केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जमात-ए-इस्लामी और हिंदुत्व संगठनों की सोच एक जैसी है. दोनों ही धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं और सत्ता पर धर्म का नियंत्रण चाहते हैं.
विजयन ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने वोटों के लिए जमात-ए-इस्लामी से हाथ मिलाकर “राजनीतिक आत्महत्या” की है.
एर्नाकुलम प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा, केरल के ज़्यादातर मुसलमान - सुन्नी, मुजाहिद और दूसरी कम्युनिटी जमात-ए-इस्लामी को नहीं मानते हैं. फिर भी यह संगठन राज्य के मुद्दों में लगातार दखल देता है.
उन्होंने कांग्रेस और यूडीएफ पर आरोप लगाया कि वे जमात-ए-इस्लामी और बीजेपी दोनों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे केरल की शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल पर खतरा है.
पिनराई ने 2011 में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के लॉन्च का उदाहरण दिया, जहां बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता की उपस्थिति का जिक्र किया. उन्होंने कश्मीर चुनाव में CPI(M) नेता तारिगामी को हराने के लिए कथित बीजेपी-जमात सहयोग के आरोप भी दोहराए.
सीएम विजयन ने कहा कि हिंदुत्व और राजनीतिक इस्लाम दोनों ही “धर्म-आधारित राष्ट्रवाद” फैलाते हैं - उनकी सोच मुसोलिनी और हिटलर जैसी है. उन्होंने दावा किया कि जमात-ए-इस्लामी ने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुस्लिम समाज में फूट डाली. इतना ही नहीं, 2011 में जब जमात-ए-इस्लामी ने वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया शुरू की थी, तब बीजेपी नेता जेके जैन प्रोग्राम में मौजूद थे.
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विजयन ने कहा कि LDF और लेफ्ट पार्टी नेपालता और फेडरल पॉलिसी की रक्षा के लिए पूरी तरह एकजुट हैं. उन्होंने केरल की उपलब्धियां भी हासिल कीं - “बेहद गरीबी से मुक्त राज्य” का दर्जा, कोच्चि मेट्रो, वॉटर मेट्रो, “समृद्धि” योजना और आम लोगों को सीधे फायदा देने वाले कई प्रोजेक्ट्स.
CM ने सीधा मैसेज दिया कि धर्म और पॉलिटिक्स के खतरनाक मेल से सावधान रहिए, वरना केरल की सामाजिक एकता दांव पर लग सकती है.
इनपुट: पीटीआई