केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कांग्रेस पर राज्य में BJP के विस्तार में मदद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने त्रिशूर जिले की मट्टाथुर पंचायत में हुए हालिया राजनीतिक घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस लगातार BJP में ‘एक छलांग’ लगाने का मौका तलाशती रहती है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को कांग्रेस पर राज्य में भारतीय जनता पार्टी के उभार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने त्रिशूर जिले की मट्टाथुर पंचायत में हुए घटनाक्रम को इसका ताजा उदाहरण बताया.
मट्टाथुर पंचायत में कांग्रेस के आठ पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और BJP के साथ मिलकर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया. इस घटनाक्रम के चलते लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) स्थानीय निकाय पर अपना नियंत्रण बरकरार नहीं रख सका.
पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ LDF सबसे बड़ा गठबंधन बनकर उभरा था, जिसे 10 सीटें मिली थीं. कांग्रेस को 8 और BJP को 4 सीटें मिली थीं. इसके अलावा कांग्रेस के बागी नेता के.आर. ओसेफ समेत दो अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी चुने गए थे.
शनिवार को जब पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ, तो ओसेफ ने LDF का समर्थन करने का फैसला किया. इसके बाद कांग्रेस के आठों पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और BJP के साथ मिलकर निर्दलीय उम्मीदवार टेसी जोस को अध्यक्ष पद के लिए समर्थन दिया.
कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके पार्षदों और BJP के इस गठजोड़ ने पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया. हालांकि बाद में इन पार्षदों ने दावा किया कि उन्होंने BJP की सदस्यता नहीं ली है. इस बीच, कांग्रेस की त्रिशूर जिला इकाई ने ओसेफ समेत सभी संबंधित पार्षदों को पार्टी से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी बन गई है जो BJP में कूदने के मौके की ताक में रहती है और मट्टाथुर में वही देखा गया. उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव जीतने वाले सभी कांग्रेस सदस्य BJP के पाले में चले गए, जिससे BJP को सत्ता हासिल करने का मौका मिला.
विजयन ने कहा, “वहां UDF में सिर्फ आठ कांग्रेस सदस्य बचे थे. BJP ने एक भी नहीं छोड़ा. केरल के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया.”
CM ने क्या उदाहरण दिया...
उन्होंने अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि 2016 में अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के 44 में से 43 विधायक, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल थे, रातोंरात NDA में चले गए थे. इसी तरह 2021 में पुडुचेरी में BJP बिना किसी विधायक के सत्ता में आई और 2019 में गोवा में कांग्रेस की पूरी विधायक दल BJP में विलय हो गया.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मट्टाथुर में कांग्रेस नेताओं ने जानबूझकर LDF के अध्यक्ष बनने से रोकने के लिए BJP के साथ हाथ मिलाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में बचे लोग भी जरूरत पड़ने पर रातोंरात BJP में जाने से नहीं हिचकते और ‘हाथ’ का चुनाव चिन्ह बदलकर ‘कमल’ अपनाने में उन्हें कोई नैतिक दुविधा नहीं होती.
विजयन ने दावा किया कि राज्य के कई हिस्सों में BJP और कांग्रेस के बीच इस तरह के तालमेल के संकेत स्थानीय निकाय चुनाव नतीजों में दिखे हैं. उन्होंने कहा, “मट्टाथुर मॉडल उसी रणनीति का नया अध्याय है.”
कांग्रेस पर लगाए आरोप
विजयन ने X पर पोस्ट में कहा कि मट्टाथुर पंचायत में जो हुआ, वह एक खतरनाक प्रवृत्ति को दिखाता है, जहां कांग्रेस सदस्य सत्ता हासिल करने के लिए BJP के साथ मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दलबदल की राजनीति संघ परिवार के एजेंडे को मजबूत करती है और केरल में BJP की महत्वाकांक्षाओं को हवा देती है.
वहीं, केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि मट्टाथुर पंचायत में कांग्रेस सदस्यों ने BJP जॉइन नहीं की है और CPI(M) इस मुद्दे को इसलिए उठा रही है क्योंकि उसके पास कोई और मुद्दा नहीं है.
सतीशन ने कहा कि मट्टाथुर में CPI(M) एक निर्दलीय पार्षद को पंचायत अध्यक्ष बनाना चाहती थी, जबकि कांग्रेस पार्षदों ने दूसरे निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि पार्टी निर्णय के खिलाफ जाने पर पार्षदों को निलंबित किया गया है, लेकिन उन्होंने BJP का दामन नहीं थामा है.
सतीशन ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर भी पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वह खुद BJP के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी जहां कहेंगे, वह वहां दस्तखत कर देंगे. ऐसे व्यक्ति को हमें ताने मारने का कोई हक नहीं है.”