सागरदिघी पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जंगपुर उप-विभाग में स्थित एक ब्लॉक-स्तरीय गांव है. यह एक सामान्य श्रेणी का विधानसभा क्षेत्र है और जंगपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बनता है. यह विधानसभा क्षेत्र 1951 में बना था और अब तक 18 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 2023 में एक उपचुनाव भी शामिल है.
सागरदिघी ने राज्य की राजनीतिक स्थिति का हमेशा प्रतिबिंबित किया है. पहले के वर्षों में कांग्रेस पार्टी की मजबूत पकड़ रही थी, और पहले सात चुनावों में से छह में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1969 में बंगला कांग्रेस ने इस परंपरा को तोड़ा. 1977 से लेकर 2011 तक कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(M))-नेतृत्व वाली लेफ्ट फ्रंट सरकार रही. 2011 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सत्ता पर कब्जा किया, जब सुभ्रत साहा ने CPI(M) के इस्माइल साख को हराया था. सुभ्रत साहा ने 2016 और 2021 में भी सीट जीती, लेकिन 2023 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने लेफ्ट फ्रंट के समर्थन से जीत दर्ज की. कांग्रेस के बैरन बिस्वास ने त्रिनमूल कांग्रेस के देबाशीष बंदोपाध्याय को हराया, लेकिन फिर बिस्वास ने टीएमसी में शामिल हो गए. इससे 2026 का चुनाव और भी दिलचस्प और जटिल बन गया है.
2024 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने सागरद्वीघी क्षेत्र में कांग्रेस-लेफ्ट एलायंस को 31,773 वोटों से पीछे छोड़ दिया. अब 2026 के विधानसभा चुनाव में यह देखने वाली बात होगी कि बैरन बिस्वास को टीएमसी से फिर से मैदान में उतारा जाएगा या नहीं. इस सीट पर बीजेपी भी अपनी ताकत आजमाने की पूरी कोशिश कर रही है.
2021 में सागरदिघी में कुल 2,36,885 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2016 के 2,06,049 से काफी बढ़ गए हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां मुस्लिम मतदाता 63.50% हैं, जबकि अनुसूचित जाति 18.78% और अनुसूचित जनजाति 6.38% हैं. यह क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है और यहां उच्च मतदान दर (लगभग 80%) देखी जाती है. दिलचस्प बात यह है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के बावजूद अब तक कोई मुस्लिम उम्मीदवार यहां कभी जीत नहीं पाया है.
सागरदिघी मुर्शिदाबाद जिले के मध्य भाग में स्थित है. इसका सीमांत इलाका बांग्लादेश से लगता है और बिरभूम व नदिया जिले से भी जुड़ा है. भगीरथी नदी पास से बहती है, जो कृषि और सिंचाई के लिए मददगार साबित होती है. यहां धान, जूट और सरसों की खेती होती है. साथ ही सागरदिघी थर्मल पावर स्टेशन क्षेत्र के विकास और रोजगार में सहायक बना हुआ है.
नजदीकी बड़ा शहर जंगपुर है, जो लगभग 25 किलोमीटर दूर है, जबकि जिला मुख्यालय बहरामपुर करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है. राज्य की राजधानी कोलकाता से दूरी लगभग 220 किलोमीटर है. सागरदिघी का नाम संभवतः एक बड़े जलाशय (दिघी) के कारण पड़ा है, जो किसी स्थानीय शासक ने बनवाया था.
2026 के चुनाव में सागरदिघी की जनता किसे चुनेगी यह देखना बेहद रोचक रहेगा. कांग्रेस-लेफ्ट एलायंस की स्वीकार्यता और टीएमसी का बढ़ता प्रभाव इसे बहु-कोणीय मुकाबला बना रहा है. बीजेपी भी ताकत आजमाने में पीछे नहीं है. चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, एक बात तय है- सागरदिघी चुनाव क्षेत्र इस बार बहुत ही नजदीकी और दिलचस्प मुकाबले में शामिल रहेगा.
(अजय झा)
Khatun Mafuja
BJP
Sk M Hasanuzzaman (bappa)
INC
Nure Mahaboob Alam
AIMIM
Nota
NOTA
Supal Murmu
BMUP
Abdut Tawab
SDPI
Dhananjay Banerjee
BSP
Mirza Lutful Hoque
SUCI
Santa Bhattacherjee
IND
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