12 जून 2025 को अहमदाबाद में एक विमान हादसा हो गया. यह हादसा अहमदाबाद से लंदन जा रहे एअर इंडिया के बोइंग 787 के साथ घटित हुआ. खबरों के अनुसार इस विमान में 242 लोग सवार थे, जिसमें 2 पायलट और 10 केबिन क्रू मेंबर के साथ ही ब्रिटेन के 53 नागरिक, पुर्तकाल के 7 नागरिक और 169 भारतीय नागरिक शामिल थे. आशंका है कि विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई है (Ahmedabad Plane Crash).
यह हादसा तब हुआ जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से प्लेन टेक ऑफ कर रहा था. ATC के अनुसार, विमान रनवे 23 से उड़ान भरने के तुरंत बाद हवाई अड्डे की परिधि के बाहर जमीन पर गिर गया और क्रैश हो गया.
सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश मामले में कहा कि किसी ने भी पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल को दोषी नहीं ठहराया है. अदालत ने उनके पिता पुष्कर सभरवाल की याचिका पर केंद्र और DGCA से जवाब मांगा है.
एयर इंडिया हादसे में सिर्फ विश्वास कुमार रमेश बचे थे, लेकिन जिंदगी की जंग जीतने के बाद असली लड़ाई अब शुरू हुई है. वह इस समय PTSD और सर्वाइवर गिल्ट से लड़ रहे हैं. उनकी कहानी बताती है कि किसी हादसे से बचना अंत नहीं, बल्कि जीने की नई जंग की शुरुआत होती है.
एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 दुर्घटना की चल रही जांच में विश्वसनीयता और पारदर्शिता की कमी से व्यथित होकर दिवंगत कैप्टन सुमित सभरवाल के पिता ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने याचिका में एआई 171 दुर्घटना की जांच के लिए "न्यायालय निगरानी समिति" के गठन की मांग की गई है
एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 का हादसा अब भी देश के लिए बड़ा सदमा है. अब इस हादसे की जांच AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) कर रही है और पायलट संगठन ALPA India भी जांच में अपनी विशेषज्ञ राय पेश करने के लिए सामने आ रहा है. पायलटों का कहना है कि जांच में उनकी तकनीकी और अनुभव आधारित सलाह शामिल होने से क्रैश की सही वजह सामने आएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा.
12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा अब भी देश के लिए बड़ा सदमा है..इस हादसे में कुल 261 लोगों की जान चली गई थी..इस हादसे की जांच AAIB यानी Aircraft Accident Investigation Bureau कर रही है,अब इस जांच प्रक्रिया में पायलट संगठन ALPA India भी अपनी विशेषज्ञ राय पेश करने के लिए सामने आ रहा है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने एयर इंडिया क्रैश की जांच रोककर कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की मांग की है. पायलटों का कहना है कि उन्हें जांच एजेंसी एएआईबी (AAIB) पर भरोसा नहीं है और बोइंग कंपनी पायलटों को दोषी ठहराने की कोशिश कर सकती है.
इन परिवारों का केस लड़ रहे अमेरिकी लॉ फर्म बीस्ले एलन के प्रमुख माइक एंड्रयूज ने कहा कि पूरी सच्चाई सामने आना जरूरी है ताकि परिवारों को हादसे का असल कारण समझ आए. एंड्रयूज इस वक्त गुजरात में हैं जहां वे पीड़ित परिवारों से मिल रहे हैं, मृतकों की जानकारी जुटा रहे हैं और अमेरिका में होने वाली कानूनी प्रक्रिया समझा रहे हैं.
याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था की गहन जांच हो और पीड़ितों को उचित मुआवजा मिले. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एयर इंडिया का पक्ष लेते हुए याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि एक हादसे का मतलब ये नहीं कि आप इस तरह बदनाम करें.
12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने कई जिंदगियों को झकझोर दिया. लेकिन इसी हादसे में सामने आई मां की ममता की एक ऐसी कहानी, जिसने सभी को भावुक कर दिया. मां ने अपने 8 महीने के बेटे को मौत के मुंह से बाहर निकालकर आ गईं.
एअर इंडिया ने अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में जान गंवाने वाले के परिजनों को मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अब तक 147 परिवारों को मुआवजा दिया जा चुका है, साथ ही हादसा स्थल पर मारे गए 19 लोगों के परिजनों को भी यह भुगतान किया गया है.
अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान में सवार सिर्फ एक यात्री को छोड़कर सभी 241 लोगों की इस हादसे में मौत हुई थी. इसके अलावा विमान जिस मेडिकल हॉस्टल की इमारत पर गिरा, वहां भी कई लोग हताहत हुए और हादसे में कुल 260 लोगों की जान चली गई.
एअर इंडिया फ्लाइट AI 171 का हादसा एक दुखद घटना है, जिसने कई सवाल खड़े किए हैं. AAIB की फाइनल रिपोर्ट, जो 6 से 8 महीने में आएगी, ये बताएगी कि फ्यूल स्विच क्यों बंद हुए, क्या ये पायलट की गलती थी, या बोइंग 787 में कोई तकनीकी खराबी थी. CVR, FDR और मलबे के डेटा को जोड़कर जांचकर्ता हादसे की पूरी तस्वीर बनाएंगे.
Air India Flight AI-171 Crash की फाइनल रिपोर्ट कब आएगी? मिलेंगे इन सवालों के जवाब
लंदन स्थित लॉ फर्म के वकीलों का कहना है कि गलत अवशेष मिलने से परिवार बेहद परेशान हैं. एक परिवार को यह एहसास हुआ कि उन्हें शव के गलत अवशेष मिले हैं, जिसके बाद उस डेडबॉडी को दफनाने वाला भी कोई नहीं बचा था.
सोमवार को राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, 'विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) पारदर्शी तरीके से अहमदाबाद हादसे की जांच कर रहा है... भारतीय मीडिया के साथ-साथ वेस्टर्न मीडिया भी अपने एजेंडे को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है, मैंने खुद कई आर्टिकल देखे हैं.'
केंद्रीय मंत्री ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच कर रही AAIB द्वारा अपने प्रारंभिक रिपोर्ट में उजागर किए गए तथ्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि पहले डेटा निकालने के लिए ब्लैक बॉक्स हमेशा विदेश भेजा जाता था. यह पहली बार है जब भारत में डेटा को डिकोड किया गया है. यह एक बड़ी सफलता है.
AAIB ने एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के ब्लैक बॉक्स का डेटा डिकोड कर लिया है. ये पहली बार है जब भारत में जांच एजेसी ने ब्लैक बॉक्स को डिकोट किया हो. इस बारे में केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि मुझे AAIB पर पूरा भरोसा है. हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी हो चुकी है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए अभी और वक्त चाहिए.
एफआईपी की ओर से भेजे गए कानूनी नोटिस में इन मीडिया संस्थानों से औपचारिक माफी की मांग की गई है और उनकी रिपोर्टिंग को 'सेलेक्टिव और अनवेरीफाइड' बताया गया है. एफआईपी के बयान में कहा गया कि इस तरह की रिपोर्टिंग 'गैर-जिम्मेदाराना' है, खासकर जब जांच अभी जारी है.
Air India Plane Crash को लेकर Pilot Federation ने WSJ और रॉयटर्स को क्यों भेजा नोटिस?
भारत के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी की प्लेन क्रैश में मृत्यु हो गई है. यह हादसा 12 जून को अहमदाबाद में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश होने से हुआ, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई. क्रैश साइट पर भी लगभग 20 लोगों की मौत हुई. इस दुखद घटना से दो महीने पहले, 8 अप्रैल को, विजय रूपानी अहमदाबाद की इंडस यूनिवर्सिटी में मौजूद बोइंग 737-200 एयरक्रॉफ्ट के कॉकपिट में गए थे.
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