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एयरसेल-मैक्सि‍स मामले में मारन बंधुओं की 742 करोड़ की संपत्ति कुर्क

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में मनी लॉन्ड्रिं‍ग जांच के सिलसिले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके उद्योगपति भाई कलानिधि और परिवार के अन्य सदस्यों की 742.58 करोड़ रुपये की संपत्ति बुधवार को कुर्क की.

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दयानिधि मारन की फाइल फोटो
दयानिधि मारन की फाइल फोटो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में मनी लॉन्ड्रिं‍ग जांच के सिलसिले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके उद्योगपति भाई कलानिधि और परिवार के अन्य सदस्यों की 742.58 करोड़ रुपये की संपत्ति बुधवार को कुर्क की.

एजेंसी ने पिछले कुछ महीनों में मारन बंधुओं से पूछताछ की थी. ईडी सूत्रों के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिं‍ग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्की आदेश जारी किया गया. जो संपत्ति‍ कुर्क की गई, उसमें मियादी जमा (एफडी) और म्यूचुअल फंड शामिल हैं. ज्यादातर संपत्ति दयानिधि के भाई और सन टीवी के प्रबंध निदेशक कलानिधि की थी. कलानिधि की पत्नी कावेरी की भी कुछ संपत्ति कुर्क की गई है.

व्यक्तिगत रूप से जो संपत्ति कुर्क की गई है, उसमें दयानिधि और अन्य की 7.47 करोड़ रुपये की मियादी जमा राशि, कलानिधि के 100 करोड़ रुपये का मियादी जमा और 2.78 करोड़ रुपये मूल्य का म्यूचुअल फंड शामिल है. इसके अलावा उनकी पत्नी की 1.30 करोड़ रुपये का मियादी जमा और 1.78 करोड़ रुपये का म्यूचुअल फंड भी कुर्क किया गया.

एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक, ‘मॉरीशस स्थित कंपनियों ने 742.58 करोड़ रुपये की रिश्वत दयानिधि के लिए दिए. यह राशि दो कंपनियों मेसर्स सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लि. और मेसर्स साउथ एशिया एफएम लि. को दी गई. इन दोनों कंपनियों का नियंत्रण कलानिधि के पास था. कंपनियों ने इस पैसे का उपयोग अपने कारोबार या निवेश में किया.

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पीएमएलए के तहत मामले की जांच से यह पता चला कि एसडीटीपीएल के प्रवर्तक कलानिधि और कावेरी कलानिधि थी. इन दोनों के पास एसडीटीपीएल के 80 फीसदी शेयर थे. एसएएफएल के शेयरधारक मेसर्स सन टीवी नेटवर्क लि. (60 फीसदी) और एएच मल्टीसाफ्ट प्राइवेट लि. व मेसर्स साउथ एशिया मल्टीमीडिया टेक्नोलॉजीज लि. मॉरीशस के पास 20-20 फीसदी हिस्सेदारी है.

ईडी ने जांच में पाया गया कि कलानिधि की मेसर्स सन टीवी नेटवर्क लि. में 75 फीसदी हिस्सेदारी है. मेसर्स कॉल कॉम प्राइवेट लि. में उनकी और उनकी पत्नी की हिस्सेदारी 90 फीसदी और 10 फीसदी है. सुप्रीम कोर्ट मामले की जांच की निगरानी कर रहा है और उप निदेशक राजेश्वर सिंह को मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.

इस मामले में ईडी ने सीबीआई द्वारा दायर एफआईआर के बाद 2012 में मामले का संज्ञान लेकर अपनी जांच शुरू की थी. सीबीआई ने अदालत में कहा है कि दयानिधि ने 2006 में चेन्नई के उद्यमी सी शिवशंकरन पर दबाव डालकर उन्हें एयरसेल और उसकी दो सब्सि‍डियरी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी मलेशिया के मैक्सिस समूह को बेचने को मजबूर किया. पीएमएलए के तहत कुर्की आदेश को प्रभावित पक्ष 120 दिन के भीतर निर्णायक अधिकारी के पास चुनौती दे सकता है.

-इनपुट भाषा से

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