफ देश और उसके हितों की रक्षा करना है.
यह एक भारी सशस्त्र, उच्च संगठित बल है जो मुख्य रूप से युद्ध के लिए अभिप्रेत है. यह आम तौर पर एक संप्रभु राज्य द्वारा अधिकृत होता है. इसके सदस्यों को उनकी विशिष्ट सैन्य वर्दी द्वारा पहचाना जा सकता है (Military).
एक राष्ट्र की सेना एक अलग सामाजिक उपसंस्कृति के रूप में कार्य करती है. युद्ध से परे, सेना को राज्य के भीतर अतिरिक्त स्वीकृत और गैर-स्वीकृत कार्यों में नियोजित किया जा सकता है, जिसमें आंतरिक सुरक्षा खतरे, जनसंख्या नियंत्रण, एक राजनीतिक एजेंडा का प्रचार, आपातकालीन... और पढ़ें
चीन ने ताइवान के चारों ओर 6 जगहों पर युद्धाभ्यास किया था. चीन ने युद्धाभ्यास के लिए 10 युद्धपोत उतारे थे. ये ताइवान की सीमा से काफी करीब थे. ताइवान का दावा है कि युद्धाभ्यास के दौरान चीन के लड़ाकू विमान उसकी सीमा में भी घुसे थे. इसके बाद ताइवान ने चीन को चेतावनी दी थी और अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया था.
भारत में शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री में परिपक्वता आ रही है. आज भारत में 6 बड़े शिपयार्ड हैं, जिनका टर्नओवर करीब 2 बिलियन डॉलर है. जहाजों की मरम्मत करने के बाजार में भारतीय शिपयार्ड की दखल तेजी से बढ़ रही है. भारतीय शिपयार्ड उन्नत मैरिटाइम प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए कम कीमत पर जहाजों की मरम्मत व रख-रखाव के विविध समाधान ऑफर करते हैं. इस कारण भारतीय शिपयार्ड को ग्लोबल मार्केट में तरजीह मिल रही है.
दुनिया भर की निगाहें इस समय एशिया की ओर टिकी हुई हैं. जब से अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान पहुंचीं, तभी से एशिया में युद्ध छिड़ने का खतरा मंडरा रहा है. नैंसी तो वापस लौट गईं लेकिन युद्ध का खतरा अब तक नहीं टला. उधर चीन भारत की चुप्पी पर बौखलाया हुआ है. भारत लद्दाख में चीन की मनमानी का विरोध करके उसे आइना दिखाने में जुट गया है. जल्द ही ये भी संकेत दिए जा चुके हैं कि LAC पर अमेरिका और भारत के सैनिक एक साथ मिलकर चीन का मुकाबला करेंगे. भारतीय पक्ष ने चीन से दो टूक कहा कि वो वायु क्षेत्र के उल्लंघन जैसी उकसाने वाली गतिविधियों से परहेज करे. देखें ये वीडियो.
Taiwan Vs China: ताइवान पर कब्जे के मंसूबे पालने वाला चीन अब खुलेआम दादागिरी पर उतर आया है. अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं. वहीं, जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका ने ताइवान के पूर्व में चार युद्धपोत तैनात कर दिए हैं, जिसमें से एक परमाणु संचालित विमान वाहक है.
चीन अगर हवाई हमला करें तो कौन से ऐसे हथियार हैं, जो ताइवान के एयर डिफेंस को मजबूत बनाए रखेंगे. ताइवान के पास कई सरफेस टू एयर मिसाइलें, एंटी-एयक्राफ्ट गन्स, तोपें हैं. लेकिन उनमें से बेस्ट कौन सी हैं, जो चीन के हमले से ताइवान को बचाएंगी. आइए जानते हैं उन हथियारों के बारे में...
क्या चीन ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा और इसमें अमेरिका की क्या भूमिका होने वाली है, सरकार ने किस दबाव में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को वापस लिया, मंकीपॉक्स वायरस का इन्फेक्शन क्या एसिमटोमैटिक भी हो सकता है और भारत के अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यू यू ललित की कहानी. सुनिए 'दिन भर' में कुलदीप मिश्र के साथ.
ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी युद्ध के स्तर पर पहुंच गई है. अमेरिका ने चीन को यह साफ संदेश दे दिया है कि वह ताइवान की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. ऐसे में यह जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर एक छोटे से द्वीप के लिए अमेरिका ने चीन से पंगा क्यों लिया. ताइवान अमेरिका के लिए क्यों उपयोगी है. इसके साथ यह भी जानेंगे कि चीन ताइवान को क्यों अपना प्रांत मानता है। इस विवाद के पीछे वजह क्या है. इसके साथ यह भी जानेंगे कि अमेरिका का कौन सा कानून ताइवान की सुरक्षा का बड़ा कवच है. चीन अपने किस कानून के तहत ताइवान को धौंस दिखाता है.
China Taiwan Tension: चीन और ताइवान के बीच जारी तनातनी को देखते हुए युद्ध का खतरा बढ़ गया है. इसे देखते हुए ये समझना जरूरी हो जाता है कि शी जिनपिंग इस समय क्या सोच रहे हैं. उनके मन में युद्ध नीति क्या चल रही है?
अमेरिका और चीन आमने सामने आ गए हैं. अमेरिकी House of Representatives की स्पीकर Nancy Pelosi की ताइवान यात्रा ने कूटनीति की दुनिया में आग लगा दी है. अब सवाल ये है कि ताइवान के मुद्दे पर क्या अमेरिका और चीन के बीच युद्ध होगा? क्या ताइवान दूसरा यूक्रेन बन जाएगा? मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे Nancy Pelosi ताइवान पहुंची थीं और बुधवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे ताइवान से दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो गईं. यानी Nancy Pelosi ने ताइवान में करीब 19 घंटे बिताए. इस दौरान Nancy Pelosi ने ताइवान की राष्ट्रपति से मुलाकात की और हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया. ब्लैक एंड व्हाइट में देखें इस पूरी खबर का विश्लेषण.
Nancy Pelosi Taiwan Visit: एक समय पर अमेरिका का दोस्त कहलाने वाला चीन, फिलहाल अमेरिका से नाराज चल रहा है. और वजह है नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा. नैंसी पेलोसी अमेरिकी सदन की स्पीकर हैं और नैंसी इन दिनों विदेशी यात्रा पर थी, जिसका एक पड़ाव ताइवान था. लेकिन नैंसी का ये दौरा चीन को रास नहीं आ रहा था और चीन ने अमेरिका को इसके लिए सतर्क भी किया और कई सारी चेतावनी भी दी. लेकिन चीन की चेतावनी के बाद भी नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची और अपने कार्यक्रमों में शिरकत की. जिसके बाद अब चीन और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिती पैदा हो गई है.
चीन को अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा जरा भी नहीं भा रहा है. चीन ने अमेरिका को इसके लिए पहले ही चेतावनी दी थी जिसके बाद भी नैंसी ने अपना दौगा जारी रखा. जिसके बाद चीन की ओर से कई वीडियो जारी किए गए. चीन ने छह युद्धाभ्यासों से ताइवान की घेराबंदी की चेतावनी को अमन में लाने की शुरुआत कर दी है. उसने ताइवान की खाड़ी में अपनी गतिविधि बढ़ा दी है. तो क्या मिलिट्री एक्सरसाइज से ताइवान पर दबाव बना पाएगा चीन. देखें इस वीडियो में.
Taiwan Clashes With China: ताइवान में छिड़ी जंग तो मुश्किल में फंस जाएंगी कार और मोबाइल कंपनियां
Nancy Pelosi Taiwan Visit: ताइवान और चीन के बीच बढ़ते तनाव में नैंसी पेलोसी के बयान क्या आग में घी का काम नहीं करेंगे? क्या जो यूक्रेन में हुआ वही ताइवान में होगा? और अगर चीन ने ताइवान पर धावा बोला तो क्या अमेरिका युद्ध में उतरेगा? यूक्रेन में जो हुआ उसे पूरी दुनिया में देखा और अब ताइवान में अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे और उनके बयानों से तापमान बढ़ गया है. चीन ने छह युद्धाभ्यासों से ताइवान की घेराबंदी की चेतावनी को अमन में लाने की शुरुआत कर दी है. उसने ताइवान की खाड़ी में अपनी गतिविधि बढ़ा दी है. दूसरी तरफ ताइवान ने कहा है कि वो स्थानीय समय साढ़े ग्यारह बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीन को जवाब देगा. देखें क्या है एक्सपर्ट की राय.
यह पहला मौका नहीं है, जब नैंसी पेलोसी ने चीन को चिढ़ाया हो. चीन से उनका पंगा करीब तीन दशक पुराना है. वे लंबे समय से चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का विरोध करती आई हैं.
चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स से एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें चीन की सेना ने अलग-अलग हवाई अड्डों से यु्द्धाभ्यास के लिए लड़ाकू विमान रवाना कर दिए हैं. पीएलए की इस्टर्न कमांड थियेटर ने इन लड़ाकू विमानों को नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे पर नाराजगी जताते हुए युद्धाभ्यास के लिए रवाना किया है. इसके जवाब में ताइवान ने भी वीडियो जारी किया है. ताइवान ने चीन से निपटने के लिए अपनी तैयारियों का वीडियो जारी किया है. देखें
82 साल की नैंसी पेलोसी 5 बच्चों की मां और नौ बच्चों की दादी हैं. पेलोसी अक्सर कहती हैं कि उनका इरादा कभी सार्वजनिक क्षेत्र (राजनीति) में आने का नहीं था. हालांकि, वह एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. नैंसी के पिता थॉमस डी'एलेसेंड्रो जूनियर ने बाल्टीमोर के मेयर के रूप में काम किया है. उन्होंने पांच बार कांग्रेस में शहर का प्रतिनिधित्व किया.
चीन और ताइवान की यह दुश्मनी नई नहीं है, इसके पीछे पुराना आपसी झगड़ा खास वजह है. आइए जानते हैं ताइवान का इतिहास और वहां की खासियतें क्या हैं, वहां के लोग कैसे हैं और आखिर चीन ताइवान की आपसी दुश्मनी की वो खास वजह क्या है.
Quiz About Taiwan: ताइवान कहां है? ताइवान की राजधानी क्या है? क्या ताइवान एक देश है? ऐसे कई सवाल गूगल पर सर्च किए जा रहे हैं. हम आपके लिए ताइवान से जुड़े 10 खास सवालों के जवाब लेकर आए हैं, जिन्हें लोग गूगल पर सर्च कर रहे हैं.
चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के हवासे ले बड़ी खबर आ रही है. चीनी सेना PLA के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने युद्धाभ्यास के लिए लड़ाकू विमानों की तैनाती करनी शुरू कर दी है. अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर पहुंचता जा रहा है. चीन की सेना ने अलग-अलग हवाई अड्डों से यु्द्धाभ्यास से लड़ाकू विमान रवाना कर दिया है. पीएलए की इस्टर्न कमांड थियेटर ने इन लड़ाकू विमानों को नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे पर नाराजगी जताते हुए युद्धाभ्यास के लिए रवाना किया है. चीन ताइवान की सीमा पर युद्धाभ्यास कर रहा है. देखें ये वीडियो.
Facts About Taiwan: दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर ताइवान स्थित है. ताइवान एक खूबसूरत द्वीप है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है लेकिन ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है. आइए जानते हैं चीन से टक्कर लेने वाले ताइवान के बारे में रोचक बातें.
भारत औऱ चीन के बीच हाल के सालों में रिश्तों में तनाव आया है. इसी बीच भारत ने ताइवान के साथ अपने संबंधों को निभाने की कोशिश की है. 2020 में गलवान में हुए विवाद के बाद भारत ने विदेश मंत्रालय में तत्कालीन संयुक्त सचिव (अमेरिका) गौरांगलाल दास को ताइवान में राजनयिक नियुक्त किया. भारत ने अभी तक ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक रिश्ते नहीं बनाए हैं