हरसिद्धि विधानसभा क्षेत्र बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित है. यह क्षेत्र हरसिद्धि और तुरकौलिया प्रखंडों को मिलाकर बना है. 1951 से अस्तित्व में आने के बाद अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद इसका दर्जा सामान्य श्रेणी से बदलकर अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित कर दिया गया. तब से अब तक तीन चुनाव इस सीट पर आरक्षित श्रेणी में हो चुके हैं, जिनमें भाजपा और राजद मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरे.
शुरुआती दशकों में कांग्रेस का दबदबा रहा. पहले 10 चुनावों में से 8 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. केवल 1967 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और 1977 में जनता पार्टी ने कांग्रेस की इस लय को तोड़ा. 1995 में जनता दल और 2000 में समता पार्टी (वर्तमान जदयू) ने सीट जीती. 2005 में हुए फरवरी और अक्तूबर, दोनों चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी ने जीत हासिल की.
व्यक्तिगत नेताओं में मोहम्मद हिदायतुल्लाह खान का नाम विशेष महत्व रखता है. उन्होंने कांग्रेस से 1972, 1980, 1985 और 1990 में चार बार जीत हासिल की. वे मंत्री और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे, और इस क्षेत्र की राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी.
हाल के वर्षों में भाजपा के कृष्णानंदन पासवान का नाम प्रमुखता से सामने आया. उन्होंने 2010 और 2020 में जीत दर्ज की. 2010 में उन्होंने राजद के सुरेंद्र कुमार को 18,064 वोटों से हराया और 2020 में राजद के कुमार नागेंद्र को 15,685 वोटों से मात दी. हालांकि 2015 में वे राजद के राजेंद्र कुमार से 10,267 वोटों से हार गए थे. इन नतीजों ने जदयू की निर्णायक भूमिका को उजागर किया, जो 2010 और 2020 में भाजपा के साथ थी, जबकि 2015 में राजद के साथ. उल्लेखनीय है कि आरक्षित सीट बनने के बाद राजद ने हर चुनाव में नया प्रत्याशी उतारा है.
2024 लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित नतीजा सामने आया. भाजपा के राधा मोहन सिंह सातवीं बार पूर्वी चंपारण से सांसद बने, लेकिन हरसिद्धि विधानसभा खंड में उन्हें विकासशील इंसान पार्टी के राजेश कुशवाहा से पीछे रहना पड़ा. इस नतीजे ने राजद-गठबंधन को 2025 विधानसभा चुनाव के लिए नई उम्मीद दी है, बशर्ते वह एकजुट रहकर मजबूत उम्मीदवार और स्पष्ट रणनीति पेश करे.
2020 के विधानसभा चुनाव में हरसिद्धि में 2,67,915 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 43,349 अनुसूचित जाति और 49,564 मुस्लिम मतदाता शामिल थे. यह पूर्णतः ग्रामीण क्षेत्र है, जहां अब तक शहरी मतदाता नहीं रहे हैं. यहां मतदान प्रतिशत हमेशा 60% से ऊपर रहा है. 2020 में यह 63.56% रहा, जो हालिया वर्षों का सबसे कम आंकड़ा था. 2024 लोकसभा चुनाव तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,78,101 हो गई.
हरसिद्धि का भूभाग उत्तर बिहार की तरह सपाट और उपजाऊ है. पास से बहती गंडक नदी खेती के लिए सहायक है, लेकिन बरसात में बाढ़ का खतरा भी बढ़ाती है. धान, गेहूं और दालें यहां की मुख्य फसलें हैं. सिंचाई की सुविधाएं सीमित होने के कारण किसानों की निर्भरता वर्षा पर अधिक है. क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग नहीं है और स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाएं अब भी पिछड़ी हुई हैं. कामकाजी वर्ग का पलायन दिल्ली, मुंबई और सूरत जैसे शहरों की ओर आम है.
भौगोलिक दृष्टि से हरसिद्धि, जिला मुख्यालय मोतिहारी से लगभग 25 किमी दूर है. नेपाल सीमा से सटे रक्सौल से इसकी दूरी करीब 60 किमी है. उत्तर बिहार का प्रमुख नगर मुजफ्फरपुर यहां से 85 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है, जबकि राज्य की राजधानी पटना लगभग 165 किमी दूर है.
हालांकि भाजपा ने हाल के वर्षों में यहां अपनी पकड़ मजबूत की है, लेकिन 2024 का लोकसभा चुनाव नतीजा और इस क्षेत्र का बदलता राजनीतिक इतिहास यह संकेत देता है कि 2025 का विधानसभा चुनाव बेहद रोमांचक और कड़ा मुकाबला साबित हो सकता है.
(अजय झा)
BJP
JSP
RJD
KSD
IND
IND
Nota
NOTA
Kumar Nagendra Bihari
RJD
Ramesh Kumar
RLSP
Nota
NOTA
Dinesh Kumar Chaudhary
IND
Jagdish Ram
IND
Sunil Kumar
NCP
Satya Prakash
PPI(D)
तेजस्वी यादव ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर महागठबंधन की अहम बैठक बुलाई और मतगणना के दौरान पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. बैठक के बाद तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2020 के चुनाव में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल रहा था, लेकिन कुछ अधिकारियों की मनमानी से परिणाम पलट दिए गए थे. इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी और जनता बताएगी कि बिहार का मुस्तकबिल उसने किस गठबंधन के हाथ में दिया है. चुनाव परिणामों के पहले ही सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही हैं.
बेगूसराय में राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव पर फेसबुक लाइव में डीएम पर लूट और मतगणना में धांधली के आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई है. उन्होंने वीडियो में हजारों समर्थकों से मतगणना केंद्र पहुंचने की अपील की थी. सीओ रवि शंकर के आवेदन पर साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल आने वाले हैं लेकिन उससे पहले सियासत गरमा गई है. RJD और महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि अगर काउंटिंग रुकी तो हालात नेपाल जैसे हो जाएंगे. वहीं लगातार काउंटिंग में धांधली की आशंका जताई जा रही है. NDA ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह हार की खीज है.
Bihar Election Result News LIVE Updates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की मतगणना शुक्रवार, 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस बार दो चरणों में मतदान हुआ था. 243 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है. प्रशासन ने सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल बताते हैं कि चिराग पासवान से जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो दिखाई नहीं दे रही है. चुनावों के पहले तक खुद को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरह प्रोजेक्ट कर रहे चिराग कहीं फंस तो नहीं गए हैं?
आरजेडी एलएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर विवादित और भड़काऊ बयान दिया है. इसको लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं आरजेडी ने बचाव करते हुए कहा है कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
बिहार एग्जिट पोल पर बात करते हुए कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने बड़ा दावा कर दिया. उन्होनें कहा कि महागठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और तेजस्वी यादव राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनने वाले हैं.
बिहार एग्जिट पोल पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने गुस्सा जताया है. उन्होनें कहा 'चुनाव परिणामों को लेकर कई दबाव और मजबूरियां होती हैं, जिससे एक्जिट पोल में बढ़त दिखाना जरूरी हो जाता है. हालांकि हजारों से कम सैंपल के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं है. कई सर्वे ऐसे भी हैं जो महागठबंधन की बढ़त को दर्शाते हैं.'
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटर्स की बढ़ती भागीदारी ने चुनावी परिदृश्य को बदल दिया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं का मतदान प्रतिशत 71.78% है जो पुरुषों के 62.98% से 9 प्रतिशत अधिक है. कई जिलों में महिलाओं ने पुरुषों से 14 प्रतिशत से अधिक मतदान किया है, जिसमें सुपौल, किशनगंज और मधुबनी प्रमुख हैं.