जेफरी एपस्टीन (Jeffrey Epstein) एक फाइनेंसर और निवेश सलाहकार था. वो एक ऐसा व्यक्ति था, जो एक समय में वॉल स्ट्रीट का सफल फाइनेंसर था, लेकिन बाद में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में गिरफ्तार हुआ. उसकी मौत ने जितने सवाल खड़े किए, उतने शायद उसके अपराधों ने भी नहीं किए.
जेफरी एपस्टीन का जन्म 20 जनवरी 1953 को ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क में हुआ था. उसने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से पढ़ाई बीच में छोड़ दी.
एपस्टीन ने अपने करियर की शुरुआत एक स्कूल में शिक्षक के रूप में की थी, लेकिन जल्द ही फाइनेंस की दुनिया में कदम रखा और अरबों डॉलर की संपत्ति बना ली. उसने एलिट क्लाइंट्स, जैसे उद्योगपति, राजनेता और शाही परिवारों के साथ नेटवर्क बनाया.
एपस्टीन का नाम कई प्रभावशाली लोगों से जुड़ा था जिनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बिल क्लिंटन, ब्रिटिश राजपरिवार के प्रिंस एंड्रयू शामिल हैं. साथ ही बड़े बिजनेसमैन, वैज्ञानिक, और नामी हस्तियां भी उसके साथ थे.
एपस्टीन की पार्टीज और प्राइवेट जेट की यात्राएं अक्सर "लोलीटा एक्सप्रेस" के नाम से चर्चित थीं, जिनमें कथित तौर पर नाबालिग लड़कियां शामिल होती थीं.
2008 में, एपस्टीन को फ्लोरिडा में एक नाबालिग से यौन संबंध के आरोप में सजा मिली. लेकिन उसे "प्ली डील" के तहत बेहद हल्की सजा दी गई, केवल 13 महीने की जेल, वो भी दिन के समय बाहर जाने की छूट के साथ. 2019 में, उसे फिर से गिरफ्तार किया गया, इस बार मानव तस्करी और कई नाबालिगों के यौन शोषण के आरोप लगा था.
उसके न्यूयॉर्क स्थित घर से हजारों नग्न तस्वीरें, वीडियो और दस्तावेज मिले. कहा जाता है कि वो अपने वीआईपी गेस्ट्स को फंसाने के लिए ब्लैकमेलिंग सामग्री इकट्ठा करता था.
10 अगस्त 2019 को एपस्टीन की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. सरकारी रिपोर्टों में इसे "आत्महत्या" बताया गया. खबरों की मानें तो उस रात जेल के कैमरे बंद थे. वहीं जेल कर्मचारी सो रहे थे या फॉर्मलिटी नहीं निभा रहे थे. इतना ही नहीं एपस्टीन को "सुसाइड वॉच" से हटाया गया था.
इससे यह शक और गहराया कि क्या उसे "साइलेंस" किया गया? क्या कोई बड़ा नाम सामने आने से पहले उसे मार दिया गया?
एपस्टीन की करीबी महिला सहयोगी घिसलीन मैक्सवेल को भी 2021 में दोषी पाया गया और 20 साल की सजा मिली. एफबीआई की जांच अभी जारी है. कई पीड़ित सामने आ रहे हैं.
अमेरिकी सियासत में भूचाल लाने वाले बिल पर आखिरकार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुहर लगा दी है. अब यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन की फाइलें दुनिया के सामने खुलेंगी. माना जा रहा है कि उन फाइलों से कई चौंकाने वाले सच के बीच कई दिग्गजों के नाम भी सामने आ सकते हैं. देखें दुनिया आजतक.
बिल के पारित होने में डेमोक्रेट्स की अहम भूमिका के बावजूद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इसे अपनी पहल बताया और एपस्टीन के डेमोक्रेट नेताओं से पुराने संबंधों को जोर देकर उठाया. उन्होंने डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे का इस्तेमाल उनके प्रशासन की उपलब्धियों से ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं.
अमेरिकी कांग्रेस ने भारी बहुमत से वोट देकर दिवंगत यौन अपराधी जेफरी एप्स्टीन से जुड़े जस्टिस डिपार्टमेंट के सभी अनक्लासिफाइड रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का आदेश दिया है. महीनों की आपत्ति के बाद डोनाल्ड ट्रंप भी अब इस बिल पर हस्ताक्षर करने को तैयार हैं. एप्स्टीन के पीड़ितों ने रिकॉर्ड सार्वजनिक करने की मांग की थी.
जेफ्री एपस्टीन केस की फाइलें जारी करने पर महीनों तक विरोध करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक बड़ा यू-टर्न ले लिया है. रिपब्लिकन पार्टी के भीतर बढ़ते दबाव और विधेयक के पास होने की स्थिति को देखते हुए ट्रंप ने कहा कि "छिपाने जैसा कुछ नहीं है."
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार एपस्टीन के काले-कारनामों में किसी भी तरह का हाथ होने से इनकार करते आए हैं. जुलाई में यूएस अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने ट्रंप को बताया था कि एपस्टीन फाइलों में ट्रंप का नाम है.
वर्जीनिया गिफ्रे के हवाले से 'नोबडीज गर्ल' में रोंगटे खड़े कर देने वाले विवरण दर्ज है. इस किताब में एपस्टीन सेक्स स्कैंडल की सर्वाइवर वर्जीनिया कहती हैं कि उस 'नामी-गिरामी प्रधानमंत्री' ने बार-बार मेरा गला दबाया जब तक कि मैं बेहोश नहीं हो गई और मुझे अपनी जान के लिए डरते हुए देखकर उसे खुशी हुई.
एलन मस्क ने 2014 में जेफ्री एपस्टीन के प्राइवेट आइलैंड पर जाने के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है. मस्क ने ट्वीट कर कहा कि यह झूठा नैरेटिव फैलाने वाले निंदनीय हैं और स्काई न्यूज को अपनी गुमराह करने वाली हेडलाइन पर शर्म आनी चाहिए.
जेफ्री एपस्टीन अमेरिका का वह अय्याश अरबपति था जिसे हमेशा महिलाओं से घिरा रहना पसंद था. बेहद मामूली पृष्ठभूमि से निकलकर आसानी से अमेरिका के एलीट वर्ग में जगह बनाने वाले एपस्टीन की जिंदगी किसी सीक्रेट मिशन हेड जैसी रही. बेहद कम समय में अकूत दौलत कमाने से लेकर ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप जैसी शख्सियतों से नजदीकियां बढ़ाने के लिए उसे ज्यादा पापड़ बेलने नहीं पड़े
अमेरिकी कांग्रेस की हाउस ओवरसाइट कमेटी के डेमोक्रेट्स ने जेफ्री एपस्टीन को लिखा एक कथित पत्र जारी किया है, जिस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साइन बताए जा रहे हैं. हालांकि ट्रंप ने इसे फर्जी बताते हुए खारिज कर दिया है. यह पत्र 2003 में एपस्टीन के जन्मदिन एल्बम में शामिल था. ट्रंप ने साफ कहा है कि न तो उन्होंने पत्र लिखा और न ही महिला की आकृति बनाई.
अमेरिका में जेफरी एपस्टीन केस को लेकर नए खुलासे सामने आए हैं. उसकी सहयोगी घिसलेन मैक्सवेल ने दावा किया कि संभव है प्रिंसेस डायना और एपस्टीन की मुलाकात लंदन में हुई हो. हालांकि उसने इसे लेकर पुख्ता जानकारी से इनकार किया.
पॉडकास्ट के दौरान माइकल ने कहा कि एपस्टीन की स्टोरी में मेलानिया कहां फिट होती है? वह इस पूरे कल्चर में कहां फिट होती हैं. हालांकि, फर्स्ट लेडी इन दावों से इनकार कर चुकी हैं कि एपस्टीन की वजह से उनकी मुलाकात ट्रंप से हुई. मेलानिया ने काह कि न्यूयॉर्क के किट कैट क्लब में वह पहली बार ट्रंप से मिली थी.
आज जब जेफ्री एपस्टीन की मौत के छह साल बाद उसकी क्लासिफाइड फाइलों को सार्वजनिक करने का दबाव बढ़ता जा रहा है. तो जेहन में सवाल उठता है कि बेहद साधारण परिवार में जन्मा जेफ्री नाबालिग लड़कियों के शोषण, उनकी तस्करी और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर अपराधों की गर्त में कैसे पहुंच गया?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक फ़र्ज़ी पत्र छापी है, जो कथित तौर पर एपस्टीन को लिखा गया है. ये मेरे शब्द नहीं हैं, न ही मैं बात करता हूं, और मैं स्केच भी नहीं बनाता."
जेफरी एपस्टीन से जुड़ी जिन-जिन फाइल्स को FBI ने खंगाला है उनमें सैकड़ों गीगाबाइट्स डेटा, हजारों आपत्तिजनक तस्वीरें और नाबालिग पीड़ितों के वीडियो शामिल हैं. इन फाइल्स में अरबपति, सेलिब्रिटी, राजनेता और अन्य हाई-प्रोफाइल लोगों के नामों का भी उल्लेख है, जो जेफ्री एपस्टीन की पार्टियों में शामिल होते थे या उसके करीबी सहयोगी थे. इसी लिस्ट में डोनाल्ड ट्रंप का भी नाम है.