बेतिया, बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित एक सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है, जो पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. यह क्षेत्र बेतिया प्रखंड और मझौलिया प्रखंड के 18 ग्राम पंचायतों- मोहद्दीपुर, मझौलिया, परसा, बहुअरवा, गुड़ारा, जौकाटिया, बखरिया, रुलाही, राजभर, करमावा, लाल सरैया, रामनगर बंकट, अंमवा मझार, मझरिया शेख, अहवर कुरिया, मधोपुर, सेनुअरिया और विष्णुभरपुर को सम्मिलित करता है.
यह इलाका बिहार के उत्तर-पश्चिमी तराई क्षेत्रों में आता है, जो नेपाल की सीमा से सटा हुआ है. यह ऐतिहासिक चंपारण क्षेत्र का हिस्सा है, जहां 1917 में महात्मा गांधी ने अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था. इस क्षेत्र की मिट्टी अत्यंत उपजाऊ है, जिसमें धान, गेहूं, गन्ना और दलहन की खेती प्रमुख है. बेतिया शहर, जो जिला मुख्यालय भी है, एक उभरता हुआ व्यावसायिक केंद्र है, जहां सेवा क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है. सांस्कृतिक दृष्टि से यह क्षेत्र बेतिया राज और ध्रुपद संगीत की बेतिया घराना परंपरा के लिए जाना जाता है.
भौगोलिक दृष्टि से, बेतिया पटना से लगभग 225 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है. मोतिहारी यहां से 65 किलोमीटर पूर्व में और बगहा 70 किलोमीटर पश्चिम में है. बेतिया जंक्शन मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेल लाइन पर एक प्रमुख स्टेशन है, जिससे यह अच्छी तरह सड़क और रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है. नेपाल के नजदीकी शहरों में बीरगंज (44 किमी), कलैया, पिपरा सिमरा, गौर और हेटौड़ा (55 से 90 किमी दूर) प्रमुख हैं.
1951 में स्थापित इस सीट पर अब तक 18 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 1952 के आम चुनाव के तुरंत बाद हुआ उपचुनाव भी शामिल है. प्रारंभिक दशकों में कांग्रेस का दबदबा रहा, जिसने 1952 से 1985 के बीच हुए 10 में से 9 चुनाव जीते। केवल 1967 में एक निर्दलीय उम्मीदवार ने कांग्रेस को पराजित किया था.
भाजपा ने 1990 में पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की और इसके बाद से अब तक छह बार यहां से चुनाव जीता है. उसे 1995 में जनता दल और 2015 में कांग्रेस के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा. 2015 में भाजपा और जदयू के गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस ने 2,851 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी.
भाजपा की वरिष्ठ नेता और बिहार की पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने इस सीट से पांच बार जीत दर्ज की है. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी को 18,079 वोटों के अंतर से हराया. रेणु देवी को 84,496 (52.83%) और तिवारी को 66,417 (41.53%) वोट मिले. कुल मतदान प्रतिशत 56.26 रहा.
2020 विधानसभा चुनाव में बेतिया में कुल 2,84,268 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें से अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 36,214 (12.74%), अनुसूचित जनजाति के 2,184 (0.77%) और मुस्लिम मतदाता 42,376 (14.9%) थे. यादव, ब्राह्मण, भूमिहार और वैश्य समुदाय भी यहां बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जिनमें शहरी क्षेत्रों में वैश्य समुदाय की भूमिका अहम मानी जाती है.
2024 के लोकसभा चुनाव तक यहां के मतदाताओं की संख्या मामूली बढ़कर 2,90,244 हो गई थी. निर्वाचन आयोग के अनुसार, 2020 की मतदाता सूची में से 3,927 मतदाता 2024 तक क्षेत्र से बाहर चले गए थे.
2009 से अब तक भाजपा ने पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट से लगातार चार बार जीत दर्ज की है और हर बार बेतिया विधानसभा क्षेत्र में भी उसे बढ़त मिली है. इस पृष्ठभूमि में भाजपा 2025 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बढ़त के साथ उतरेगी. हालांकि, कांग्रेस और राजद का नया तालमेल और स्थानीय जातीय समीकरणों में हो रहे बदलाव बेतिया को एक रोचक मुकाबले का केंद्र बना सकते हैं, जहां मामूली अंतर भी परिणाम को प्रभावित कर सकता है.
(अजय झा)
BJP
INC
JSP
JGJP
SWP
IND
Nota
NOTA
Madan Mohan Tiwari
INC
Nota
NOTA
Avkash Kumar Gupta
PP
Parwez Alam
NCP
Sitaram Sahani
RTMGP
Samir Hasan
IND
Savita Singh Nepali
JAP(L)
Nandlal Prasad
AKP
Yuvraj Navin Singh
BPCP
Barkat Ahmad
JSHD
बिहार चुनाव में लगभग 18% मुस्लिम आबादी के वोटों को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. एक ओर तेजस्वी यादव का महागठबंधन अपने पारंपरिक मुस्लिम-यादव (M-Y) समीकरण को साधने में जुटा है, तो वहीं असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी इस वोट बैंक में अपनी हिस्सेदारी के लिए जोर लगा रही हैं. सीमांचल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में ओवैसी के प्रभाव से वोटों के बंटवारे की आशंका बढ़ गई है, जैसा 2020 के चुनाव में हुआ था जब उनकी पार्टी ने 5 सीटें जीतकर महागठबंधन को सत्ता से दूर करने में भूमिका निभाई थी.
बिहार की सियासत महिला मतदाताओं पर केंद्रित हो गई है, जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'महिला रोजगार योजना' के तहत दी जा रही 10,000 रुपये की राशि और तेजस्वी यादव के 30,000 रुपये देने के वादे पर राजनीतिक घमासान छिड़ा है. एक ओर जहाँ सत्ता पक्ष 'जीविका' और 'लखपति दीदी' जैसी योजनाओं से महिला सशक्तिकरण का दावा कर रहा है, वहीं विपक्ष इसे वोट खरीदने का प्रयास बता रहा है. देखें बहस बाजीगर.
बिहार चुनाव के अंतिम चरण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेतिया और सीतामढ़ी में NDA के समर्थन में जनसभाएं कीं. उन्होंने RJD और कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार की जनता ने पहले चरण में ही 'जंगलराज गैंग' को 65 वोल्ट का झटका दे दिया है. उन्होंने कहा कि अब वह सीधे एनडीए सरकार के शपथग्रहण में आएंगे.
आज तक की विशेष पेशकश 'पदयात्रा बिहार' में श्वेता सिंह पश्चिमी चंपारण के चुनावी मिजाज को टटोल रही हैं, जहां नीतीश कुमार के 'सुशासन' और लालू यादव के 'जंगलराज' की यादों के बीच प्रशांत किशोर की 'जन सुराज' एक नया विकल्प बनकर उभर रही है.
गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर बिहार के दौरे पर हैं. यह उनका 8 दिन में दूसरा बिहार दौरा है. वे 2 दिन के लिए बिहार में रहेंगे. इस दौरान वे बेतिया में बीजेपी नेताओं से संवाद करेंगे. इसके बाद शाम को पटना में एक बड़ी बैठक करेंगे. शनिवार को अमित शाह समस्तीपुर और अररिया भी जाएंगे.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पटना के सदाकत आश्रम में 200 महिलाओं के साथ सीधा संवाद करेंगी. इस महिला संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदी, मनरेगा मजदूर, आंगनवाड़ी महिलाएं, आशा वर्कर, वकील, डॉक्टर और घरेलू सहायिका सहित हर वर्ग की महिलाओं को शामिल किया गया है. एक दिन पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी पटना में महिला संवाद कार्यक्रम में मां योजना का ऐलान किया था.
बिहार चुनाव से पहले बीजेपी की मैराथन बैठकें जारी हैं. इसी क्रम में गृहमंत्री अमित शाह आज बिहार के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे. अमित शाह पटना और बेतिया में कई महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल होंगे. इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य आगामी चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करना और पार्टी की आगे की रणनीति तय करना है.
प्रियंका गांधी वाड्रा आज चंपारण के मोतिहारी में रैली करेंगी. महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में कांग्रेस पार्टी उन्हीं के विचारों को आगे बढ़ा रही है. सोनिया गांधी की रैली भी इसी मैदान में हुई थी. प्रियंका गांधी के आने पर भीड़ जुटने और कांग्रेस के प्रति जागरूकता बढ़ने की बात कही गई. इधर अमित शाह बेतिया में कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं, जबकि प्रियंका गांधी मोतिहारी में रैली करेंगी.
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओ.पी. राजभर ने बिहार विधानसभा चुनाव पर कहा, "NDA गठबंधन के सामने यह (INDIA गठबंधन) लोग टिक नहीं पा रहे हैं. जनता ने वहां कांग्रेस को झेला है, RJD को झेला है...RJD के समय में वहां जंगलराज रहा, आज दलगत राजनीति से भी ऊपर उठकर देखा जाए तो बिहार में तीन चीजें मिल गई हैं.
राहुल गांधी की बिहार में 'वोट अधिकार यात्रा' का आज 11वां दिन है. इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ आज प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी, सीतामढ़ी में जानकी मंदिर में पूजा का कार्यक्रम भी है. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह यात्रा जनता को जागरूक करने के लिए है और इसमें सभी विपक्षी दल एकजुटता का संदेश दे रहे हैं.