भारतीय टीम ने 6 दिसंबर (शनिवार) को साउथ अफ्रीका के खिलाफ डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए ओडीआई मुकाबले में 9 विकेट से शानदार जीत हासिल की. भारतीय टीम को जीत के लिए 271 रनों का टारगेट मिला था , जिसे उसने 61 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया. भारतीय टीम ने इस जीत के साथ ही तीन मैचों की वनडे सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया.
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भारतीय टीम ने रांची वनडे मैच में 17 रनों से जीत हासिल की थी. फिर साउथ अफ्रीका ने बाउंसबैक करते हुए रायुपर वनडे में भारतीय टीम को चार विकेट से पराजित किया था. टीम इंडिया ने सीरीज जीतकर टेस्ट मैचों में मिली हार की कसक थोड़ी कम की है. भारत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में 0-2 से करारी हार का सामना करना पड़ा था. वाइजैग में भारतीय टीम का प्रदर्शन तीनों डिपार्टमेंट में शानदार रहा.भारत की जीत के पांच बड़े फैक्टर रहे...
♦ भारतीय टीम की जीत के अहम किरदार सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल रहे. यशस्वी रांची और रायपुर वनडे में चल नहीं पाए थे, लेकिन यहां पर उन्होंने बल्ले से धूम मचा दी. यशस्वी ने 121 गेंदों का सामना करते हुए 116* रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. यशस्वी के वनडे करियर का ये पहला शतक रहा. यशस्वी को इनिंग्स के दौरान लय पकड़ने में समय लगा, लेकिन जैसे ही वो 50 के करीब पहुंचे, उन्होंने अपना गियर बदल लिया. यशस्वी ने इस प्रदर्शन के बाद अब बैकअप ओपनर के तौर पर अपनी जगह पक्की कर ली है.
♦ दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा ने भी रनचेज में भारत को मजूबती दिलाई. रोहित ने बड़े शॉट्स खेलकर सारा दबाव साउथ अफ्रीका पर ला दिया. रोहित ने युवा खिलाड़ी यशस्वी का मार्गदर्शन किया, जिससे वो भी बड़ी इनिंग्स खेलने में सफल रहे. रोहित ने यशस्वी के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 155 रनों की साझेदारी की. रोहित ने सात चौके और तीन छक्के की मदद से 73 गेंदों का सामना करते हुए 75 रन बनाए.
♦ जब केशव महाराज ने रोहित शर्मा का विकेट लिया, तो साउथ अफ्रीकी कैम्प में ये उम्मीद जरूर जगी कि वो वापसी करेंगे. लेकिन उनकी उम्मीदों को विराट कोहली ने तोड़ दिया. कोहली ने यशस्वी के साथ नाबाद 116 रनों की साझेदारी की. कोहली तो टी20 स्टाइल में बैटिंग करते दिखे. कोहली ने 6 चौके और तीन छक्के की मदद से 45 गेंदों पर 65 रनों की नाबाद पारी खेली. कोहली ने इससे पहले शुरुआती दो मैचों में शतकीय पारियां खेली थीं. कोहली को 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' चुना गया.
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♦ तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा और स्पिनर कुलदीप यादव ने वाइजैग में जैसी गेंदबाजी की, उसने साउथ अफ्रीका को इस मैच में बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया. दोनों गेंदबाजों ने चार-चार विकेट झटके. एक समय साउथ अफ्रीका का स्कोर 28.2 ओवर में दो विकेट पर 168 रन था. लेकिन उसके बाद उसने मोमेंटम गंवा दिया, जिसके पीछे इन दोनों बॉलर्स का हाथ था. क्विंटन डिकॉक जरूर 106 रन बनाने में सफल रहे, लेकिन वो शतकीय पारी टीम को बड़े स्कोर तक नहीं पहुंचा पाई.
♦ भारतीय कप्तान केएल राहुल इस मैच में टॉस जीतने में कामयाब रहे, जो एक बड़ा फैक्टर साबित हुआ. ओस के चलते दूसरी पारी में बल्लेबाजी आसान रहती है. पहले दो वनडे मैचों की तरह यहां भी यही चीज देखने को मिली. बता दें कि भारतीय टीम ने लगातार 20 वनडे इंटरनेशनल में टॉस गंवाया था. लेकिन आखिरकार टॉस हारने का सिलसिला विशाखापत्तनम में जाकर खत्म हुआ. टॉस के दौरान राहुल ने दाएं की बजाय बाएं हाथ से सिक्का उछाला. राहुल का ये पैंतरा काम कर गया.