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भारत का नया ‘आसमानी शिकारी’ तैयार... बाज ड्रोन जल्द होगा सेना में शामिल

भारतीय सेना का स्वदेशी ‘बाज’ अटैक ड्रोन अब बड़े पैमाने पर बनेगा. दुनिया का पहला ड्रोन जो हवा से रॉकेट लॉन्चर दाग सकता है. टैंक-बंकर उड़ाने, जासूसी और सप्लाई – सब करेगा. पूरी तकनीक निजी कंपनियों को सौंपी गई. 2026-27 से सेना में शामिल होगा.

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ये है भारतीय सेना का नया बाज ड्रोन. (Photo: ITG)
ये है भारतीय सेना का नया बाज ड्रोन. (Photo: ITG)

भारतीय सेना का स्वदेशी ‘बाज’ (Baaz) अटैक ड्रोन अब बड़े पैमाने पर बनने को तैयार है. सेना ने इसकी पूरी तकनीक (Transfer of Technology – ToT) निजी भारतीय कंपनियों को सौंप दी है. अब ये ड्रोन पूरी तरह मेड इन इंडिया बनेंगे और जल्द ही सेना में शामिल हो जाएंगे. ‘बाज’ को कर्नल विकास चतुर्वेदी ने खुद डिजाइन किया है. ये दिखाता है कि जब सेना का अनुभव और निजी कंपनियों की तेजी मिलती है तो कितनी खतरनाक देसी तकनीक बन सकती है.

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‘बाज’ ड्रोन की सबसे बड़ी खासियतें

  • दुश्मन के टैंक, बंकर, हथियार डिपो को दूर से ही उड़ा सकता है. 
  • कई तरह के हथियार ले जा सकता है – रॉकेट, ग्रेनेड, छोटी मिसाइलें.
  • दुश्मन के इलाके में जासूसी, निगरानी, सामान पहुंचाना – सब कर सकता है.
  • दुनिया का पहला ऐसा ड्रोन जो हवा में रहते हुए लॉन्चर से रॉकेट दाग सकता है.  
  • कैमरे से सीधा निशाना लगाकर सटीक हमला करता है, फिर सुरक्षित वापस लौट आता है.  
  • पूरी तरह ऑटोनॉमस – खुद उड़ान भरता है. पहले से तय रास्ते पर जाता है. जरूरत पड़े तो मैनुअल कंट्रोल भी.  

मतलब एक ही ड्रोन से जासूसी भी, हमला भी और सप्लाई भी.

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सबसे बड़ी बात – रॉकेट दागने वाला ड्रोन

अब तक दुनिया में कोई ड्रोन सिर्फ छोटे बम या ग्रेनेड गिराते थे. ‘बाज’ पहला ड्रोन है जो पूरा रॉकेट लॉन्चर (जैसे RPG या एंटी-टैंक रॉकेट) ले जाकर हवा से दाग सकता है. इससे टैंक, बख्तरबंद गाड़ी या बंकर को दूर से ही खत्म किया जा सकता है. कैमरा और हथियार की साइट आपस में जुड़ी हैं, इसलिए गोली या रॉकेट 100% निशाने पर लगता है.

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अब क्या होगा?

  • निजी कंपनियां बड़े नंबर में ‘बाज’ बनाएंगी.  
  • 2026-27 से सेना की रेजिमेंट्स में शामिल होना शुरू.  
  • एक स्क्वाड्रन में 20-30 ड्रोन होंगे.  
  • सीमा पर तैनात सैनिकों को तुरंत ताकत मिलेगी.  
  • एक्सपोर्ट की भी बड़ी संभावना – कई देश पहले से पूछताछ कर रहे हैं.

सेना के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि बाज सिर्फ ड्रोन नहीं, भविष्य का हथियार है. ये दुश्मन के टैंक को 5-10 किमी दूर से ही खत्म कर देगा. जवान सुरक्षित रहेंगे और दुश्मन को पता भी नहीं चलेगा हमला कहां से आया. कर्नल विकास चतुर्वेदी ने कहा कि ये उन जवानों के लिए बनाया है जो बॉर्डर पर जान जोखिम में डालते हैं. अब ड्रोन उनकी ढाल और तलवार दोनों बनेगा. बाज ने साबित कर दिया – भारत अब सिर्फ ड्रोन खरीदता नहीं, दुनिया को डराने वाले ड्रोन बनाता है.

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