मऊ
मऊ (Mau) भारत के राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का एक जिला और शहर है. इस जिले का मुख्यालय भी यहीं है. मऊ जिला आजमगढ मंडल में आता है. इस जिले का क्षेत्रफल 1,713 वर्ग किलोमीटर है (Mau Geographical Area).
मऊ जिले में एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Lok Sabha constituency) और पांच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं (Assembly Constituency).
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक मऊ की जनसंख्या (Population) लगभग 22 लाख है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 1,288 लोग रहते हैं (Mau Density). यहां का लिंग अनुपात (Mau Sex Ratio) 979 है. मऊ की 73.09 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 82.45 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 63.63 फीसदी है (Literacy)
यह जिला तमसा नदी (Tamsa River) जिसे टोंस नदी भी कहते हैं, के किनारे बसा हुआ है. यह नदी मऊ के उत्तर से निकलती है.
मऊ का इतिहास काफी पुराना है. माना जाता है कि महाराज दशरथ के शासनकाल में इस जगह पर ऋषि मुनियों की तपोभूमि हुआ करती थी. कवि महर्षि वाल्मिकी का आश्रम तमसा तट पर हुआ करता था. इतिहासकारों की मानें तो भगवाम राम ने अपने वनवास के समय पहली रात तमसा नदी के तट पर बिताई थी. मऊ का इतिहास लगभग 1500 वर्ष पुराना है (Mau History).
मऊ जिला जेल में गैंगस्टर केस में बंद कैदी अजीत रावत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. कैदी ने अस्पताल के पीछे पानी की पाइप में गमछा बांधकर जान दी. सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची और जांच शुरू की. शव को पैनल पोस्टमार्टम और वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ भेजा गया.
मऊ में एक युवक विशाल सिंह ने आरोप लगाया कि सुनैना परवीन ने प्रेम जाल में फंसाकर उसे अकबरपुर, गुजरात, दिल्ली और असम ले जाकर जबरन खतना और धर्म परिवर्तन कराया. बाद में मस्जिद में नमाज पढ़वाकर निकाह भी कराया गया. घर लौटने पर परिजनों ने अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने सुनैना और उसके पिता को गिरफ्तार कर जेल भेजा.
मऊ सदर सीट से विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता हेट स्पीच के एक मामले में रद्द की गई थी. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव कराये जाने की तैयारी थी. लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब्बास की सदस्यता बहाल होने से उपचुनाव टल गया है.
विधानसभा सचिवालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस वक्त स्थिति बिल्कुल स्पष्ट नहीं है. उनका कहना है कि भले ही अब्बास अंसारी की तरफ से कोई अर्जी आ जाए, लेकिन सीट को खाली घोषित किए जाने के बाद अब यह मामला न तो विधानसभा अध्यक्ष और न ही सचिवालय के दायरे में बचा है. बहाली तभी संभव होगी जब अदालत से इस पर साफ-साफ आदेश आएगा.
मऊ जिले में अवैध धर्म परिवर्तन की कोशिश के आरोप में दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें पैसों का लालच देकर धर्म बदलने का दबाव बनाया जा रहा था. पुलिस ने मौके से धार्मिक पुस्तकें और प्रतीक बरामद किए हैं. एसपी ने साफ कहा है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होगी.
मऊ जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 42 शिक्षकों की कथित फर्जी नियुक्तियों के मामले में 86 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश की मऊ सीट उन चुनिंदा विधानसभा सीटों में से एक है, जहां पर बीजेपी आजतक कमल नहीं खिला सकी. मुख्तार अंसारी के मऊ में बीजेपी कई सियासी दांव आजमा चुकी है, लेकिन जीत नहीं मिली. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उपचुनाव में मुख्तार के गढ़ को बीजेपी भेद पाएगी?
मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी अपने भाई अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता जाने के बाद मऊ सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन रविवार देर रात यूपी पुलिस ने उन्हें फर्जी हस्ताक्षर मामले में गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद मऊ सीट से मुख्तार परिवार के सियासी वर्चस्व को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है.
मऊ में एक नाबालिग छात्र का बाइक पर खतरनाक स्टंट करते हुए वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह ईयरफोन लगाकर, मोबाइल चलाते हुए बारिश में स्टेट हाईवे पर बाइक पर खड़ा दिखा. पुलिस ने गाड़ी जब्त कर लड़के को परिजनों के हवाले किया और हिदायत दी.
उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में आज सोशल मीडिया पर बाइक पर खड़े होकर बारिश में खतरनाक स्टंट बाजी करते हुए एक युवक का वीडियो बहुत तेजी के साथ वायरल हो रहा है. इस वीडियो में युवक बाइक पर खड़ा है और उसके दोनों कानों में ईयरफोन लगे हैं.
एमपी/एमएलए अदालत ने घोसी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक सुधाकर सिंह को भगोड़ा घोषित किया है. जिस आपराधिक मामले में उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है, वो करीब चार दशक पुराना है.
ओमप्रकाश राजभर मऊ सदर विधानसभा सीट की जिद पर अड़ गए हैं, तो उसके पीछे एक वजह टिकट का आश्वासन भी बताया जा रहा है. मु्ख्तार अंसारी के परिवार की पारंपरिक सीट मऊ सदर विधानसभा से एनडीए उम्मीदवार के तौर पर माफिया बृजेश सिंह के नाम की चर्चा है.
Abbas Ansari Hate Speech Case: हेट स्पीच के मामले में हुई सजा के खिलाफ अब्बास अंसारी द्वारा दाखिल अपील पर 5 जुलाई को जज अपना फैसला सुनाएंगे. और साथ ही उसी दिन यह तय होगा कि अब्बास की विधायकी बचेगी या फिर उन्हें ऊपरी अदालत की शरण में जाना पड़ेगा.
STF लखनऊ और मऊ पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में 3.12 करोड़ रुपये मूल्य का 12.70 क्विंटल गांजा बरामद किया है. आरोपी जनार्दन पांडेय ने डीसीएम गाड़ी पर ‘ऑन ड्यूटी आर्मी’ का स्टीकर लगाकर असम से गांजा लखनऊ ला रहा था. घरेलू सामान के बीच छिपाकर तस्करी की जा रही थी. गिरोह के अन्य तीन सदस्यों की तलाश जारी है.
सर्किल ऑफिसर (शहर) अंजनी कुमार पांडे ने बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद ऐसा लग रहा है कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है. लेकिन पुलिस हर एंगल से मामले की छानबीन कर रही है.
2022 के विधानसभा चुनाव में एक जनसभा के दौरान मंच से अब्बास अंसारी के द्वारा अधिकारियों को लेकर धमकी भरा बयान दिया गया था. जिसको लेकर मऊ कोतवाली में अंसारी के खिलाफ तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद के द्वारा हेट स्पीच का मुकदमा दर्ज करवाया गया था. इस पूरे मुकदमे में सारे तथ्य और गवाह पुलिस के द्वारा अदालत को मुहैया कराए गए और प्रभावी पैरवी की गई.
यूपी के मऊ एसपी ने विधायक रहे अब्बास अंसारी को सजा दिलाने वाले पुलिसकर्मियों, पैरोकारों और अभियोजन के सरकारी वकील को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. पुलिस द्वारा अच्छी पैरवी के कारण अंसारी को सजा मिलने पर एसपी ने इन सभी को सम्मानित किया है. दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा मंच से अब्बास अंसारी के द्वारा अफसरों को लेकर धमकी भरा बयान दिया गया था, जिसपर मऊ कोतवाली में अंसारी के खिलाफ तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद के द्वारा हेट स्पीच का मुकदमा दर्ज करवाया गया था.
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी जाने के बाद अब चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि अंसारी परिवार से इस सीट पर कौन उतरेगा? उपचुनाव में इस सीट पर अंसारी परिवार के सियासी दबदबे का भी टेस्ट होगा.
राजभर ने कहा कि अब्बास अंसारी हमारी पार्टी से मऊ सदर सीट से विधायक थे और ये सीट हमारे कोटे की है. अगर इस सीट पर उपचुनाव होगा तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ही चुनाव लड़ेगी. हालांकि, अंसारी परिवार के किसी सदस्य को टिकट नहीं देंगे. पार्टी के कार्यकर्ता को टिकट मिलेगा.
उत्तर प्रदेश के मऊ में साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण के मामले में सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए दो वर्ष की सजा और तीन हजार का जुर्माना लगाया है. इसी के साथ अब्बास अंसारी की विधायकी भी रद्द हो गई है.
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से विधायक और मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच के मामले में दोषी करार दिया गया है. इसी के साथ मऊ की सीजेएम कोर्ट ने 2 साल की सजा और 3 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. ये मामला 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण से जुड़ा है.