मालदा जिले के उत्तरी भाग में स्थित मालतीपुर एक सामान्य श्रेणी का विधानसभा क्षेत्र है. यह मालदा उत्तर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले सात विधानसभा खंडों में से एक है. वर्ष 2011 में परिसीमन आयोग की अनुशंसाओं के बाद इसका गठन किया गया था. यह क्षेत्र संपूर्ण चांचल-II ब्लॉक और रतुआ-II ब्लॉक के चार ग्राम पंचायतों- महराजपुर, पीरगंज, श्रीपुर-I और श्रीपुर-II से मिलकर बना है. पूरा क्षेत्र पूर्णतः ग्रामीण स्वरूप वाला है.
मालतीपुर के चुनावी इतिहास की शुरुआत 2011 में हुई, जब क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी (RSP) के अब्दुर रहीम बॉक्सी ने पहला चुनाव जीता. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार अलबरुनी जुलकरनेन को 6,701 वोटों से हराया. 2016 में जुलकरनेन कांग्रेस के टिकट पर लौटे और करीब 2,600 वोटों की मामूली बढ़त से जीत हासिल की. 2021 में बॉक्सी ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन थामकर सीट वापस अपने नाम की. उन्होंने 1,26,157 वोट प्राप्त किए और भाजपा उम्मीदवार मौसमी दास को 34,208 वोट मिले थे. मौसमी दास 91,949 वोटों के अंतर से हारी थी. कांग्रेस के जुलकरनेन इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे.
लोकसभा चुनावों में मालतीपुर ने हालिया वर्षों में साफ तौर पर TMC की ओर झुकाव दिखाया है. 2019 के संसदीय चुनावों में TMC को इस क्षेत्र में 42,381 वोटों की बढ़त मिली थी. यह बढ़त 2024 में बढ़कर 58,217 वोट हो गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी का जनाधार लगातार मजबूत हो रहा है.
2024 में मालतीपुर में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,47,229 हो गई, जबकि 2021 में यह 2,31,907 थी. हालांकि धार्मिक आधार पर आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए जाते, लेकिन मालतीपुर को आम तौर पर मुस्लिम-बहुल क्षेत्र माना जाता है, जहां इस समुदाय की आबादी 60 प्रतिशत से अधिक आंकी जाती है. अनुसूचित जाति का हिस्सा लगभग 7.39 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का 5.02 प्रतिशत है. वोटिंग प्रतिशत हमेशा ऊंचा रहा है. 2011 में 83.61%, 2016 में 80.45%, 2021 में 80.03% रहा था. हालांकि 2024 में यह घटकर 73.32% रह गया.
मालतीपुर बरिंद क्षेत्र में स्थित है, जो महानंदा और कालिंद्री नदियों के बीच स्थित एक हल्का ऊंचा भूभाग है. यहां की मिट्टी लैटराइटिक है और गर्मी के मौसम में पानी की कमी आम समस्या है. स्थानीय अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है. धान, जूट और आम यहां की प्रमुख फसलें हैं. सिंचाई का अधिकांश कार्य ट्यूबवेल और छोटे नहरों पर निर्भर है, लेकिन अनियमित वर्षा उत्पादन को प्रभावित करती रहती है.
मालतीपुर में आधारभूत संरचना अभी भी विकसित होने की प्रतीक्षा में है. गांवों को चांचल और रतुआ से जोड़ने वाली सड़कें संकरी हैं और बरसात में विशेष रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. सार्वजनिक परिवहन बसों और साझा ऑटो तक सीमित है. बिजली की पहुंच लगभग सार्वभौमिक है लेकिन वोल्टेज में उतार-चढ़ाव बना रहता है. पेयजल आपूर्ति अस्थिर है, और कई परिवार अब भी हैंडपंप पर निर्भर हैं. स्वास्थ्य सुविधाएं भी सीमित हैं, जबकि निकटतम बड़ा अस्पताल चांचल नगर में स्थित है.
मालतीपुर, हरिशचंद्रपुर और रतुआ विधानसभा क्षेत्रों से घिरा हुआ है और इनके समान सामाजिक-आर्थिक स्वरूप साझा करता है. नजदीकी रेलवे स्टेशन सामसी है, जो लगभग 20 किमी दूर है. जिला मुख्यालय इंग्लिश बाजार तक की दूरी करीब 60 किमी है. राज्य की राजधानी कोलकाता NH12 मार्ग से लगभग 370 किमी दूर स्थित है.
मालतीपुर की भौगोलिक स्थिति इसे बिहार के कई प्रमुख शहरों से जोड़ती है. कटिहार लगभग 55 किमी उत्तर-पूर्व में है, जो एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है. पूर्णिया लगभग 85 किमी और अररिया करीब 110 किमी दूर स्थित हैं. ये सभी स्थान सड़क और रेलमार्ग से जुड़े हुए हैं और व्यापार व आवागमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
मालतीपुर की राजनीति विचारधाराओं से अधिक सामुदायिक समीकरणों और स्थानीय नेतृत्व द्वारा संचालित होती है. TMC ने बीते वर्षों में लगातार अपनी पकड़ मजबूत की है, जिसमें कल्याणकारी योजनाओं और जमीनी संगठन की अहम भूमिका रही है. भाजपा ने 2021 में कुछ पकड़ बनाई थी, लेकिन शीर्ष स्थान से अभी भी काफी दूर है. कांग्रेस, जो कभी मालदा की प्रमुख ताकत थी, अब अपना प्रभाव लगभग खो चुकी है.
TMC ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपना समर्थन आधार मजबूत कर लिया है, इसलिए 2026 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रमुख दावेदार बने रहने की संभावना है. जब तक विपक्ष एकजुट होकर चुनौती नहीं देता, मालतीपुर में एक-दलीय दबदबा जारी रह सकता है.
(अजय झा)
Mousumi Das
BJP
Alberuni Zulkarnain
INC
Nota
NOTA
Motiur Rahaman
AIMIM
Md. Kamrul Hoda
BSP
Golam Faruque
BMUP
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए खुलासा किया कि उन्होंने अब तक SIR फॉर्म नहीं भरा है. इससे पहले एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने की कोशिश कर रही है.
संदेशखाली केस में मुख्य आरोपी रहे शाहजहां शेख के खिलाफ गवाह रहे शख्स और उसके बेटे की कार को एक खाली ट्रक ने टक्कर मारी, जिसमें बेटे की मौत हो गई. इस खबर के सार्वजनिक होते ही चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. सियासत तेज हो गई है. जाहिर है कि इसे लोग सामान्य मौत नही मान रहे हैं.
एक बार फिर सज चुका है एजेंडा आजतक का महामंच. देश के सबसे विश्वनीय न्यूज चैनल आजतक के इस दो दिवसीय कार्यक्रम का ये 14वां संस्करण है. जिसके दूसरे दिन मंच पर विशेष तौर पर आमंत्रित थे-शिक्षा एवं विकास राज्य मंत्री और बीजेपी नेता डॉ. सुकांत मजूमदार. सेशन बीजेपी का 'मिशन बंगाल' में उनसे हुई क्या खास बातचीत, जानने के लिए देखें ये पूरा सेशन.
निलंबित तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने पार्टी के खिलाफ एक बड़ी चाल चली है. उन्होंने ऐलान किया कि वह 22 दिसंबर को एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करेंगे. कबीर ने दावा किया कि वह ममता बनर्जी की पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करेंगे.
मुर्शिदाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बिहार में वोट खरीदने और चुनाव के बाद बुलडोजर चलाने के मामले का उदाहरण देते हुए लोगों से केंद्र की सब्सिडी पर भरोसा न करने और राज्य सरकार की योजनाओं पर विश्वास रखने की अपील की.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों में होने वाले हैं और इस पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. बीजेपी और टीएमसी दोनों अपनी-अपनी रणनीतियाँ बढ़ा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल के सांसदों से मुलाकात की है और अमित शाह ने भी बंगाल के दौरे की पूरी योजना बना ली है. ममता बनर्जी विशेष रूप से सीआई प्रक्रिया के खिलाफ विरोध रैलियाँ कर रही हैं, खासकर मुस्लिम बहुल मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे जिलों में.
प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से मुलाकात कर विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा की. इस मुलाकात में उन्होंने सांसदों को चुनाव जीतने के लिए पूरी मेहनत करने का संदेश दिया और बंगाल की जीत को पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया. भाजपा सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें टीम के रूप में काम करने और रणनीतियों को बेहतर बनाने का निर्देश भी दिया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मालदा के गाज़ोल में आयोजित एंटी-SIR रैली में केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने स्थानीय समस्याओं जैसे गंगा में मिट्टी कटाव और बीएलओ की मौतों पर भी चिंता जताई. साथ ही नागरिकता से जुड़ी दिक्कतों पर भी बात की और लोगों को आश्वासन दिया कि कोई बांग्लादेश नहीं जाएगा.
पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन में बंगाल के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों से मुलाकात कर चुनाव की स्थिति को जानेंगे और रणनीति पर चर्चा करेंगे. वहीं गृहमंत्री अमित शाह जनवरी से आचार संहिता लागू होने तक बंगाल में रहकर पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व करेंगे.
बंगाल में बीजेपी मुसलमानों तक पहुंच बनाने के लिए अपनी टोन बदलती नजर आ रही है. जाहिर है चुनावी गणित में इस बार के विधानसभा चुनावों में किसी भी तरह से बीजेपी पिछड़ना नहीं चाहती है. पर क्या पार्टी के लिए यह नीति बैकफायर नहीं कर सकती है?