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Bihar Election Result 2025 Live: रामनगर (एससी) विधानसभा सीट पर BJP को दोबारा मिली जीत
Bihar Election Result 2025 Live: रामनगर (एससी) विधानसभा सीट पर BJP को दोबारा मिली जीत
Ramnagar (SC) Vidhan Sabha Chunav Result Live: बिहार के चम्पारण क्षेत्र में पार्टियों/गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Ramnagar (SC) Vidhan Sabha Result Live: रामनगर (एससी) सीट पर बड़ा उलटफेर! जानिए क्या कह रहे ताजा आंकड़े
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Bihar Election Results Live: बिहार चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित रामनगर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है. यह क्षेत्र 1962 में एक सामान्य सीट के रूप में अस्तित्व में आया था, लेकिन 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर इसे आरक्षित घोषित किया गया, जो 2010 के विधानसभा चुनावों से प्रभावी हुआ. यह विधानसभा क्षेत्र वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और रामनगर व गौन्हा प्रखंडों को सम्मिलित करता है.
रामनगर मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, यहां केवल 19.40% मतदाता शहरी हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल 2,95,933 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें 60,074 मुस्लिम (20.30%), 41,774 अनुसूचित जाति (16.76%) और 39,632 अनुसूचित जनजाति (15.91%) मतदाता शामिल थे. थारू जनजाति की विशेष उपस्थिति भी यहां देखी जाती है. 2024 के लोकसभा चुनावों तक यह आंकड़ा बढ़कर 3,10,197 हो गया. प्रशासनिक रूप से यह क्षेत्र 'नोटिफाइड एरिया' है, यानी न तो पूरी तरह गांव और न ही पूर्ण नगर.
भौगोलिक दृष्टि से रामनगर भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित है. यह पटना से लगभग 275 किमी उत्तर-पश्चिम में और जिला मुख्यालय बेतिया से करीब 65 किमी पश्चिम में है. नजदीकी प्रमुख रेलवे स्टेशन नरकटियागंज जंक्शन है, जो 9 किमी दूर है. आसपास के प्रमुख कस्बों में बगहा (30 किमी), वाल्मीकि नगर (28 किमी), लौरिया (40 किमी) और रक्सौल (56 किमी) शामिल हैं, जबकि नेपाल का कृष्णा नगर करीब 45 किमी उत्तर में स्थित है.
रामनगर में अब तक कुल 15 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. 1967 से 1985 तक कांग्रेस ने लगातार छह चुनाव जीते और यहां उसकी मजबूत पकड़ थी. लेकिन 1990 के दशक में मतदाताओं का रुझान भाजपा की ओर मुड़ गया. 1990 में पहली बार भाजपा ने जीत हासिल की, फिर 2000 से अब तक लगातार छह बार जीतकर कुल सात बार यह सीट अपने नाम की है.
2010 में जब यह सीट आरक्षित हुई, तब भी भाजपा का वर्चस्व बना रहा. पार्टी ने तीन बार के विधायक चंद्र मोहन राय की जगह भागीरथी देवी को उम्मीदवार बनाया, जो नरकटियागंज प्रखंड कार्यालय में एक पूर्व सफाईकर्मी और महादलित समुदाय से थीं. उन्होंने 2010 में 29,782 वोटों से जीत हासिल की और 2015 तथा 2020 में भी क्रमशः 17,988 और 15,796 वोटों से जीत दर्ज की. कांग्रेस, जो राजद गठबंधन की ओर से मैदान में रही, हर बार नया उम्मीदवार उतारती रही लेकिन उल्लेखनीय प्रभाव नहीं छोड़ सकी.
लोकसभा चुनावों में भी रामनगर में एनडीए का प्रदर्शन मजबूत रहा है. 2009 से अब तक भाजपा या उसके सहयोगी दलों ने यहां लगातार बढ़त बनाए रखी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू (भाजपा की सहयोगी) ने वाल्मीकि नगर सीट जीती और रामनगर में 16,035 वोटों की बढ़त हासिल की. यह सिलसिला भाजपा की जमीनी पकड़ को दर्शाता है.
रामनगर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. धान, मक्का, गेहूं और तिलहन मुख्य फसलें हैं. पहले यहां गन्ने की खेती प्रमुख थी, जिसे बगहा और नरकटियागंज की चीनी मिलें सहारा देती थीं, लेकिन अब इसका प्रभाव घटा है. पंजाब और दिल्ली की ओर प्रवास आज भी आम आजीविका का साधन है. नेपाल से सीमावर्ती व्यापार भी यहां के आर्थिक जीवन का हिस्सा है. नरकटियागंज इस क्षेत्र का प्रमुख व्यापारिक केंद्र बना हुआ है.
रामनगर सिर्फ राजनीतिक रूप से ही नहीं, सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि वाल्मीकि ऋषि का आश्रम यहीं कहीं स्थित था. नेपाल सीमा पर पहाड़ियों पर बना सुमेश्वर किला आज भी ऐतिहासिक विरासत के रूप में देखा जाता है. इस किले से नेपाल की घाटियां और दूर हिमालय की चोटियां भी दिखाई देती हैं.
2025 के आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में रामनगर भाजपा का मजबूत गढ़ बना हुआ है. विधानसभा और लोकसभा दोनों स्तरों पर पार्टी की स्थायी जीत उसकी गहरी जड़ें दर्शाती है. विपक्ष के लिए यह सीट पूरी तरह असंभव नहीं, लेकिन यहां जीत के लिए उसे एक ठोस, जमीनी और वैकल्पिक रणनीति की आवश्यकता होगी, जो कि पिछले तीन दशकों में वो नहीं कर पाया है. रामनगर अब भी उनके लिए सबसे कठिन चुनावी मोर्चों में से एक बना हुआ है.
(अजय झा)
Rajesh Ram
INC
Subodh Kumar
BPCP
Nota
NOTA
Lorik Das
FKP
Lokesh Ram
RLSP
Ramayan Paswan
IND
Vinay Ram
JDR
Awadh Kishore Ram
IND
Ayush Kumar
IND
Ram Naresh Baitha
IND
Champa Devi
PP
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
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बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
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