पी विजयन (P Vijayan) 25 मई 2016 से केरल के मुख्यमंत्री हैं. वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं. विजयन सीपीआई (एम) की केरल राज्य समिति (1998-2015) के सबसे लंबे समय तक सेवारत सचिव हैं. उन्होंने 1996 से 1998 तक केरल सरकार में विद्युत ऊर्जा और सहकारिता मंत्री के रूप में भी कार्य किया.
विजयन ने मई 2016 के केरल विधानसभा चुनाव में धर्मदोम निर्वाचन क्षेत्र के लिए सीपीआई (एम) के उम्मीदवार के रूप में एक सीट जीती थी. वह वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के नेता रहे और केरल के 12वें मुख्यमंत्री बने. वह केरल के पहले मुख्यमंत्री हैं जो पूर्ण कार्यकाल (पांच वर्ष) पूरा करने के बाद फिर से चुने गए. 2022 में, वह सी. अच्युता मेनन को पीछे छोड़ते हुए केरल के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बन गए.
केरल सीएम ने जमात-ए-इस्लामी और हिंदुत्व संगठनों की विचारधारा को एक जैसा बताया. उन्होंने कहा कि अधिकांश मुस्लिम समाज जमात-ए-इस्लामी की विचारधारा नहीं मानती है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस वोटों के लिए अपवित्र गठजोड़ कर रही है, जिसका समर्थन ख़ुद यूडीएफ नहीं करेगी.
केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने मसाला बॉन्ड मामले में ईडी के नोटिस पर सवाल उड़ाए हैं. उन्होंने कहा कि मसाला बॉन्ड RBI की मंजूरी के बाद जारी किए गए थे और ED की कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है. जबकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इसे राजनीतिक द्वेष बताया है.
केरल में अगले साल होने वाले 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले शहरी निकाय चुनाव हो रहे हैं, जिसे 2026 का सेमीफाइनल माना जा रहा है. लेफ्ट के सामने अपने दुर्ग को बचाए रखने की चुनौती है तो कांग्रेस अपनी वापसी के बेताब है और बीजेपी अपनी जड़े जमाने की जद्दोजहद में जुटी है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के दौरान छात्रों से RSS का गीत गवाने पर दक्षिण रेलवे की आलोचना की. उन्होंने इसे संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन और धर्मनिरपेक्षता पर हमला बताया.
केरल सरकार ने वर्वदलीय बैठक में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को कानूनी रूप से चुनौती देने का फैसला लिया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि 2002 की सूची पर आधारित SIR अवैज्ञानिक और दुष्प्रयोजन से प्रेरित है. विपक्ष ने भी सरकार का समर्थन किया है और यदि मामला अदालत में जाएगा तो वे पक्ष बनेंगे.
चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने केरल में चरम गरीबी खत्म करने की ऐतिहासिक उपलब्धि पर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को बधाई दी और इसे मानवता का साझा मिशन बताया. सीएम विजयन ने राजदूत की शुभकामनाओं के लिए आभार जताते हुए कहा कि यह उपलब्धि सामाजिक न्याय और मानव गरिमा के प्रति केरल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केरल विधानसभा में घोषणा की कि राज्य अब चरम गरीबी से मुक्त हो गया है. यह उपलब्धि 1000 करोड़ रुपये की योजनाओं और माइक्रो प्लानिंग से हासिल हुई. विपक्ष ने इसे “धोखा” बताया और सत्र का बहिष्कार किया.
स्थानीय निकाय चुनावों से पहले केरल की पिनाराई विजयन सरकार ने जनता के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1,600 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये कर दी है और आशा वर्कर्स के मानदेय में 1,000 रुपये की बढ़ोतरी की है. साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए नई महिला सुरक्षा पेंशन योजना भी शुरू की जाएगी.
केंद्र सरकार ने केरल के मुख्यमंत्री की खाड़ी देशों की प्रस्तावित यात्रा को मंजूरी नहीं दी है. विदेश मंत्रालय ने बिना कारण बताए यह निर्णय राज्य सरकार को भेजा. मुख्यमंत्री की यह यात्रा बहरीन से शुरू होकर सऊदी अरब, ओमान, कतर, कुवैत और अबू धाबी तक जारी रहने वाली थी, जिसमें कई सार्वजनिक कार्यक्रम तय थे.
केरल विधानसभा ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यह प्रस्ताव पेश किया जिसमें मतदाता सूची से बिना ठोस कारण नाम हटाने और नागरिकता दस्तावेजों की मांग को संविधान के खिलाफ बताया गया.
वैश्विक अयप्पा संगमम में दुनिया भर के अयप्पा भक्तों का जमावड़ा लगने वाला है. इस कार्यक्रम के लिए तमिलनाडु सीएम स्टालिन को चीफ गेस्ट बनाकर कर केरल सीएम विजयन ने सियासी चाल चल दी है. इसके बाद बीजेपी सीएम स्टालिन को वो बयान याद दिला रही है जब उनके मंत्रियों ने हिन्दू मान्यताओं पर टिप्पणी की थी.
SNDP नेता नटेशन के लगातार मुस्लिम विरोधी दो बयानों पर सीएम विजयन की खामोशी कहती है कि इस बार केरल की राजनीति वैसी नहीं है जैसे अब तक हुआ करती थी. नटेशन की मुस्लिम बहुल केरल को लेकर चिंता इस बार बहुत बड़ा मुद्दा बनने वाला है.
केरल में अगले साल मई में चुनाव होने हैं और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ, पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार को लगातार तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने की पूरी कोशिश करेगी.
आरएसएस के दत्तात्रेय होसबोले के बयान पर संविधान की प्रस्तावना से 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द हटाने की मांग पर बहस छिड़ गई है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि 'सेक्युलरिज़्म और सोशलिज अतिरिक्त नहीं है, ये भारत को परिभाषित करती है।'
शशि थरूर ने तुर्किए को 2023 में केरल सरकार की तरफ से दी गई आर्थिक मदद के लिए केरल की लेफ्ट सरकार को टार्गेट किया है. और एक ही झटके में राष्ट्रवाद से लेकर केरल खासकर वायनाड की घरेली राजनीति तक, तार ऐसे जोड़े हैं कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों खुश हो जाएं.
केरल सरकार के विवादित यूनिवर्सिटी बिल ने अभिव्यक्ति की आजादी और शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता पर गंभीर बहस छेड़ दी है. और विडंबना ये है कि जो कथित बुद्धिजीवी प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद केस में फ्री-स्पीच का समर्थन करते हैं, वे केरल की लेफ्ट सरकार की सेंसरशिप पर चुप्पी साधे हुए हैं.
यूक्रेन से लेकर पहलगाम तक शशि थरूर के बयान और बीजेपी नेताओं के साथ सामने आ रहीं उनकी तस्वीरें पहले से ही कांग्रेस नेतृत्व के लिए मुसीबत बनी हुई हैं. पहलगाम हमला और जाति जनगणना पर बीजेपी के दांव में उलझी कांग्रेस के लिए शशि थरूर का ताजा एक्ट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान नई चुनौती है.
इससे पहले पीएम मोदी के केरल पहुंचने पर एयरपोर्ट पर शशि थरूर ने पीएम मोदी का स्वागत किया था. इस मौके पर थरूर ने ट्वीट कर भी कहा था कि दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट में देरी के बावजूद समय पर तिरुवनंतपुरम पहुंच गया ताकि अपने निर्वाचन क्षेत्र में पीएम मोदी का स्वागत कर सकूं.
परिसीमन के खिलाफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन विपक्षी नेताओं के साथ केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरने में जुटे हैं, लेकिन ममता बनर्जी साथ नहीं दे रही हैं - कहीं इसलिए तो नहीं, क्योंकि वो कांग्रेस नेतृत्व के करीब और कट्टर समर्थक हैं. या इसलिए कि ममता की राजनीतिक हैसियत डीएमके के स्टालिन से कहीं बड़ी है. ऐसे में वे इस मुद्दे पर स्टालिन का नेतृत्व क्यों बर्दाश्त करतीं?
Delimitation meeting: परिसीमन की इस मीटिंग के बहाने स्टालिन गैर बीजेपी शासित राज्यों की गोलबंदी कर रहे हैं और परिसीमन से होने वाले कथित नुकसान की ओर जनता का ध्यान खींचना चाह रहे हैं. गौरतलब है कि स्टालिन ने इस मुद्दे को इस समय उठाया है जब तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं.
केरल के कन्नूर की एक अदालत ने एक भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नौ कार्यकर्ताओं को दोषी पाया. हत्या का यह मामला अगस्त 2005 का है जब 32 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता एलाम्बिलयी सूरज की मुझाप्पिलंगड़ में सीपीआईएम कार्यकर्ताओं ने हत्या कर दी थी .