शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) (Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray)) का गठन 2022 में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हुआ था. उसे चुनाव आयोग ने मुख्य शिवसेना से अलग एक नया चुनाव चिन्ह आवंटित किया था. यह दो अलग-अलग गुटों में से एक था, दूसरा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहब की शिव सेना थी, जो 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के परिणामस्वरूप गठित हुई, जब तक कि चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिव सेना की वैध संरचना के रूप में मान्यता नहीं दी. फरवरी 2023 में ईसीआई के फैसले के खिलाफ ठाकरे ने नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
BMC चुनाव से पहले Uddhav Thackeray और Raj Thackeray की एकजुटता के संकेत. MaMu (Marathi-Muslim) factor, seat sharing formula और Mumbai civic poll की पूरी रणनीति.
मुंबई की बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव के लिए 15 जनवरी को वोटिंग है. बीएमसी पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना का 1996 से कब्जा है, लेकिन बदली ही राजनीति में उद्धव के लिए बीएमसी चुनाव किसी सियासी संजीवनी से कम नहीं है. अगरे जीते वापसी की संभावना बनी रहेगी और हारे भंवर में फंस जाएगा सियासी फ्यूचर?
महाराष्ट्र की सियासत काफी उलझी हुई है. फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में भले ही अजित पवार हों, लेकिन बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने एनसीपी से किनारा कर रखा है. ऐसे में अजित पवार की शरद पवार के साथ नजदीकियां बढ़ रही हैं, जिसके चलते उद्धव ठाकरे अलर्ट हो गए हैं और अल्टीमेटम भी दे दिया है.
दिवंगत अभिषेक घोसालकर की पत्नी, पूर्व नगरसेविका तेजस्वी घोसालकर ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. बीएमसी चुनावों से पहले उत्तर मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने निकाय चुनाव को लेकर कहा है कि हम लोकल और सीनियर, हर लेवल पर महायुति के रूप में चुनाव लड़ेंगे. हमने पिछले साढ़े तीन साल में कई विकास कार्य किए हैं. इन्हें जनता देख रही है और हम इस चुनाव में विकास और प्रगति के अपने एजेंडे पर ही उतरेंगे.
महाराष्ट्र के नगर परिषद चुनाव में सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की सियासी केमिस्ट्री बिगड़ गई थी, लेकिन अब फिर से दोनों ने अपने सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक साथ मिलकर नगर निगम और जिला परिषद के चुनाव लड़ने का फैसला किया है. BJP-शिवसेना की दोस्ती मजबूरी है या फिर जरूरी भी है?
भारत सरकार ने सभी नए मोबाइल फोन्स में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल अनिवार्य किया है. विपक्ष ने इसे प्राइवेसी का उल्लंघन बताया, सरकार ने सुरक्षा बताया.
Auramine Dye In Roasted Gram: राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि खाने में कैंसर पैदा करने वाले रंगों का इस्तेमाल पब्लिक सेफ्टी का एक गलत उल्लंघन है. मंत्रालय की यह जिम्मेदारी है कि वह पब्लिक हेल्थ की रक्षा करने और फूड सेफ्टी सिस्टम में कंज्यूमर का भरोसा वापस लाने के लिए तुरंत दखल दे.
रोहिणी आचार्य के परिवार में बढ़ते कलह पर उद्धव गुट के नेता सचिन अहिर ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.उन्होनें कहा कि 'केंद्र सरकार परिवारों में झगड़ा और फूट डाल कर अपनी सत्ता मजबूत करने की रणनीति अपना रही है जो केवल बिहार तक सीमित नहीं है बल्कि महाराष्ट्र, हरियाणा और अन्य राज्यों में भी यह देखा गया है.'
उद्धव गुट के शिवसेना नेता आनंद दुबे ने लालू परिवार में कलह पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होनें कहा कि उनके दोनों बेटे आज राजनीति कर रहे हैं लेकिन वे दोनों अलग-अलग दिशा और मंच पर हैं. हम उम्मीद करते हैं कि लालू यादव के दोनों बेटे इस दूरी को कम करें और एक साथ मिलकर आगे बढ़ें.
लालू यादव के परिवार में कलह के बीच उद्धव गुट शिवसेना नेता आनंद दुबे भी रोहिणी के समर्थन में उतरे है. उन्होनें रोहुणी का समर्थन करते हुए कहा कि रोहिणी ने आचार्य ने लालू जी को अपनी किडनी देकर उन्हें स्वस्थ किया है यदि आज उनके साथ कोई दुर्व्यवहार कर रहा है, खासकर कोई महिला जो उनकी बेटी हो, तो यह स्वीकार्य नहीं है.
शिवसेना नाम और धनुष-बाण चिन्ह पर सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम सुनवाई होगी. उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना मानकर धनुष-बाण चिन्ह देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
Mumbai Drone Controversy: ठाकरे परिवार के आवास ‘मातोश्री’ के ऊपर ड्रोन उड़ने से सियासी बवाल मच गया. आदित्य ठाकरे ने सरकार पर जासूसी का आरोप लगाया, जबकि MMRDA ने कहा—ड्रोन POD Taxi Project Survey के लिए था. जानें पूरा मामला.
महाराष्ट्र की सियासत में ठाकरे बंधुओं, उद्धव और राज ठाकरे की बढ़ती नज़दीकियों ने महाविकास अघाड़ी (MVA) में खलबली मचा दी है. एक तरफ कांग्रेस नेता भाई जगताप 'एकला चलो' की बात कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ अबू आज़मी ने भी राज ठाकरे की मौजूदगी वाले किसी भी गठबंधन से दूरी बनाने का ऐलान कर दिया है.
बीजेपी विधायक राम कदम ने बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के मिलन पर तीखा हमला बोला है. राम कदम ने कहा कि, 'दोनों भाई अपना जनाधार खो चूके हैं.' उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने ही राज ठाकरे को शिवसेना छोड़ने पर मजबूर किया और उनके बेटे अमित ठाकरे की चुनावी हार की रणनीति भी बनाई थी.
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने स्थानीय निकाय चुनावों पर बोलते हुए साफ कहा है कि न राज ठाकरे, और न ही हम उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे. इसके बजाय, कांग्रेस स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी.
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने महाराष्ट्र में विपक्षी दलों और चुनाव आयोग की बैठक पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, खासकर राज ठाकरे की MNS की महाविकास अघाड़ी में संभावित एंट्री को लेकर. निरुपम ने कांग्रेस से सवाल किया कि 'उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसा करने वाली MNS से हाथ मिलाने के बाद वह किस मुंह से बिहार में वोट मांगेगी.'
महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव से पहले सियासत गरमा गई है. उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने एकजुट होकर राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मतदाता सूची में गंभीर गड़बड़ियों का आरोप लगाया है. शिवसेना UBT नेता आदिस्य ठाकरे ने कहा, 'अगर फ्री एंड फेर इलेक्शन नहीं चाहिए तो ये सेलेक्शन बता दे. इसका नाम ही बदल दे.'
महाराष्ट्र में बीएमसी और निकाय चुनावों से पहले सियासी पारा चढ़ गया है. उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और शरद पवार समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकलिंगम से मुलाकात कर चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं. वोट चोरी के मुद्दें पर बोलते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि 'क्या वापिस चोरी और डकैती करेंगे.'
महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के प्रमुख नेता जैसे शरद पवार, उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और कांग्रेस के नेता चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे और निर्वाचन अधिकारी चोकलिंगम को ज्ञापन सौंपा. इस प्रतिनिधिमंडल ने मतदाता सूची में भारी गड़बड़ियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए. देखें शिवसेना UBT सांसद अनिल देसाई की आजतक से बातचीत.
महाराष्ट्र की सियासत में बीएमसी चुनाव से पहले बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. ठाकरे भाई राज और उद्धव पिछले तीन महीनों में छह बार मुलाकात कर चुके हैं. जिसका मकसद बीएमसी समेत महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में साथ मिलकर बीजेपी के विजय रथ को रोकना है. एमएनएस का मुंबई के मराठी बहुल इलाकों की करीब 30 प्रतिशत सीटों पर प्रभाव है.