भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बांग्लादेश यात्रा के दौरान एक महत्वपूर्ण राजनयिक संकेत देखने को मिला है. जयशंकर ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से कोई बैठक नहीं की, जो भारत-बांग्लादेश संबंधों में वर्तमान तनाव की गंभीरता को दर्शाता है.
यह कदम खासतौर पर तब ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है जब नेपाल के विदेश मंत्री बाला नंद शर्मा और पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने यूनुस से स्टेट गेस्ट हाउस जमुना में मुलाकात की.
यह देखा जा रहा है कि जयशंकर की यह रणनीति शेख हसीना के सत्ता छोड़ने और अंतरिम सरकार के गठन के बाद बांग्लादेश में बिगड़ते हालात को लेकर भारत चिंतित है. हाल के दिनों में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा, इस्कॉन मंदिरों में तोड़फोड़ और बढ़ती भारत विरोधी भावना ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया है. ऐसे में जयशंकर की यूनुस से न मिलने की स्थिति एक साफ राजनीतिक संदेश के तौर पर सामने आई है, जो भारत की नाराजगी और गंभीर दृष्टिकोण को उजागर करती है.
वहीं, पाकिस्तान और नेपाल जैसे देशों के प्रतिनिधियों की यूनुस से सहज मुलाकात यह संकेत देती है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अन्य अंतरराष्ट्रीय देशों के साथ अपने राजनयिक संबंध बनाए रखने में सक्रिय है.
यह भी पढ़ें: तारिक रहमान को जयशंकर ने दिया PM मोदी का मैसेज, पढ़ें लेटर में क्या-क्या लिखा
विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रमुख विपक्षी पार्टी जनता दल (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात की. तारिक रहमान, जो बीएनपी के संस्थापक खालिदा जिया के पुत्र हैं, उन्हें बांग्लादेश के अगले संभावित प्रधानमंत्री के रूप में देखा जा रहा है. इस मुलाकात के दौरान जयशंकर ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संवेदना पत्र तारिक रहमान को सौंपा. इसके अलावा, जयशंकर ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष सरदार अयाज सादिक से भी मुलाकात की.