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120 km वाले रॉकेट ने ऑपरेशन सिंदूर में कर दी थी PAK की हालत खराब... अब आ रहा है 300 km वाला पिनाका

ऑपरेशन सिंदूर में 120 किमी वाला पिनाका ने पाकिस्तान के बंकर-कैंप मिनटों में उड़ा दिए. अब 300 किमी रेंज वाला पिनाका-Mk4 आ रहा है – 20 सेकंड में 12 रॉकेट दागने की क्षमता. रास्ता बदलने वाला, सिर्फ 25% कीमत में मिसाइल से ज्यादा तबाही. 2030 तक सेना में शामिल.

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ये है पिनाका का वर्तमान वैरिएंट जिसने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाई थी. (File Photo: PTI)
ये है पिनाका का वर्तमान वैरिएंट जिसने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाई थी. (File Photo: PTI)

ऑपरेशन सिंदूर – यह नाम भारत की सैन्य इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा. 7 मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी कैंपों पर 24 सटीक हमले किए. इसमें स्वदेशी पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) ने 120 किमी दूर सप्लाई लाइन, बंकर और स्टेजिंग एरिया को मिनटों में नेस्तनाबूद कर दिया.

DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत के मुताबिक यह हमला 'डिटरेंस बाय पनिशमेंट' का बेहतरीन उदाहरण था – पाकिस्तान को सजा देकर अगली बार सोचने पर मजबूर किया. अब कल्पना कीजिए, जब 300 किमी रेंज वाला नया पिनाका-Mk4 साल 2030 तक सेना में शामिल हो जाएगा, तो दुश्मन का क्या हाल होगा?

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पिनाका का 'फर्स्ट स्ट्राइक' जिसने पाकिस्तान को कंपा दिया 

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हुई, जिसमें 26 निर्दोष मारे गए. भारत ने पाकिस्तान को दोषी ठहराया, लेकिन पाकिस्तान ने इनकार किया. 7-8 मई की आधी रात को भारत ने 9 आतंकी ठिकानों पर हमला बोला – 5 पाक-अधिकृत कश्मीर में, 4 पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में. 

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पिनाका की भूमिका: Mk-3 वेरिएंट (120 किमी रेंज) ने ब्रह्मोस मिसाइल, राफेल जेट्स (SPICE-2000 और HAMMER बमों से लैस) और स्मर्च के साथ मिलकर 24 स्ट्राइक्स किए. एक बैटरी (6 लॉन्चर) ने 44 सेकंड में 72 रॉकेट दागे, जो 1,000 x 800 मीटर इलाके को तबाह करने में सक्षम हैं.

सैटेलाइट इमेज से साबित हुआ – मुरिदके, सियालकोट और जैकोबाबाद के कैंप ध्वस्त हो गए. 100+ आतंकी मारे गए, जिनमें IC-814 अपहरण और पुलवामा ब्लास्ट के आरोपी शामिल थे.

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पाकिस्तान का जवाब और भारत की ढाल: पाक ने ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी हमला किया (श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट पर). लेकिन भारत का S-400, इंटीग्रेटेड काउंटर-ड्रोन ग्रिड और पिनाका ने सब नाकाम कर दिया. आर्मी ने वीडियो जारी कर कहा कि हमारी सेना आग की अटल दीवार है. कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ बल्कि इंडस वॉटर ट्रीटी को भारत ने सस्पेंड कर दिया.

यह ऑपरेशन उरी स्ट्राइक (2016) और बालाकोट (2019) से आगे का कदम था – गहराई, सटीकता और जोखिम में वृद्धि हुई. रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) के अनुसार, इससे भारत की 'कैलिब्रेटेड फोर्स' स्ट्रैटेजी मजबूत हुई.

Pinaka Mk4 Operation Sindoor

पिनाका का सफर: 38 किमी से 300 किमी तक की उड़ान

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पिनाका (भगवान शिव के धनुष का नाम) DRDO ने 1986 में विकसित किया, रूसी ग्रैड-स्मर्च को रिप्लेस करने के लिए. कारगिल युद्ध (1999) में पहली बार इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तानी बंकर उड़ाए. आज 4 रेजिमेंट (72+ लॉन्चर) तैनात, 2030 तक 22 रेजिमेंट होंगी.

 क्यों Mk4 दुश्मन के लिए 'गेम-चेंजर' बनेगा?

पिनाका रॉकेट सॉलिड फ्यूल पर चलता है, जो बैलिस्टिक मिसाइल जैसी तेजी देता है. Mk4 में...

  • क्वासी-बैलिस्टिक ट्रैजेक्टरी: ऊंची परबोला उड़ान (100+ किमी ऊंचाई), फिर तेज नीचे की ओर. दुश्मन के एयर डिफेंस (जैसे पाक का HQ-9) को चकमा दे सकता है. 
  • एवेसिव मैन्यूवर्स: थ्रॉटेबल प्रोपल्शन से बीच में दिशा बदलाव. रडार से बचाव, 70% हिट रेट बढ़ाता है.
  • ट्रिपल गाइडेंस: GPS (सैटेलाइट), INS (इनर्शियल नेविगेशन – कंपास+एक्सेलरोमीटर), एक्टिव रडार (टर्मिनल फेज में लक्ष्य लॉक). GPS जाम होने पर भी CEP 2 मीटर – सटीकता ऐसी कि एक रॉकेट ब्रिज या रडार साइट उड़ा सकता है.
  • रैपिड फायर: 20 सेकंड में 12 रॉकेट – एक रेजिमेंट (18 लॉन्चर) 216 रॉकेट दागकर 300 किमी दूर पूरे एयरबेस को तबाह कर देगी. पेलोड: क्लस्टर म्यूनिशन या लोइटरिंग ड्रोन भी लॉन्च कर सकते हैं. 
  • लागत-लाभ: एक Mk4 रॉकेट 4-5 करोड़ में, जबकि ब्रह्मोस मिसाइल 15-20 करोड़. 25% कीमत में 4 गुना तबाही. 

वैज्ञानिक रूप से, यह आर्टिलरी और टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल के बीच पुल है. RAND सिमुलेशन के अनुसार, Mk4 से भारत की डीप-स्ट्राइक क्षमता 3 गुना बढ़ेगी.

Mk4 कहां-कहां तबाही मचाएगा? 

  • चीन सीमा (लद्दाख-अरुणाचल): 300 किमी में तिब्बत के एयरफील्ड या मिसाइल साइट्स को निशाना बना सकता है. हाई-ऑल्टिट्यूड ऑपरेशन में बेहतरीन. 
  • पाकिस्तान LOC: इस्लामाबाद या कराची के लॉजिस्टिक्स को सीधा नुकसान. सिंदूर जैसा हमला लेकिन 5 गुना गहरा.
  • कोस्टल डिफेंस: अंडमान से दुश्मन नौसेना को 300 किमी दूर डुबो सकेगा. एंटी-शिप वेरिएंट संभव.
  • ग्लोबल एक्सपोर्ट: फ्रांस सक्रिय बातचीत में – भारत का पहला MBRL एक्सपोर्ट. 22 रेजिमेंट से एक्स्ट्रा प्रोडक्शन एक्सपोर्ट के लिए.

कब और कैसे आएगा 'रॉकेट का राजा'?

  • टाइमलाइन: Mk-3 2028, Mk-4 2030 इंडक्शन. 5-वर्षीय DRDO प्लान – आर्टिलरी मॉडर्नाइजेशन का हिस्सा.
  • उत्पादन: 10 रेजिमेंट पहले (180 लॉन्चर). निजी कंपनियां (टाटा, L&T) से 50% शेयर.
  • सेना का कॉन्फिडेंस: सिंदूर में 120 किमी पिनाका वैरिएंट ने पाक को रुलाया. 300 किमी आएगा तो वो हमला करने की हिम्मत नहीं करेंगे. यह भारत का नया हथियार है.
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