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Bihar Election Result 2025 Live: नरकटियागंज विधानसभा सीट पर BJP को दोबारा मिली जीत
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नरकटियागंज, बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित एक सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है. यह वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और नरकटियागंज सामुदायिक विकास खंड तथा लौरिया ब्लॉक के पांच ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करता है.
नरकटियागंज नगर, जो इस विधानसभा क्षेत्र को नाम देता है, उत्तर-पश्चिमी बिहार का एक प्रमुख व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र है. यह नरकटियागंज अनुमंडल मुख्यालय भी है और राजधानी पटना से लगभग 280 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है. “नरकटियागंज” नाम की उत्पत्ति “नरकटिया” शब्द से मानी जाती है, जिसका संबंध क्षेत्र में पहले मौजूद घने नरकट (एक प्रकार की घास) वाले दलदली इलाकों से माना जाता है. हालांकि इसका कोई ऐतिहासिक दस्तावेजी प्रमाण नहीं है, किंवदंती यही बताती है कि यह इलाका कभी दलदली भूमि था जिसे बाद में व्यापार और बसावट के लिए विकसित किया गया.
यह क्षेत्र सड़क और रेल दोनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. यह बरौनी-गोरखपुर रेलमार्ग पर स्थित है और नरकटियागंज जंक्शन एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है. इसके पश्चिम में रामनगर, दक्षिण में लौरिया और उत्तर में भारत-नेपाल सीमा है. आसपास के प्रमुख नगरों में बेतिया (39 किमी दक्षिण-पूर्व), बगहा (35 किमी दक्षिण-पश्चिम) और रक्सौल (70 किमी पूर्व) शामिल हैं. गंडक नदी और उसकी सहायक नदियां इस क्षेत्र की उपजाऊ भूमि को सिंचित करती हैं, जहां धान, मक्का और गन्ना की खेती प्रमुख है. यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, लघु व्यापार और दिल्ली, पंजाब व महाराष्ट्र में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के द्वारा भेजे गए धन पर आधारित है.
नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र का गठन 2008 में परिसीमन के बाद हुआ था. इसके बाद से अब तक 2010, 2014 (उपचुनाव), 2015 और 2020 में चार चुनाव हो चुके हैं. यहां मुस्लिम मतदाता लगभग 30% हैं, बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन चार में से तीन चुनावों में जीत दर्ज की है.
2010 में पहले चुनाव में भाजपा के सतीश चंद्र दुबे ने कांग्रेस के आलोक प्रसाद वर्मा को 20,228 वोटों से हराया. 2014 के उपचुनाव में, जो सतीश दुबे के लोकसभा चुनाव जीतने के कारण हुआ था, भाजपा की रश्मि वर्मा ने कांग्रेस के फखरुद्दीन खान को 15,742 मतों से पराजित किया. 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विनय वर्मा ने भाजपा की रेनू देवी को 16,061 वोटों से हराया, लेकिन 2020 में भाजपा ने फिर वापसी की और रश्मि वर्मा ने विनय वर्मा को 21,134 मतों से हराकर सीट दोबारा जीत ली.
2020 में रश्मि वर्मा (भाजपा) को 75,484 वोट (45.85%) मिले, जबकि विनय वर्मा (कांग्रेस) को 54,350 वोट (33.02%) प्राप्त हुए. वहीं, भाजपा से अलग हुई रेनू देवी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 7,674 वोट (4.66%) प्राप्त किए. अन्य दलों जैसे लोजपा, रालोसपा और छोटे दलों को शेष वोट मिले. कुल मतदान प्रतिशत 62.02% रहा, जो इस क्षेत्र की औसत 60% से ऊपर मतदान प्रवृत्ति को दर्शाता है.
2020 विधानसभा चुनाव में नरकटियागंज में कुल 2,65,561 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें लगभग 40,232 अनुसूचित जाति (15.15%) और 4,037 अनुसूचित जनजाति (1.52%) के मतदाता शामिल थे. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 80,000-85,000 मानी जाती है, जो कुल मतदाताओं का 30% से अधिक है. 2024 के लोकसभा चुनावों तक यह संख्या बढ़कर 2,79,043 हो गई थी.
हालांकि भाजपा ने 2020 में इस सीट पर शानदार जीत दर्ज की थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए की बढ़त घटकर सिर्फ 7,035 वोट रह गई, जो 2020 की तुलना में काफी कम है. यह आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में मुकाबले के कड़े होने के संकेत देता है.
भाजपा-नेतृत्व वाले एनडीए की नरकटियागंज में अब भी मजबूत स्थिति बनी हुई है. संगठनात्मक मजबूती, उच्च जातियों का समर्थन और लगातार चुनावी सफलता ने इसे बढ़त में रखा है. हालांकि, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या और वोटिंग पैटर्न में परिवर्तन संभावित रूप से चुनाव को दिलचस्प बना सकते हैं. 2025 के विधानसभा चुनावों में नरकटियागंज एक महत्वपूर्ण और नजदीकी मुकाबले वाला क्षेत्र बन सकता है.
(अजय झा)
Vinay Varma
INC
Renu Devi
IND
Naushad Ahmad
LJP
Manjeet Kumar Verma
RLSP
Nathu Ravi
IND
Bablu Kumar Gupta
IND
Nota
NOTA
Anil Kumar Mishra
IND
Mohammad Rashid Azim
NCP
Afsar Imam
JAP(L)
Ramchandra Mahto
JMBP
Gulrez Hoda
JSHD
Mithilesh Tiwari
IND
Naznim Khanan
IND
Vijay Ram
JDR
Anup Kumar Mishra
PP
Munna Singh
FKP
Rupan Singh
IND
Mukesh Kumar
BJJD
Avinash Kumar
BSLP
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने बिहार चुनाव को लेकर अपनी पार्टी की रणनीति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता राहुल गांधी के चेहरे पर चुनाव लड़ना चाहती है, ताकि इंडिया गठबंधन की सरकार बन सके. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को 'विनाश और नफरत' का चेहरा बताया, जबकि नीतीश कुमार के पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा न होने की बात कही.
Bihar elections update: बिहार में 12 सीटों पर महागठबंधन उम्मीदवार आमने-सामने आ गए हैं. अभी तक की जानकारी के मुताबिक 6 सीटों पर RJD बनाम कांग्रेस, 4 सीटों पर CPI vs CONGRESS और एक सीट पर VIP बनाम RJD की जंग सामने आ रही है.
बिहार में महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर मामला उलझ गया है, तेजस्वी यादव के आवास पर देर रात तक चली. बैठक के बावजूद कोई हल नहीं निकल सका. कांग्रेस और आरजेडी के बीच कुछ सीटों को लेकर गतिरोध बना हुआ है. 5 घंटे तक चली बैठक के बाद भी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है.