तारिक रहमान (Tarique Rahman) बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के उपाध्यक्ष हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं. तारिक का जन्म 20 नवंबर 1967 को हुआ. उन्होंने ढाका यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और बाद में राजनीति में सक्रिय हो गए. तारिक ने 1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में अपनी मां की सरकार के दौरान विभिन्न राजनीतिक और आर्थिक सुधारों में हिस्सा लिया. तारिक रहमान पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. 2007 में एक सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में चिकित्सा कारणों से उन्हें जमानत मिल गई और वे लंदन चले गए.
तारिक रहमान 2008 से लंदन में रह रहे हैं. BNP महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने बताया कि पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की बहुत जल्द स्वदेश वापसी होगी.
नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) ने जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है. पार्टी के संयुक्त सचिव मीर अरशादुल हक के इस्तीफे के बाद यह गठबंधन चर्चा में आया है. बांग्लादेश में फरवरी 2026 के चुनाव से पहले इस्लामिक झुकाव वाली पार्टियां एकसाथ आ रही हैं औऱ यह गठबंधन इसका ताजा उदाहरण है.
बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 17 सालों बाद ढाका वापिस लौटे है. यह वापसी बांग्लादेश की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जा रहा है. तारिक के स्वागत में ढाका की सड़कों पर समर्थकों का हुजूम दिखा, वापिस के बाद तारिक अपनी बीमार मां खालिदा जिया से मिले जो लंबे वक्त से बीमार चल रही है.
क्रिसमस पर दुनिया भर में जश्न का माहौल दिखा. अमेरिका से लेकर पेरु और गाजा तक क्रिसमस के अलग-अलग रंग देखने को मिले. जहां अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप ने रात्रि भोजन का आयोजन किया, वहीं पेरु में भी लोग क्रिसमस के रंग में नजर आए. दूसरी तरफ बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की 17 साल बाद वापसी हुई है.
बांग्लादेश में 6 दिनों में दो हिन्दुओं की लिंचिंग से सनसनी मच गई है. मुल्क के भावी प्रधानमंत्री बताए रहे BNP नेता तारिक रहमान अपने मुल्क के लिए लोकतांत्रिक और सेकुलर बांग्लादेश का सपना देख रहे थे. लेकिन मौजूदा मोहम्मद यूनुस की सरकार हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचार को कहीं से नहीं रोक पा रही है.
अगर बांग्लादेश में सबकुछ सही रहता है और 12 फरवरी 2026 को संसदीय चुनाव कराए जाते हैं तो इन चुनावों में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार तारिक रहमान ही होंगे.
बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान, लगभग दो दशक के निर्वासन के बाद देश लौटे और ढाका में विशाल रैली को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मेरे पास एक योजना है. साथ ही लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और सभी धर्मों और समुदायों के लिए टॉलरेंस का संदेश दिया.
17 साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया के बेटे तारिक रहमान अपने परिवार के साथ लंदन से ढाका लौटे हैं। माना जा रहा है कि वो BNP की तरफ से 12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. ये समय का चक्र ही है कि जब तारिक रहमान 17 साल पहले बांग्लादेश से निर्वासित हुए थे, तब शेख हसीना को प्रधानमंत्री की कुर्सी मिली थी. आज जब शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ चुकी हैं, तब तारिक रहमान प्रधानमंत्री बनने के लिए ढाका वापस लौट आए हैं.
आज अटल जी की 101वीं जयंती के दिन हम सबको बांग्लादेश की राजनीति में आने वाले नए बदलाव पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि 17 साल बाद तारिक रहमान अपने परिवार के साथ लंदन से बांग्लादेश लौट चुके हैं. रहमान खालिदा जिया के बेटे हैं और लंबे समय से राजनीतिक भूइंडोल में रहे हैं. 2008 में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद वह लंदन चले गए थे, लेकिन अब वह प्रधानमंत्री पद के मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं. उनकी वापसी बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आएगी.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल बाद अपने वतन लौट आए. एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उनका भारी स्वागत किया गया.
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में बीते कई दिनों से उथल-पुथल मची है. पहले भारत विरोधी उस्मान हादी की हत्या हुई। फिर बांग्लादेश के मेमनसिंह जिले में एक हिंदू, दीपू चंद्र दास की इस्लामी कट्टरपंथियों ने पहले पीट-पीटकर हत्या की और फिर उसे पेड़ से लटकाकर जला दिया, इन सबके बीच बांग्लादेश में आज बदलाव की एक उम्मीद दिखी है, बीएनपी की मुखिया और बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे ताहिर रहमान 17 साल बाद अपने देश वापस लौटे हैं. रहमान के लौटने पर ढाका की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ा. रहमान ने भी भरोसा दिया कि बांग्लादेश के लिए उनके पास प्लान है.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 17 साल बाद देश लौट आए हैं. वे गिरफ्तारी से बचने के लिए 2008 में लंदन भाग गए थे. तब हसीना सरकार में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे थे.
बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति बेहद कमोजर हो चुकी है. उसमान हादी की हत्या पर मोहम्मद यूनुस खुद जनाजे पर जाते है लेकिन एक हिंदू युवक दीपू दास की मॉब लिंचिंग से मौत हो जाने पर आर्मी चीफ को भेजा जाता है. ऐसे में देखना ये है कि तारिक रहमान की वापसी के बाद बांग्लादेश की परिस्थितियां कितनी बदल पाएंगी.
बांग्लादेश के ढाका शहर में तारिक रहमान का काफिला रोड शो के दौरान जनता का स्वागत कर रहा है. बीएनपी के कार्यकर्ता और उनके नेता जगह-जगह जमघट बनाए हुए हैं. पिछले दिनों की घटनाओं के बाद बांग्लादेश को विकास की राह पर आगे बढ़ना होगा और इस रोड शो का उद्देश्य भी इस दिशा में जनसमूह को संगठित करना है.
तारिक रहमान को कस्टडी में प्रताड़ना मिली और भ्रष्टाचार तथा ग्रेनेड हमलों के मामले झेलने के बाद वे 17 साल बाद अपने घर वापस लौट हैं. अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए वे अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, मॉब लिंचिंग, मीडिया पर हमले जैसे मुद्दे शामिल है.
बांग्लादेश से 17 साल तक बाहर रहने के बाद बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान अपने वतन पहुंच चुके हैं. एक तरफ बांग्लादेश और तारिक रहमान इन दिनों सुर्खियों में हैं, तभी रहमान के परिवार के एक और सदस्य की काफी चर्चा शुरू हो गई है. जानते हैं कौन है ये फैमिली मेंबर.
17 साल के बाद बांग्लादेश के प्रमुख नेता तारिक रहमान की वापसी से ढाका और पूरी बांग्लादेश की राजनीति में नई ऊर्जा आई है. बीएनपी के इस कार्यकारी अध्यक्ष पर लगे करीब अस्सी केस खत्म हो चुके हैं और स्वघोषित निर्वासन से अब वह वापस देश में लौटे हैं और उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे.
बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के छात्र नेता मीर अरशादुला हक ने पार्टी की विफलताओं का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान के प्रति अपना समर्थन भी जताया है. मीर अरशादुला हक ने पार्टी के वादों को पूरा न करने और गलत रास्ते पर चलने का आरोप लगाया है.
तारिक रहमान की 17 साल बाद बांग्लादेश वापसी ने बीएनपी को राजनीतिक मजबूती दी है और विपक्षी खेमे में नेतृत्व की असमंजस को खत्म किया है. उनकी वापसी से जमात-ए-इस्लामी को बड़ा झटका लग सकता है. बीएनपी समर्थकों की रैलियां और शक्ति प्रदर्शन इस बात का संकेत हैं कि पार्टी चुनावी मोड में पूरी ताकत से उतर चुकी है और जमात की मुश्किलें बढ़ने वाली है.
तारिक रहमान की वापसी को बांग्लादेश की राजनीति में एक नया और बड़ा बदलाव माना जा रहा है. ढाका में वापसी के बाद अब वे बीएनपी का नेतृत्व ढाका में सीधे तौर पर संभालेंगे. बांग्लादेश में लंबे समय से अस्थिरता का दौर चल रहा है और उनकी वापसी के बाद चुनाव होने की उम्मीद जगी है, जिसमें निर्वाचित सरकार सत्ता में आ सकती है.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 वर्षों के निर्वासन के बाद देश लौटे हैं. ढाका की सड़कों पर उनके स्वागत के लिए लाखों समर्थक जमा हुए हैं. कार्यकर्ताओं का मानना है कि तारिक की वापसी से पार्टी को नई राजनीतिक ऊर्जा मिलेगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होगी.
बांग्लादेश की सियासत में हलचल है.17 साल बाद बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान अपने परिवार के साथ लंदन से ढाका लौट आए हैं. 2007 में उनके खिलाफ करप्शन केस दर्ज किया गया था जिसके बाद वे इलाज के लिए लंदन चले गए थे. अब उनकी वापसी पर लाखों समर्थक उन्हें सड़कों पर देखने के लिए इकट्ठा हुए हैं.