नबाग्राम, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के केंद्र में स्थित एक विधानसभा क्षेत्र है. यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है, लेकिन यहां मुस्लिम आबादी बहुमत में है और मतदाताओं का आधे से अधिक हिस्सा मुस्लिम समुदाय से आता है. यह क्षेत्र नबाग्राम कम्युनिटी डेवलपमेंट ब्लॉक और बेरहामपुर ब्लॉक के नियाल्लिशपाड़ा गोलजान, राधारघाट I, राधारघाट II और सहाजादपुर ग्राम पंचायतों को मिलाकर बना है. नबाग्राम, जंगीपुर लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है.
नबाग्राम अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब है. पद्मा नदी के उस पार बांग्लादेश है, जहां राजशाही और चापाई नवाबगंज जैसे शहर 40 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित हैं. भौगोलिक दृष्टि से भी यह एक सीमावर्ती और रणनीतिक रूप से अहम क्षेत्र माना जाता है.
1967 में स्थापित इस सीट पर अब तक 15 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2000 का उपचुनाव भी शामिल है. 2006 की परिसीमन प्रक्रिया के बाद यह सीट 2011 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई. राजनीतिक रूप से यह सीट लंबे समय तक कांग्रेस और CPI(M) के बीच खींचतान का मैदान रही. CPI(M) ने अब तक 9 बार जीत दर्ज की, कांग्रेस ने 3 बार जीत हासिल की और एक निर्दलीय उम्मीदवार बिरेंद्र नारायण रॉय ने 1969 और 1971 में दो बार जीतकर चौंकाया.
CPI(M) ने यहां दो लंबी जीत की सीरीज कायम कीं, 1977 से 1991 तक लगातार 4 कार्यकाल और 2000 से 2011 तक लगातार 5 जीत हासिल की.
2011 और 2016 में CPI(M) के विधायक रहे कनैल चंद्र मंडल ने बाद में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2021 में 35,533 वोटों से BJP उम्मीदवार मोहन हालदार को हराया. CPI(M) तीसरे स्थान पर सिमट गई और BJP पहली बार यहां मजबूत खिलाड़ी बनकर उभरी. BJP का उभार 2019 के लोकसभा चुनाव में दिखा, जब वह नबाग्राम से दूसरे स्थान पर रही. 2024 में तृणमूल की बढ़त तो बरकरार रही, लेकिन अंतर 19,638 वोटों तक सिमट गया. कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन ने 10% वोट शेयर दोबारा हासिल कर वापसी के संकेत दिए.
2021 में नबाग्राम में कुल 2,51,378 पंजीकृत मतदाता थे. मुस्लिम आबादी 53.20%, SC मतदाता 23.60%, और ST मतदाता 5.64% रहे.
आश्चर्य की बात यह है कि मुस्लिम बहुमत के बावजूद 1967 से 2006 तक (जब सीट सामान्य श्रेणी थी) कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार जीत नहीं पाया.
क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है. यहां केवल 8.93% मतदाता शहरी इलाकों में रहते हैं. मतदान प्रतिशत हमेशा ऊंचा रहा है, जो यहां की मजबूत राजनीतिक सक्रियता का संकेत है.
नबाग्राम लालबाग उपखंड में स्थित है और राढ़ व बागड़ी क्षेत्रों के बीच फैला हुआ है. पद्मा और भागीरथी नदियों की वजह से जमीन उपजाऊ, जलोढ़ मिट्टी वाली लेकिन कटाव और जलभराव की समस्या गंभीर है. धान, जूट और सब्जियां मुख्य फसलें है. औद्योगिक विकास कम, रोजगार ज्यादातर अनौपचारिक क्षेत्र में मिलता है.
यहां से बेरहामपुर (जिला मुख्यालय) 25 किमी, मुर्शिदाबाद 30 किमी, कोलकाता 210 किमी दूर है. जबकि बांग्लादेश का राजशाही 38 किमी दूर स्थित है.
आगामी विधानसभा चुनाव में नबाग्राम बेहद दिलचस्प स्थिति में है. TMC आगे है. कांग्रेस-वाम गठबंधन ने वापसी की है तो वहीं BJP लगातार बढ़त बना रही है. यदि कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन तृणमूल के वोट काटता है और BJP अपनी पकड़ मजबूत करती है, तो नबाग्राम मुर्शिदाबाद की सबसे अनिश्चित सीट बन सकती है. इस बार हर वोट की अहमियत होगी.
(अजय झा)
Mohan Halder
BJP
Kripalini Ghosh
CPI(M)
Nota
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Barun Mandal
SUCI
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