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एअर इंडिया क्रैश की फाइनल रिपोर्ट 6 महीने में आएगी, मिलेंगे इन 4 सवालों के जवाब

एअर इंडिया फ्लाइट AI 171 का हादसा एक दुखद घटना है, जिसने कई सवाल खड़े किए हैं. AAIB की फाइनल रिपोर्ट, जो 6 से 8 महीने में आएगी, ये बताएगी कि फ्यूल स्विच क्यों बंद हुए, क्या ये पायलट की गलती थी, या बोइंग 787 में कोई तकनीकी खराबी थी. CVR, FDR और मलबे के डेटा को जोड़कर जांचकर्ता हादसे की पूरी तस्वीर बनाएंगे.

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अहमदाबाद के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर गिरा एयर इंडिया का प्लेन. (File Photo: PTI)
अहमदाबाद के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर गिरा एयर इंडिया का प्लेन. (File Photo: PTI)

एअर इंडिया फ्लाइट AI 171 का अहमदाबाद में हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया. बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के 32 सेकंड बाद BJ मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में क्रैश हो गई. इस हादसे में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स समेत 260 लोगों की जान गई. जमीन पर 19 लोग मारे गए, जबकि 67 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.

अब एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस हादसे की जांच कर रहा है. इंडिया टुडे के टॉप सोर्सेज ने बताया कि 6 से 8 महीने में फाइनल रिपोर्ट आएगी. इस रिपोर्ट में हादसे की पूरी सच्चाई सामने आएगी. आइए, समझते हैं कि AAIB कैसे जांच कर रहा है. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR), फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और मलबे के डेटा से क्या-क्या पता चलेगा.

AI 171 हादसा: क्या हुआ था?

12 जून 2025 को 1:39 बजे दोपहर (IST) में एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी. इसमें 230 यात्री, 10 केबिन क्रू और 2 पायलट (कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर) सवार थे.लेकिन टेकऑफ के सिर्फ 3 सेकंड बाद, दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई बंद हो गई.

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फ्यूल कंट्रोल स्विच अपने आप RUN से CUTOFF पोजीशन में चले गए. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि तुमने फ्यूल क्यों बंद किया? दूसरा जवाब देता है कि मैंने नहीं किया. इसके बाद विमान 625 फीट की ऊंचाई से तेजी से नीचे गिरा और BJ मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में क्रैश हो गया.

8 जुलाई 2025 को AAIB ने 15 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि हादसे का कारण फ्यूल स्टार्वेशन (ईंधन की कमी) थी, क्योंकि दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच एक सेकंड के अंतर से बंद हो गए. लेकिन क्यों और कैसे ये स्विच बंद हुए, ये अभी रहस्य है. अब AAIB की फाइनल रिपोर्ट इस रहस्य को सुलझाएगी.

AAIB की जांच: कैसे हो रही है?

AAIB (भारत का विमान हादसा जांच ब्यूरो) इस हादसे की गहराई से जांच कर रहा है. इसमें अमेरिका का NTSB (नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड), यूके का AAIB, बोइंग, जनरल इलेक्ट्रिक (इंजन निर्माता) और भारतीय वायुसेना व हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के विशेषज्ञ भी शामिल हैं. इंडिया टुडे के सूत्रों ने बताया कि फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए तीन बड़े डेटा सेट्स का इस्तेमाल हो रहा है...

Air India AI 171 Crash investigation

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)

  • ये विमान का ब्लैक बॉक्स का हिस्सा है, जो कॉकपिट में पायलटों की बातचीत, अलार्म की आवाज और आसपास की हर ध्वनि रिकॉर्ड करता है.
  • 13 जून को पहला CVR एक इमारत की छत पर और 16 जून को दूसरा CVR मलबे में मिला. दोनों को 24 जून को दिल्ली के AAIB लैब में भेजा गया.
  • अभी CVR डेटा की जांच चल रही है. इसमें पायलटों की बातचीत से ये पता लगेगा कि टेकऑफ के दौरान क्या हुआ, और क्या कोई चेतावनी या गलती हुई.

फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR)

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  • ये ब्लैक बॉक्स का दूसरा हिस्सा है, जो विमान के तकनीकी डेटा को रिकॉर्ड करता है. बोइंग 787 में 2,000 से ज्यादा पैरामीटर्स (जैसे इंजन की गति, फ्यूल फ्लो, विमान की ऊंचाई, स्पीड) रिकॉर्ड होते हैं.
  • FDR डेटा से ये पता चलेगा कि फ्यूल स्विच क्यों बंद हुए, क्या इंजन में कोई खराबी थी, या क्या कोई सिस्टम फेल हुआ. अभी इसका विश्लेषण दिल्ली में AAIB लैब में हो रहा है.

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मलबे का डेटा (Wreckage Data)

  • क्रैश साइट से विमान के हर टुकड़े को इकट्ठा किया गया और अहमदाबाद में एक बड़े हैंगर में रखा गया. इन टुकड़ों को पहेली की तरह जोड़ा जा रहा है, ताकि विमान का ढांचा फिर से बनाया जा सके.
  • बोइंग और जनरल इलेक्ट्रिक जैसे मूल उपकरण निर्माता (OEMs) इन टुकड़ों की जांच कर रहे हैं. जैसे, इंजन के ब्लेड्स और केसिंग से ये पता चलेगा कि क्रैश के समय इंजन चल रहे थे या नहीं.
  • मलबे से ये भी पता चलेगा कि क्या कोई पुर्जा खराब था, या क्या कोई बाहरी चीज (जैसे पक्षी) हादसे का कारण बनी.

Air India AI 171 Crash investigation

फाइनल रिपोर्ट में क्या होगा?

AAIB की फाइनल रिपोर्ट में ये सवालों के जवाब होंगे...

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  • फ्यूल स्विच क्यों बंद हुए? क्या ये पायलट की गलती थी, या कोई तकनीकी खराबी थी? क्या इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) में कोई गड़बड़ थी, जिसने स्विच को अपने आप बंद कर दिया?
  • क्या कोई और सिस्टम फेल हुआ? प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि रैम एयर टरबाइन (RAT) चालू हो गया था, जो विमान में बड़ा सिस्टम फेल होने का संकेत है. क्या ये RAT की वजह से हुआ?
  • लैंडिंग गियर क्यों नहीं बंद हुआ? मलबे में लैंडिंग गियर नीचे की स्थिति में मिला, जो बताता है कि उसे बंद करने की कोशिश हुई, लेकिन पावर की कमी से ऐसा नहीं हुआ.
  • क्या बोइंग या इंजन में खराबी थी? 2018 में FAA ने बोइंग 787 के फ्यूल कंट्रोल स्विच में संभावित खराबी की चेतावनी दी थी. क्या एयर इंडिया ने इसकी जांच की थी?

इंडिया टुडे के सूत्रों ने बताया कि इन तीनों डेटा सेट्स (CVR, FDR, मलबा) को सिंक (एक साथ जोड़ा) जाएगा. इससे हादसे की पूरी तस्वीर बनेगी. इसके अलावा, एयरपोर्ट CCTV, विमान का मेंटेनेंस रिकॉर्ड और पायलटों का प्रशिक्षण डेटा भी जांचा जा रहा है.

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6-8 महीने में फाइनल रिपोर्ट क्यों?

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AAIB का कहना है कि इतने बड़े हादसे की जांच में समय लगता है. 6 से 8 महीने में फाइनल रिपोर्ट इसलिए, क्योंकि...

  • डेटा विश्लेषण में समय: CVR और FDR में हजारों डेटा पॉइंट्स हैं, जिन्हें एक-एक करके जांचना होगा.
  • मलबे की जटिलता: विमान के टुकड़ों को जोड़ना और हर हिस्से की जांच करना एक लंबी प्रक्रिया है.
  • अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल: ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) के नियमों के तहत जांच को पारदर्शी और सटीक करना जरूरी है.
  • सहयोग: बोइंग, जनरल इलेक्ट्रिक, और NTSB जैसे संगठनों के साथ मिलकर काम करना पड़ता है, जिसमें समय लगता है.

Air India AI 171 Crash investigation

विवाद और सवाल

प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद कई विवाद उठे...

पायलटों पर इल्जाम: कुछ पश्चिमी मीडिया (जैसे वॉल स्ट्रीट जर्नल और कोरिएरे डेला सेरा) ने दावा किया कि कैप्टन सुमीत सभरवाल ने जानबूझकर या गलती से फ्यूल स्विच बंद किए. AAIB और NTSB ने इसे “जल्दबाजी और गैर-जिम्मेदार” बताया. 

पायलट यूनियनों का गुस्सा: इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (ICPA) और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने पायलटों पर इल्जाम लगाने की निंदा की. उनका कहना है कि बिना पूरी जांच के पायलटों को दोष देना गलत है.

CVR ट्रांसक्रिप्ट की कमी: प्रारंभिक रिपोर्ट में CVR की पूरी बातचीत नहीं दी गई, सिर्फ एक लाइन बताई गई. इससे सवाल उठे कि क्या AAIB कुछ छिपा रहा है?

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बोइंग की चुप्पी: बोइंग ने कहा कि वो AAIB की जांच का इंतजार करेगा और अभी कुछ नहीं कहेगा. लेकिन 2018 की FAA चेतावनी पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या बोइंग 787 के फ्यूल स्विच में पहले से कोई खराबी थी.

AAIB के डायरेक्टर जनरल GVG युगंधर ने कहा कि हमारी जांच का मकसद सिर्फ ये बताना है कि क्या हुआ. फाइनल रिपोर्ट में सारी सच्चाई सामने आएगी. मीडिया और पब्लिक से गुजारिश है कि जल्दबाजी में निष्कर्ष न निकालें. 

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