Defence Ministry ने मिसाइल के निर्माण में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए साल 2022 में एक बड़ा समझौता किया. 'अस्त्र मिसाइल' (Astra Missile) सिस्टम के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय ने BDL से समझौता किया था. ये मिसाइल Indian Air Force और Indian Navy के लिए अहम है.
अस्त्र' हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने बनाया है. भारत की बनाई गई इस तरह की पहली मिसाइल है. ये मिसाइल बिना दुश्मनों के नजर में आए हवा में ही टारगेट को भेदने में सक्षम है.
भारत में विकसित किया गया 'अस्त्र' मिसाइल सिस्टम काफी घातक है. इसकी बियॉन्ड विजुअल रेंज क्षमता इसे खतरनाक बनाती है.
इस सीरीज की विभिन्न मिसाइलें 500 मीटर (0.31 मील) से लेकर 340 किमी (210 मील) तक की अलग-अलग दूरी पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं. अस्त्र एमके-1 को भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा. बता दें कि सुखोई एसयू-30एमकेआई, डसॉल्ट मिराज 2000, एचएएल तेजस और मिकोयान मिग-29 पहले से ही भारतीय वायु सेना का हिस्सा है. अस्त्र एमके-1 मिसाइलों का उत्पादन साल 2017 में शुरू हुआ था.
अस्त्र एमके-1 की तैनाती के बाद, कई ऑफशूट एडिशन की योजना बनाई जा रही है, जिसमें एक इमेजिंग इंफ्रा-रेड होमिंग मिसाइल जिसे अस्थायी रूप से अस्त्र-आईआर के रूप एक लंबी दूरी की अस्त्र एमके-2 एडिशन और असेत्र एमके-3 नाम से बनाया जाएगा.
भारत 800 किमी रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल को 2027 तक सेना में शामिल करेगा. रैमजेट इंजन अपग्रेड हो चुका है. INS-GNSS टेस्ट बाकी है. नौसेना व सेना पहले अपग्रेड करेंगी. एयर वर्जन बाद में आएगा. ऑपरेशन सिंदूर में 450 किमी ब्रह्मोस ने सफलता दिखाई थी. 200 किमी अस्त्र मार्क-2 का 2026-27 में उत्पादन शुरू होगा.
एचएएल 17 अक्टूबर को नासिक से तेजस एमके1ए का पहला उड़ान रोल आउट करेगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उद्घाटन करेंगे. लेकिन जीई के एफ-404 इंजन देरी से आईएएफ को डिलीवरी का इंतजार लंबा करना पड़ रहा है. चार इंजन मिले, दो और अक्टूबर में मिलेंगे. 83 विमान 2029 तक, 97 अतिरिक्त 2033-34 तक. हथियार ट्रायल्स सफल, स्वदेशी ताकत बढ़ेगी.
भारतीय वायुसेना के लिए बड़ी खुशखबरी है. डीआरडीओ अस्त्र मार्क-2 मिसाइल की रेंज 200 किमी से अधिक करने जा रहा है. वायुसेना 700 मिसाइलें खरीदेगी, जो सुखोई और एलसीए जेट्स पर लगेंगी. पाकिस्तान की पीएल-15ई (145 किमी) से बेहतर, चीन की पीएल-15 (200-300 किमी) के बराबर. स्वदेशी तकनीक से बीवीआर युद्ध में बढ़त होगी और आयात पर निर्भरता कम.
पाकिस्तान AIM-120, PL-15 मिसाइलें मंगवा रहा, लेकिन DRDO की VSHORAD (6 किमी), Astra (200 किमी), Rudram (250 किमी), NRSAM (25 किमी), BrahMos-ER (800 किमी) रेंज, स्पीड (5000 km/hr) और सटीकता में आगे. ऑपरेशन सिंदूर में पाक मिसाइलें फेल हुई. भारत की आर्सेनल पाक से दोगुनी मजबूत, स्वदेशी टेक से अजेय है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं को पांच साल के युद्ध के लिए तैयार रहने का लक्ष्य दिया. सेना को हथियार भंडारण, सीमा ढांचा और AI प्रशिक्षण बढ़ाना होगा. नौसेना को युद्धपोत और मिसाइलें, वायुसेना को फाइटर जेट और ड्रोन मजबूत करने होंगे. थिएटर कमांड और स्वदेशी तकनीक से भारत आत्मनिर्भर बनेगा, ताकि लंबे युद्धों में भी मजबूत रहे.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की युद्धनीति बदल गई. ब्रह्मोस-2, स्विफ्ट-के ड्रोन, AI और स्वदेशी युद्धपोत जैसे हथियार भारत को सुपरपावर बना रहे हैं. डीआरडीओ और नौसेना मिलकर लेजर हथियार, स्टील्थ जेट्स और रडार विकसित कर रहे हैं. ये ‘फ्यूचर वेपंस’ भारत को सुरक्षित और वैश्विक सैन्य ताकत बनाएंगे.
Tejas Mk1A में लगेगी ये स्वदेशी मिसाइल, जंग में बढ़ जाएगी मारक क्षमता
अगस्त 2025 में तेजस Mk1A से अस्त्र Mk1 मिसाइल का लाइव फायरिंग टेस्ट भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में एक नया मील का पत्थर होगा. यह टेस्ट न केवल तेजस Mk1A की तैनाती को सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनाएगा.
राफेल-एम और IAF के राफेल जेट्स अब -1 (150 किलोमीटर), अस्त्र Mk1 (110 किलोमीटर), और SAAW (100 किलोमीटर) मिसाइलों से लैस होंगे. डीआरडीओ ने इन मिसाइलों को बनाया है. इस मिसाइलों के लगने के भारतीय नौसेना बहुत ताकतवर हो जाएगी.
भारत बहुत जल्द अपनी नई मिसाइल का परीक्षण करने वाला है. इसका नाम गांडीव है. इसके वायुसेना में शामिल होने पाकिस्तान और चीन की हालत खराब होगी. उनके रडार, विमान या अवॉक्स खतरे में पड़ जाएंगे. इसकी रेंज 300 से 350 किलोमीटर हैं. ये 5370 km/hr की रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ेगी.
चीन ने पाकिस्तान को PL-15 मिसाइलों की "एक्सप्रेस" डिलीवरी की, ताकि भारतीय राफेल के खतरे को टाला जा सके. पाकिस्तान को ये नहीं पता कि वो जिस चीनी मिसाइल के दम पर उछल रहा है, उसकी काट भारत के पास है.
76वें गणतंत्र दिवस परेड में भारत अपनी स्वदेशी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेगा. नाक मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, अग्नि मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर जैसे आधुनिक हथियार शामिल होंगे. प्रलय मिसाइल और पिनाका रॉकेट सिस्टम भी दिखाए जाएंगे. आत्मनिर्भर भारत की झलक देने वाली इस परेड में स्वदेशी तकनीक से बने हथियारों का प्रदर्शन किया जाएगा. VIDEO
सीनियर रक्षा अधिकारियों ने इंडिया टुडे को बताया कि मौजूदा में एस्ट्रा मार्क 2 मिसाइलों पर काम चल रहा है और 130 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल का पहला टेस्ट आने वाले महीनों में होने वाला है. डीआरडीओ मिसाइल की रेंज बढ़ाने के लिए एक स्पेशल मोटर विकसित करने पर विचार कर रहा है.
DRDO सिस्टम को एजेंसी द्वारा हवा में टारगेट भेदने के लिए एक ट्राइपोड आधारित सिस्टम के रूप में बनाया गया है लेकिन सेना चाहती है कि इसे सैनिकों द्वारा अपने कंधों से लॉन्च करने के लिए बनाया जाए. भारत 2009 से कंधे से दागी जाने वाली अपनी मिसाइल लिस्ट को बदलने और बढ़ाने पर काम कर रहा है.
भारतीय वायुसेना बहुत जल्द हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल Astra Mk2 का परीक्षण करने वाली है. इस मिसाइल की रेंज 130 से 160 किलोमीटर है. इसकी स्पीड और सटीकता इतनी बेहतर है कि ये लोकेशन बदलने वाले टारगेट को भी खत्म कर देती है. इस मिसाइल से चीन-PAK भी डरते हैं.
भारतीय वायुसेना को BDL कंपनी ने Astra BVR मिसाइल की पहली खेप दे दी है. इस मिसाइल की स्पीड और निशाना इतना सटीक है कि ये लोकेशन बदल रहे दुश्मन को भी मौत दे देती है. हवा से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल से चीन और पाकिस्तान की हालत खराब है.
Turkey-Pakistan मिलकर हवा से हवा में मार करने वाली नई मिसाइल बनाने जा रहे हैं. यह भारत के Astra मिसाइल को टक्कर देने की तैयारी है. नई मिसाइल तुर्की के GÖKDOĞAN और पाकिस्तान के FAAZ-2 BVRAAM मिसाइल को मिलाकर बनाई जाएगी. जानिए इस प्रोजेक्ट से भारत को किस तरह का खतरा है?