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'...ये तो यहूदियों को सम्मानित करने के लिए हिटलर को बुलाने जैसा', हिन्दुओं के प्रोग्राम में स्टालिन बने चीफ गेस्ट तो भड़की BJP

वैश्विक अयप्पा संगमम में दुनिया भर के अयप्पा भक्तों का जमावड़ा लगने वाला है. इस कार्यक्रम के लिए तमिलनाडु सीएम स्टालिन को चीफ गेस्ट बनाकर कर केरल सीएम विजयन ने सियासी चाल चल दी है. इसके बाद बीजेपी सीएम स्टालिन को वो बयान याद दिला रही है जब उनके मंत्रियों ने हिन्दू मान्यताओं पर टिप्पणी की थी.

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BJP ने तमिलनाडु सरकार के मंत्रियों के पुराने बयान को मुद्दा बनाया है. (Photo: ITG)
BJP ने तमिलनाडु सरकार के मंत्रियों के पुराने बयान को मुद्दा बनाया है. (Photo: ITG)

दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहार वैश्विक अयप्पा संगमम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित करने के लिए केरल सरकार के फैसले का बीजेपी ने सख्ती से विरोध किया है. बीजेपी ने कहा कि केरल सरकार का यह कदम वैसा ही है जैसे "यहूदियों को सम्मानित करने के लिए हिटलर" को बुलाया जाए.

वैश्विक अयप्पा संगमम का आयोजन पूरे रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार किया जा रहा है, जिसमें कर्नाटक और तेलंगाना के मंत्री, केरल के मंत्री, विपक्षी नेता और अन्य सभी लोग शामिल होंगे. इस महोत्सव को त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड और केरल सरकार मिलकर आयोजित कर रहे हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इस समागम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे और केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन इसका उद्घाटन करेंगे. 

भारतीय जनता पार्टी ने इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के सीएम स्टालिन को बतौर चीफ गेस्ट बुलाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है.बीजेपी नेताओं ने राज्य की लेफ्ट सरकार पर स्टालिन को निमंत्रण देकर “पाखंड” और “हिंदू आस्था का अपमान” करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि जब डीएमके में उनके पार्टी के नेताओं ने हिंदू धर्म के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी तब स्टालिन चुप रहे थे. 

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गौरतलब है कि सीएम स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म को लेकर विवादित कमेंट किया था और सनातन धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से की थी.

कड़वी बात है, पर सच है- BJP

केरल बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने चेतावनी दी कि अगर स्टालिन और केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन हिंदुओं और अयप्पा भक्तों से माफी नहीं मांगते हैं, तो पार्टी उनकी भागीदारी का “विरोध” करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि विजयन ने पहले भी "सबरीमाला में भक्तों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और मामले दर्ज करने का आदेश दिया था."

राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा, "कांग्रेस, सीपीएम और द्रमुक जैसी भारतीय गठबंधन पार्टियों का सबरीमाला कार्यक्रम में जाना उतना ही अवास्तविक है जितना कि हिटलर का यहूदियों का सम्मान करना, राहुल गांधी का सच बोलना, ओसामा बिन लादेन का शांतिदूत बनना, हमास/जमात-ए-इस्लामी का अन्य धर्मों के लोगों का सम्मान करना और कांग्रेस/INDIA गठबंधन का वंशवाद और भ्रष्टाचार का त्याग करना."

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कड़वी बात है, पर सच है. राहुल गांधी के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन की कोई भी बात- न झूठ, न पाखंड- मुझे अब हैरान या स्तब्ध नहीं करती."
 
सीनियर बीजेपी नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने इस कदम को "सबसे बड़ा पाखंड" बताया और कहा कि स्टालिन ने तमिलनाडु में हिंदू संगठनों के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन केरल में सम्मेलन में भाग लेने के लिए सहमत हो गए.

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केरल सरकार न्यौता देने के पक्ष में

वहीं केरल सरकार ने स्टालिन को इस धार्मिक समागम का चीफ गेस्ट बनाए जाने के फैसले का बचाव किया है. केरल देवस्वोम विभाग के मंत्री वीएन वासवन ने कहा कि राज्य सरकार और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा वैश्विक अयप्पा संगमम दुनिया भर के अय्यप्पा भक्तों का पहला ऐसा समागम है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य सबरीमाला को एक वैश्विक तीर्थस्थल का दर्जा दिलाना है, जिसमें कर्नाटक और तेलंगाना के मंत्री, केरल के बड़े मंत्री, विपक्षी नेता और हजारों भक्त भी शामिल होंगे. 

उन्होंने कहा, "यह दुनिया भर के अयप्पाओं को सुनने का एक अवसर है." उन्होंने आगे कहा कि श्रद्धालुओं के लिए आवास, चिकित्सा सेवा और विशेष परिवहन जैसी सुविधाओं का प्रबंध किया जाएगा. सरकार सबरीमाला के विकास के लिए 1,300 करोड़ रुपये का मास्टर प्लान भी लागू कर रही है, जिसमें प्रस्तावित हवाई अड्डा और रेलवे लाइन भी शामिल है, जिसके 2028 तक चालू होने की उम्मीद है. 

बता दें कि दक्षिण भारत के हिन्दुओं का प्रमुख केंद्र भगवान अयप्पा से जुड़ा यह सम्मेलन रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार आयोजित किया जाएगा और इसमें 3,000 प्रतिनिधि शामिल होंगे. 

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